तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने देश के उपराष्ट्रपति पद को लेकर बड़ा राजनीतिक संकेत दिया है। उन्होंने कहा है कि इस बार उपराष्ट्रपति का पद तेलंगाना को मिलना चाहिए और इसके लिए उन्होंने हरियाणा के राज्यपाल और वरिष्ठ बीजेपी नेता बंडारू दत्तात्रेय का नाम सुझाया है। साथ ही रेवंत रेड्डी ने केंद्र की एनडीए सरकार और बीजेपी की नीतियों पर तीखा हमला करते हुए क्षेत्रीय और ओबीसी प्रतिनिधित्व की अनदेखी का आरोप लगाया है।
उपराष्ट्रपति के लिए बंडारू दत्तात्रेय का नाम आगे बढ़ाया
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि भारत का उपराष्ट्रपति इस बार तेलंगाना से होना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पूर्व में भी तेलुगु भाषी नेताओं के साथ अन्याय हुआ है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को राष्ट्रपति पद का दावेदार माना जा रहा था, लेकिन उन्हें दिल्ली से वापस भेज दिया गया।
रेवंत रेड्डी ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि पार्टी तेलंगाना में ओबीसी नेताओं को महत्व नहीं देती। उन्होंने कहा कि जब बंडारू दत्तात्रेय केंद्रीय मंत्री थे, तो उनका पद जी. किशन रेड्डी को दे दिया गया। इसी तरह बंदी संजय को भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर ब्राह्मण समुदाय से आने वाले रामचंदर राव को कमान सौंप दी गई।
रेड्डी ने बंडारू दत्तात्रेय के समर्थन में कहा कि अगर 100 गलतियां भी माफ करनी पड़े, तो भी उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए।
एनडीए पर तीखा हमला
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर भी बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र जैसी साजिश को बिहार में दोहराने की कोशिश कर रही है। रेड्डी ने कहा कि जब तक भाजपा-एनडीए सत्ता में रहेगी, देश खतरे में रहेगा।
उन्होंने दावा किया कि बीजेपी दक्षिण भारत, विशेषकर तेलंगाना में ओबीसी समुदायों के राजनीतिक अधिकारों को लगातार खत्म कर रही है। रेवंत ने जनता से अपील करते हुए कहा कि यदि देश को इस खतरे से बचाना है, तो एनडीए सरकार को सत्ता से हटाना ही एकमात्र रास्ता है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की अटकलों पर पूछे गए सवाल पर रेड्डी ने कहा कि उन्हें इस्तीफे के कारण की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर उन्होंने इस्तीफा दिया है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
जाति सर्वेक्षण मॉडल की देंगे प्रस्तुति
रेवंत रेड्डी दिल्ली दौरे पर हैं और गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ में सांसदों के सामने तेलंगाना के जाति सर्वेक्षण मॉडल की विस्तृत जानकारी देंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्तुति में सर्वेक्षण की पूरी कार्यप्रणाली, जुटाए गए आंकड़ों और उसके सामाजिक-राजनीतिक महत्व को लेकर चर्चा की जाएगी।
इसके अलावा, रेड्डी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इन बैठकों में पार्टी संगठन, तेलंगाना में सरकार के प्रदर्शन और आगामी चुनावों की रणनीति को लेकर मंथन हो सकता है।
रेवंत रेड्डी का यह पूरा बयान और दिल्ली दौरा न केवल क्षेत्रीय राजनीति बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। यह देखा जाना बाकी है कि उनके इस प्रस्ताव और तीखे हमलों पर बीजेपी क्या प्रतिक्रिया देती है।