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उज्जैन की नव्या त्रिवेदी का कमाल: NDA में चयनित होकर बनीं मध्यप्रदेश की पहली महिला फ्लाइंग ऑफिसर

उज्जैन की नव्या त्रिवेदी का कमाल: NDA में चयनित होकर बनीं मध्यप्रदेश की पहली महिला फ्लाइंग ऑफिसर

उज्जैन, मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक नगरी, अब देश की रक्षा सेवाओं के इतिहास में भी अपना नाम दर्ज करवा रही है। यहां की होनहार बेटी नव्या त्रिवेदी ने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में चयन पाकर नया इतिहास रच दिया है। न

उज्जैन: मध्यप्रदेश की धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी उज्जैन ने एक बार फिर गर्व महसूस किया है। यहां की बेटी नव्या त्रिवेदी ने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में चयन पाकर नया इतिहास रच दिया है। वह ना सिर्फ उज्जैन से, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश से पहली युवती हैं जो NDA के ज़रिए एयरफोर्स में बतौर फ्लाइंग ऑफिसर शामिल होंगी।

इस कामयाबी के साथ ही नव्या हजारों लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। उनका सपना है कि वह देश की सेवा उसी जोश और जज्बे से करें जैसे कर्नल सोफिया कुरैशी ने किया था, जिनसे वह प्रेरित हैं।

शिक्षा और तैयारी की कहानी

नव्या का शुरुआती पढ़ाई उज्जैन के एक साधारण स्कूल से हुई। वह शुरू से ही मेधावी छात्रा रही हैं, लेकिन उनके सपनों को पंख तब मिले जब उन्होंने 10वीं के बाद ही तय कर लिया कि वह वायुसेना में जाना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने 12वीं के बाद NDA की परीक्षा की तैयारी शुरू की। उन्होंने बताया, “मेरे लिए यह सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि देश के प्रति मेरा कर्तव्य है। 

मैं जब भी यूनिफॉर्म में महिला ऑफिसर को देखती थी, तो खुद को वहां महसूस करती थी। उनके पिता राजेश त्रिवेदी एक बैंक में कार्यरत हैं और मां गृहिणी हैं। परिवार ने शुरू से नव्या को प्रेरित किया और बेटी के फैसले पर पूरा भरोसा जताया।

रोल मॉडल बनीं नव्या

NDA की परीक्षा पुरुषों के लिए पहले से होती आ रही थी, लेकिन महिलाओं के लिए यह अवसर कुछ वर्षों पूर्व ही शुरू हुआ है। प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक होती है क्योंकि महिला सीटें सीमित होती हैं। नव्या ने न केवल लिखित परीक्षा पास की बल्कि SSB इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट भी शानदार ढंग से उत्तीर्ण किया। उनका चयन वायुसेना विंग के लिए हुआ है, जिसमें ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वह बतौर फ्लाइंग ऑफिसर शामिल होंगी।

नव्या बताती हैं कि उन्हें कर्नल सोफिया कुरैशी की जीवनगाथा ने गहराई से प्रेरित किया। सोफिया पहली महिला अधिकारी थीं जिन्होंने UN मिशन का नेतृत्व किया। नव्या कहती हैं, “मैं चाहती हूं कि देश की सेवा में मेरा नाम भी उसी तरह लिया जाए – ईमानदारी, बहादुरी और समर्पण के साथ।

प्रशासन और शहर में खुशी की लहर

नव्या की इस उपलब्धि पर उज्जैन जिले के प्रशासन से लेकर स्कूल और कोचिंग संस्थानों ने गर्व व्यक्त किया है। जिला कलेक्टर ने नव्या को विशेष रूप से सम्मानित करने की घोषणा की है। शहर के युवाओं और खासकर लड़कियों में एक नई ऊर्जा देखी जा रही है। कोचिंग सेंटरों में भी NDA के लिए लड़कियों की पूछताछ अचानक बढ़ी है।

नव्या की मां नीलिमा कहती हैं, हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारी बेटी एक दिन फाइटर प्लेन उड़ाएगी। लेकिन उसने साबित कर दिया कि अगर इरादा पक्का हो, तो कोई सपना अधूरा नहीं रहता। पिता ने भावुक होकर कहा, “बेटियां किसी से कम नहीं होतीं – आज नव्या ने यह साबित कर दिखाया है।

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