Columbus

वैश्विक तनाव के बीच RBI का बड़ा बयान, गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताई भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति

वैश्विक तनाव के बीच RBI का बड़ा बयान, गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताई भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति

टैरिफ टेंशन और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच RBI ने सतर्क रुख अपनाया है। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वृद्धि दर स्थिर है और खाद्य कीमतों में नरमी से मुद्रास्फीति फिलहाल अनुकूल है, लेकिन आने वाले महीनों में हल्की बढ़ोतरी संभव है। एमपीसी ने रेपो रेट 5.5% पर यथावत रखने का निर्णय लिया।

नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और भूराजनीतिक तनाव के बीच सावधानी बरतते हुए मौद्रिक नीति को स्थिर बनाए रखा है। 4 से 6 अगस्त को हुई एमपीसी बैठक में सभी छह सदस्यों ने रेपो रेट 5.5% पर बनाए रखने का समर्थन किया। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि अर्थव्यवस्था मजबूत और स्थिर है, हालांकि टैरिफ और अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता भविष्य में मुद्रास्फीति और विकास पर दबाव डाल सकते हैं।

स्थिर वृद्धि दर और महंगाई की स्थिति

गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि मौजूदा समय में भारत की वृद्धि दर स्थिर बनी हुई है। खाद्य कीमतों में हाल की नरमी ने महंगाई पर कुछ हद तक नियंत्रण में मदद की है। इससे उपभोक्ताओं और बाजार दोनों को राहत मिली है। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों में अस्थिरता और शुल्क से जुड़े मुद्दे भारत के लिए चुनौती बन सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल और कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर घरेलू महंगाई पर पड़ सकता है। ऐसे में केंद्रीय बैंक लगातार इन स्थितियों पर नजर बनाए हुए है।

रेपो रेट पर MPC का फैसला

इस महीने की शुरुआत में 4 से 6 अगस्त के बीच मौद्रिक नीति समिति की बैठक हुई थी। इसमें सभी छह सदस्यों ने एकमत से फैसला लिया कि रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर ही बनाए रखा जाए। यह लगातार तीसरी बार है जब समिति ने नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया।

गवर्नर ने कहा कि वर्तमान हालात में ब्याज दरों को स्थिर रखना जरूरी है ताकि विकास दर और महंगाई के बीच संतुलन कायम रह सके। यदि वैश्विक हालात में स्थिरता आती है तो आने वाले महीनों में नीति पर पुनर्विचार किया जा सकता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था बनी मजबूत

MPC के अन्य सदस्यों ने भी मौजूदा हालात में नीतिगत दरों में किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं बताई। डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता ने कहा कि घरेलू मांग, सरकारी नीतियां और मौजूदा वैश्विक परिदृश्य यह संकेत देते हैं कि फिलहाल और कटौती की गुंजाइश नहीं है।

आरबीआई के कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी मजबूत स्थिति में है। सरकारी खर्च में बढ़ोतरी, ग्रामीण क्षेत्रों में मांग और सेवा क्षेत्र की मजबूती विकास दर को सहारा दे रही है। हालांकि, उन्होंने माना कि औद्योगिक क्षेत्र में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं।

वैश्विक हालात पर नजर

गवर्नर मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि वैश्विक स्तर पर भूराजनीतिक तनाव और टैरिफ को लेकर बने हालात भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अनिश्चितता का असर निर्यात और निवेश पर पड़ सकता है। इसी कारण केंद्रीय बैंक सतर्कता की नीति पर कायम है।

उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के सामने अवसर भी हैं। घरेलू मांग लगातार मजबूत हो रही है और डिजिटल सेवाओं के विस्तार से नए क्षेत्र तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में भारत वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक अहम भूमिका निभा सकता है।

Leave a comment