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Bangladesh: 2024 तख्तापलट में भारत की timely कॉल से शेख हसीना सुरक्षित, किताब में किया खुलासा

Bangladesh: 2024 तख्तापलट में भारत की timely कॉल से शेख हसीना सुरक्षित, किताब में किया खुलासा

बांग्लादेश में 2024 के तख्तापलट के दौरान भारत के अधिकारी की कॉल ने तत्कालीन पीएम शेख हसीना की जान बचाई। कॉल के बाद उन्होंने देश छोड़ने का साहसिक निर्णय लिया और सुरक्षित रूप से भारत पहुँचीं।

Bangladesh: बांग्लादेश में तख्तापलट के दौरान भारत से आई एक फोन कॉल ने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की जान बचाई। 5 अगस्त 2024 को ढाका में विरोध प्रदर्शन उग्र रूप ले चुके थे और प्रधानमंत्री गणभवन में सुरक्षित स्थान पर थीं। इस दौरान भारत के एक शीर्ष अधिकारी ने उन्हें चेतावनी दी कि यदि तुरंत वह देश छोड़ने का निर्णय नहीं लेंगी तो उनकी जान खतरे में पड़ सकती है। इस कॉल के बाद शेख हसीना ने साहसिक निर्णय लिया और देश छोड़ने का निर्णय लिया।

सैन्य अधिकारियों और परिवार ने भी किया था आग्रह

शेख हसीना के साथ मौजूद बांग्लादेश के मिलिट्री चीफ, आर्मी, एयर फोर्स और नेवी के प्रमुख बार-बार उन्हें सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दे रहे थे। इसके साथ ही उनकी बहन शेख रेहाना और उनके पुत्र साजीब वाजेद ने भी देश छोड़ने की सलाह दी। शेख हसीना ने शुरू में इस सुझाव से इंकार कर दिया था और कहा कि वह अपने देश से भागने के बजाय मरना पसंद करेंगी।

अधिकारियों की चेतावनी ने बदली सोच

भारतीय अधिकारी की कॉल के बाद शेख हसीना ने निर्णय बदलने का साहसिक कदम उठाया। अधिकारी ने उन्हें समझाया कि उनके जीवित रहने का मतलब बांग्लादेश के भविष्य के लिए लड़ना है। इस कॉल के प्रभाव से शेख हसीना लगभग आधे घंटे तक अपने फैसले पर विचार करती रहीं और अंततः देश छोड़ने का निर्णय लिया।

राजभवन से हेलीपैड तक सुरक्षित पहुंच

शेख हसीना को उनके सुरक्षा अधिकारियों ने कार से हेलीपैड तक पहुँचाया। दोपहर करीब ढाई बजे हेलीकॉप्टर राजभवन से उड़ान भरा और 12 मिनट बाद जगांव एयर बेस पर उतरा। वहां से C-170J कार्गो एयरक्राफ्ट ने उन्हें भारतीय एयरस्पेस में प्रवेश कराया और मालदा के ऊपर से दिल्ली की ओर रवाना किया।

हिंडन एयरबेस पर एनएसए अजीत डोभाल का इंतजार

शेख हसीना दोपहर के करीब हिंडन एयरबेस पर उतरी। वहां भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने उनका स्वागत किया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। इस पूरी प्रक्रिया में शेख हसीना की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत और बांग्लादेश की टीमों ने मिलकर काम किया।

किताब में बड़े खुलासे

इन घटनाओं का खुलासा ‘Inshallah Bangladesh: The Story of an Unfinished Revolution’ नामक किताब में किया गया है। पुस्तक के लेखक दीप हल्दर, जयदीप मजूमदार और साहिदुल हसन खोकन हैं। किताब में दावा किया गया है कि भारतीय अधिकारी की timely चेतावनी ने शेख हसीना को अपने पिता की तरह मार दिए जाने से बचाया।

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