मध्य प्रदेश के उमरिया और मैहर में नवरात्रि के दौरान 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक अंडा, मांस और मछली की दुकानों पर बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। व्यापारियों ने प्रशासन के एकतरफा निर्णय पर विरोध जताया है।
उमरिया: नवरात्रि के शुरू होते ही उमरिया जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। जिले में दो अक्टूबर तक अंडा, मांस और मछली की दुकानों पर पूरी तरह से बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। यह निर्णय जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक में लिया गया। प्रशासन का कहना है कि नवरात्रि के दौरान जिले में भक्तिमय और शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखना प्राथमिकता है। हालांकि, इस फैसले पर अंडा और मांस-मछली व्यवसाय से जुड़े लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिली है। उनका कहना है कि प्रशासन ने उनसे राय नहीं ली और यह एकतरफा निर्णय है।
उमरिया कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि दुर्गा पूजा और नवरात्रि को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित की गई थी। इसमें जिले के गणमान्य नागरिकों और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में यह सुझाव आया कि नवरात्रि के दौरान अंडा, मांस और मछली की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, ताकि धार्मिक माहौल और उपवास का अनुभव बाधित न हो। कलेक्टर ने कहा कि इस दिशा में निरीक्षण और कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
त्योहार में धार्मिक पवित्रता बनाए रखने के लिए लिया फैसला
विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व जिला मंत्री ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि नवरात्रि के नौ दिनों में भक्तिमय वातावरण बनाना आवश्यक है। यदि इस दौरान बाजार में मांस-मछली और अंडा जैसी दुकानें खुली रहें, तो यह भक्तों के मन को प्रभावित करता है। उनका कहना था कि यह निर्णय स्वागत योग्य है क्योंकि इससे त्योहार की पवित्रता बनी रहती है और लोगों के मन में घृणा या असहजता नहीं पैदा होती।
धर्म और संस्कृति के दृष्टिकोण से यह कदम कुछ लोगों को उचित लगा, लेकिन व्यवसाय से जुड़े लोग इसे उचित नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को व्यापारियों की समस्याओं और उनके परिवार की रोजमर्रा की जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए।
अंडा और मांस विक्रेताओं ने फैसले का विरोध किया
थोक अंडा व्यापारी अनिल कुमार ने बताया कि उनके धंधे पर इस फैसले से गंभीर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 38 वर्षों में उन्होंने कभी ऐसा प्रतिबंध नहीं देखा। अब नौ दिनों तक दुकान बंद रहने से उनका सारा स्टॉक खराब हो जाएगा। इसके अलावा उनके परिवार और कर्मचारियों की रोजमर्रा की आजीविका भी प्रभावित होगी।
व्यापारी यह भी कहते हैं कि प्रशासन ने किसी से संपर्क नहीं किया और यह निर्णय एकतरफा लिया गया। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि त्योहार के दौरान कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं तो समान रूप से अन्य व्यवसायों जैसे शराब की दुकानों पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उनका कहना है कि केवल मांस-मछली और अंडा विक्रेताओं पर रोक लगाना उचित नहीं है।
नवरात्रि में भक्तिमय माहौल बनाए रखने के निर्देश
जिला प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से लिया गया है। शांति समिति ने यह तय किया कि नवरात्रि के दौरान भक्तिमय माहौल बनाए रखने के लिए किसी भी तरह की बिक्री से बचना जरूरी है। प्रशासन यह भी सुनिश्चित करेगा कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले प्रतिष्ठानों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
नगर पालिका परिषद उमरिया क्षेत्र में निर्देश जारी किए गए हैं कि 22 सितंबर से दो अक्टूबर तक सभी अंडा, मांस, मछली और मटन विक्रेता अपनी दुकानें बंद रखें। प्रशासन ने यह भी कहा कि इस दौरान किसी तरह की अनियमितता न हो, इसके लिए नियमित निरीक्षण किया जाएगा।
उमरिया में व्यापारियों और प्रशासन के बीच विवाद
व्यापारियों का कहना है कि यह फैसला उनके लिए आर्थिक रूप से हानिकारक है। उनका मानना है कि प्रशासन ने बिना सलाह-मशविरा किए एकतरफा निर्णय लिया। वहीं, प्रशासन का कहना है कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना प्राथमिकता है। इस फैसले से उमरिया में त्योहार के दौरान शांति बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।
इस विवाद ने जिले में चर्चा का विषय बना दिया है। जबकि भक्त इसे स्वागत योग्य कदम मानते हैं, वहीं कारोबारियों में चिंता और नाराजगी देखी जा रही है। अब यह देखने की बात होगी कि प्रशासन और व्यापारियों के बीच संतुलन बनाए रखा जा सकता है या नहीं।