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बीकानेर में आइस फैक्ट्री से अमोनिया गैस लीक; लोगों में मचा हड़कंप, मैनेजर की तबीयत बिगड़ी

बीकानेर में आइस फैक्ट्री से अमोनिया गैस लीक; लोगों में मचा हड़कंप, मैनेजर की तबीयत बिगड़ी
अंतिम अपडेट: 17-04-2025

बीकानेर स्थित रामपुरिया आइस फैक्ट्री में अचानक वॉटर कंडेन्सर में लीकेज हो गया, जिससे आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया। और गैस की तेज़ गंध फैलने लगी। इसके कारण आसपास के लोगों की आंखों में जलन होने लगी और उन्हें सांस लेने में भी कठिनाई होने लगी।

राजस्थान: बीकानेर शहर के बीचोंबीच बुधवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब रामपुरिया आइस फैक्ट्री से अचानक अमोनिया गैस का रिसाव होने लगा। यह फैक्ट्री रोशनी घर के पास घनी आबादी वाले इलाके विनोबा बस्ती में स्थित है। गैस की तीखी गंध फैलते ही लोगों में दहशत फैल गई और देखते ही देखते महिलाओं और बच्चों को घरों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों की ओर भेजा गया। इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया।

अचानक उठी तेज गंध, आंखों में जलन और दम घुटने की शिकायत

यह घटना सुबह करीब 9 बजे की है। जैसे ही फैक्ट्री से तेज गैस की गंध बाहर फैली, आसपास के लोगों को आंखों में जलन, घबराहट और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। देखते ही देखते इलाके में हड़कंप मच गया। कई घरों के लोग महिलाएं-बच्चों को लेकर बाहर निकल आए। करीब एक घंटे तक गैस का रिसाव होता रहा, जिससे लगभग 5 हजार लोगों की आबादी वाले इस इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

समय पर पहुंची प्रशासनिक टीम, बड़ी अनहोनी होते-होते बची

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सदर थाना पुलिस ने तुरंत इलाके की घेराबंदी की, वहीं तहसीलदार, फूड सेफ्टी अधिकारी और फैक्ट्री व बॉयलर विभाग की टीमें भी फैक्ट्री पर पहुंच गईं। अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तुरंत राहत कार्य शुरू किए। प्रशासन की तत्परता की वजह से एक बड़ा हादसा टल गया और समय रहते रिसाव पर काबू पा लिया गया।

करीब एक घंटे तक लीक होती रही गैस

जानकारों के अनुसार, अमोनिया गैस फैक्ट्री के कंडेंसर में इस्तेमाल होती है, जिससे पानी को ठंडा कर बर्फ बनाई जाती है। यह गैस एक बंद सिस्टम में चलती है लेकिन बुधवार को एक कंडेंसर के वाल्व की गास्केट फट गई। इससे गैस पूरे प्रेशर के साथ बाहर निकलने लगी। उस समय फैक्ट्री ऑपरेटर फैक्ट्री में मौजूद नहीं था, लेकिन वहां काम कर रहे कर्मचारी ने पास की डेयरी के चिलिंग प्लांट से एक इंजीनियर को बुलाकर रिसाव को रोका।

करीब एक घंटे तक गैस लीक होती रही, जिससे आस-पास के लोग गंभीर खतरे में आ गए थे। राहत की बात यह रही कि समय पर रिसाव को रोक लिया गया, नहीं तो इसका असर और भी बड़ा हो सकता था।

सुरक्षा इंतजाम के मुताबित, दो साल से नहीं हुई थी जांच

इस हादसे के बाद जब फैक्ट्री की जांच की गई, तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। फैक्ट्री में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम ही नहीं थे। न तो गैस रिसाव की स्थिति में अलर्ट देने वाला कोई सिस्टम था और न ही कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरण।

इतना ही नहीं, फैक्ट्री में लगे उपकरणों की जांच पिछले दो सालों से नहीं करवाई गई थी। नियमों के अनुसार, हर साल अधिकृत इंजीनियर से जांच करवा कर स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है, लेकिन फैक्ट्री मालिक ने इस नियम की अनदेखी की। यही नहीं, फैक्ट्री का ट्रेड लाइसेंस भी पिछले एक साल से रिन्यू नहीं करवाया गया है।

1944 में बनी थी फैक्ट्री, आबादी वाले इलाके में

रामपुरिया आइस फैक्ट्री की स्थापना 1944 में हुई थी, जब यह इलाका कम आबादी वाला था। लेकिन अब यह फैक्ट्री शहर के बीचोंबीच आ गई है, जहां हजारों लोग रहते हैं। इतने घने रिहायशी इलाके में इस तरह की केमिकल गैसों से चलने वाली फैक्ट्री का संचालन लोगों के लिए खतरा बनता जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन को इस दिशा में जल्द से जल्द कड़े कदम उठाने चाहिए।

स्थानीय लोगों की मांग – फैक्ट्री हो शिफ्ट

इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिली। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस फैक्ट्री को रिहायशी इलाके से बाहर शिफ्ट किया जाए ताकि भविष्य में कोई बड़ा हादसा न हो। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह बेहद जरूरी है कि ऐसे खतरनाक उद्योग अब घनी बस्तियों से दूर लगाए जाएं।

बीकानेर की रामपुरिया आइस फैक्ट्री से हुआ यह गैस रिसाव केवल एक तकनीकी गड़बड़ी का मामला नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही और नियमों की अनदेखी का नतीजा है। अगर समय पर रिसाव को नहीं रोका जाता, तो स्थिति भयावह हो सकती थी। यह घटना एक चेतावनी है कि फैक्ट्रियों और उद्योगों में सुरक्षा नियमों का पालन करना कितना जरूरी है। प्रशासन को चाहिए कि इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए उचित कदम उठाए जाएं।

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