भारत में लाखों एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स के लिए हाई-रिस्क खतरा उत्पन्न हो गया है। CERT-In ने एंड्रॉयड 13, 14, 15 और 16 वर्जन में सुरक्षा खामियों की चेतावनी दी है। एजेंसी ने कहा है कि समय पर सिक्योरिटी पैच इंस्टॉल करने और सिस्टम अपडेट करने से साइबर अटैक से बचा जा सकता है। यूजर्स को फोन और ऐप्स हमेशा अपडेटेड रखने की सलाह दी गई है।
Android Security Warning: भारत में CERT-In ने एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स के लिए हाई-रिस्क सिक्योरिटी वार्निंग जारी की है। एजेंसी के मुताबिक, एंड्रॉयड 13, 14, 15 और 16 वर्जन वाले फोन इस खतरे से सबसे अधिक प्रभावित हैं। इस चेतावनी का उद्देश्य यूजर्स को साइबर अटैक से बचाना है। विशेषज्ञों ने कहा कि समय पर सिक्योरिटी पैच इंस्टॉल करना और ऑटोमैटिक अपडेट ऑन रखना जरूरी है। यह कदम स्मार्टफोन की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और डेटा चोरी या सिस्टम क्रैश के जोखिम को कम करेगा।
एंड्रॉयड यूजर्स के लिए हाई-रिस्क वार्निंग
देश में लाखों एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स के लिए बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने गूगल एंड्रॉयड के ऑपरेटिंग सिस्टम में सुरक्षा खामियों को लेकर हाई-रिस्क सिक्योरिटी वार्निंग जारी की है। एजेंसी के मुताबिक, एंड्रॉयड 13, 14, 15 और 16 वर्जन वाले फोन इस खतरे के सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जिनमें सिस्टम एक्सेस, डेटा चोरी और क्रैश होने का जोखिम है।

सुरक्षा खामियां और प्रभावित वर्जन
CERT-In की रिपोर्ट के अनुसार, एंड्रॉयड के विभिन्न वर्जन में बग आईडी, क्वालकॉम, NVIDIA, UNISOC और मीडियाटेक डिवाइसों में सुरक्षा कमजोरियां पाई गई हैं। साइबर अपराधी इन खामियों का फायदा उठाकर फोन को हैक कर सकते हैं। एजेंसी ने बताया कि समय पर सुरक्षा पैच इंस्टॉल करने से यह खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि एंड्रॉयड सिस्टम और ऐप्स को हमेशा अपडेटेड रखना जरूरी है। अपडेट करने से न केवल खामियां दूर होती हैं बल्कि नए फीचर्स और सुधार भी मिलते हैं।
यूजर्स के लिए जरूरी सलाह
यूजर्स को तुरंत अपने फोन की सेटिंग में जाकर “सिस्टम अपडेट” चेक करना चाहिए। अगर अपडेट उपलब्ध हो तो तुरंत इंस्टॉल करें। इसके अलावा, ऑटोमैटिक अपडेट ऑन करने से भविष्य में मैनुअल अपडेट की जरूरत नहीं पड़ेगी और फोन सुरक्षित रहेगा।
साइबर सुरक्षा जानकारों ने भी चेताया है कि बिना अपडेट के स्मार्टफोन और ऐप्स साइबर अटैक के लिए कमजोर बन सकते हैं। समय पर सुरक्षा पैच इंस्टॉल करना और सुरक्षित इंटरनेट प्रैक्टिस अपनाना बेहद जरूरी है।













