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World Hepatitis Day: जागरूकता, बचाव और स्वस्थ जीवन की दिशा में एक कदम

World Hepatitis Day: जागरूकता, बचाव और स्वस्थ जीवन की दिशा में एक कदम

हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना है। हेपेटाइटिस एक ऐसा रोग है जिसमें लीवर (यकृत) में सूजन हो जाती है। यह बीमारी केवल शरीर को ही नहीं, बल्कि समाज को भी प्रभावित करती है क्योंकि इसकी जानकारी की कमी के कारण लाखों लोग बिना इलाज के ही गंभीर स्थिति में पहुँच जाते हैं।

हेपेटाइटिस क्या है?

हेपेटाइटिस का अर्थ है—लीवर में सूजन। यह रोग मुख्य रूप से पाँच प्रकार के वायरस के कारण होता है:

  • हेपेटाइटिस A (HAV)
  • हेपेटाइटिस B (HBV)
  • हेपेटाइटिस C (HCV)
  • हेपेटाइटिस D (HDV)
  • हेपेटाइटिस E (HEV)

इनमें से B और C प्रकार सबसे ज्यादा खतरनाक माने जाते हैं क्योंकि ये लंबे समय तक शरीर में रहते हैं और धीरे-धीरे क्रॉनिक लीवर डिजीज, सिरोसिस और लीवर कैंसर का कारण बन सकते हैं।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस का इतिहास

साल 2010 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे आधिकारिक रूप से एक ग्लोबल हेल्थ डे के रूप में मान्यता दी। यह दिन महान वैज्ञानिक डॉ. बारूच ब्लमबर्ग की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्होंने हेपेटाइटिस B वायरस की खोज की थी। इस दिन दुनिया भर में World Hepatitis Alliance (WHA) जैसे संगठन जागरूकता अभियान चलाते हैं। WHA के पास 81 देशों के 230 से अधिक संगठन सदस्य के रूप में जुड़े हुए हैं।

इस दिन का महत्व

  • जागरूकता बढ़ाना: बहुत से लोग हेपेटाइटिस से संक्रमित होते हैं लेकिन उन्हें इसका पता ही नहीं चलता।
  • समय पर इलाज: अगर बीमारी का पता जल्दी चल जाए तो यह पूरी तरह से नियंत्रित की जा सकती है।
  • भ्रम दूर करना: समाज में अभी भी इस बीमारी को लेकर कई गलत धारणाएँ और स्टिग्मा मौजूद है।
  • सरकारी प्रयास: बेहतर स्वास्थ्य नीतियों, टीकाकरण और मुफ्त स्क्रीनिंग कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
  • 2016 की थीम: ELIMINATION (उन्मूलन)

2016 का थीम ELIMINATION था, जिसमें WHO ने लक्ष्य रखा कि 2030 तक हेपेटाइटिस को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे की श्रेणी से खत्म करना है। इसके लिए हर देश को टीकाकरण, टेस्टिंग, और इलाज की सुविधा को बढ़ाना होगा।

कैसे मनाएँ विश्व हेपेटाइटिस दिवस?

1. जागरूकता फैलाएँ

  • सोशल मीडिया पर सही जानकारी साझा करें।
  • लोगों को टेस्टिंग और वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करें।

2. स्वस्थ खान-पान अपनाएँ

  • नींबू, चुकंदर, हल्दी, लहसुन, एवोकाडो, सेब, आर्टिचोक, ब्रोकोली और पत्तेदार सब्जियाँ लीवर के लिए फायदेमंद होती हैं।
  • दूध थीस्ल, डैंडेलियन, चिकोरी जैसे हर्ब्स लीवर डिटॉक्स में मदद करते हैं।
  • भारी, तैलीय और प्रोसेस्ड फूड से बचें।

3. लीवर क्लेंजिंग (डिटॉक्स)

  • 3-5 दिनों तक हल्का भोजन और ताजे जूस लें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी, हर्बल टी और पोटैशियम ब्रॉथ पिएँ।
  • यह प्रक्रिया लीवर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करती है।

4. जाँच और वैक्सीन

  • हेपेटाइटिस B के लिए उपलब्ध टीका लगवाएँ।
  • नियमित रूप से लिवर फंक्शन टेस्ट कराएँ।

आज भी क्यों है यह जरूरी?

  • दुनिया में 290 मिलियन से अधिक लोग हेपेटाइटिस B या C से संक्रमित हैं और उन्हें इसका पता नहीं है।
  • हर 10 में से 9 लोग इस वायरस से अनजान हैं।
  • समय पर पता चल जाए तो इलाज आसान और सस्ता हो सकता है।
  • देर होने पर यह लीवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में बदल सकता है।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस हमें याद दिलाता है कि लीवर की सुरक्षा और बीमारी से बचाव कितना महत्वपूर्ण है। जागरूकता, समय पर टेस्टिंग और वैक्सीनेशन से हम इस बीमारी को मात दे सकते हैं। इसलिए, आज ही कदम बढ़ाएँ, अपनी और अपने परिवार की सेहत का ध्यान रखें और दुनिया को हेपेटाइटिस मुक्त बनाने में योगदान दें।

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