अमेरिका में सरकारी शटडाउन जारी रहने से हवाई सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित हो गई हैं। स्टाफ की कमी के कारण एक हजार से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इसका असर उद्योग, अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखने को मिल रहा है।
US Shutdown: अमेरिका में सरकारी शटडाउन के कारण हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। फंडिंग की कमी से सरकारी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं और आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शटडाउन की वजह से रविवार को भी देश में एक हजार से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। इससे हवाई यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसका असर अब दूसरे देशों तक पहुंचना शुरू हो गया है।
उद्योग और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर शटडाउन जारी रहा तो इसका असर यात्रा उद्योग और अर्थव्यवस्था पर और अधिक गहरा हो सकता है। उड़ानों में 10% तक की कमी आने की संभावना जताई गई है। शनिवार सुबह उत्तरी कैरोलिना के चार्लोट हवाई अड्डे पर सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिला, जहां दोपहर तक 130 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं। इसके अलावा अटलांटा, शिकागो, डेनवर और न्यू जर्सी के न्यूर्क हवाई अड्डों पर भी उड़ानों में बड़ी बाधा देखी गई।
40 प्रमुख हवाई अड्डे प्रभावित

शटडाउन की वजह से अमेरिका के कई सरकारी कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं। इससे रडार केंद्रों और एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावरों में कर्मचारियों की कमी हो गई है। इसके चलते पूर्वी तट के न्यूयॉर्क शहर के आसपास कई हवाई अड्डों पर उड़ानें रद्द और लेट रहीं। अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने शटडाउन के बीच देशभर के 40 प्रमुख हवाई अड्डों पर उड़ानों को सीमित करने का आदेश दिया है। हालांकि सभी रद्दीकरण उसके आदेश से जुड़े नहीं हैं। कुल मिलाकर अभी रद्द उड़ानें देश की कुल उड़ानों का एक छोटा हिस्सा हैं, लेकिन यदि शटडाउन लंबा चला तो यह संख्या तेजी से बढ़ सकती है और 14 नवंबर तक 10% तक की कमी हो सकती है।
दूसरे देशों तक पहुंचा असर
शटडाउन का असर अब अमेरिका से बाहर भी दिखाई देने लगा है। अमेरिकी सैन्य अड्डों पर यूरोपीय देशों में काम कर रहे स्थानीय कर्मचारियों पर भी इसका असर पड़ा है। शटडाउन शुरू होने के लगभग छह सप्ताह बाद, इटली, पुर्तगाल और अन्य देशों में हजारों कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं। कुछ देशों ने अस्थायी रूप से खर्च उठाया है, इस उम्मीद में कि अमेरिका बाद में इसकी भरपाई करेगा। शटडाउन ने न केवल अमेरिकी यात्रियों बल्कि वैश्विक व्यापार को भी प्रभावित किया है, और विशेषज्ञों के अनुसार इससे राहत पाने के लिए जल्द समाधान जरूरी है।













