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भारतीय सेना को मिलेगी स्वदेशी ATAGS, बढ़ेगी तोपखाने की मारक क्षमता

भारतीय सेना को मिलेगी स्वदेशी ATAGS, बढ़ेगी तोपखाने की मारक क्षमता
अंतिम अपडेट: 21-03-2025

भारतीय सेना को जल्द ही स्वदेशी अडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) मिलने जा रही है। सरकार ने 307 ATAGS हॉवित्जर तोपों की खरीद को मंजूरी दे दी हैं। 

नई दिल्ली: भारतीय सेना को जल्द ही स्वदेशी अडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) मिलने जा रही है। सरकार ने 307 ATAGS हॉवित्जर तोपों की खरीद को मंजूरी दे दी है, जिससे भारतीय तोपखाने की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित इस तोप को भारत फोर्ज और टाटा एडवांस सिस्टम्स मिलकर तैयार करेंगे। यह डील 7,000 करोड़ रुपये की है, जिसमें भारत फोर्ज 60% तोपों का निर्माण करेगा, जबकि शेष 40% टाटा एडवांस सिस्टम्स बनाएगी।

48 किलोमीटर की जबरदस्त मारक क्षमता

ATAGS अपनी 48 किलोमीटर की रेंज के साथ भारतीय सेना को अधिक ताकतवर बनाएगी। यह तोप आधुनिक डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस होगी, जिससे सटीक लक्ष्य भेदी क्षमता में वृद्धि होगी। यह हाई ऑल्टिट्यूड इलाकों में भी प्रभावी ढंग से काम कर सकती है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय सेना की फायरपावर में बढ़ोतरी होगी।

करगिल युद्ध के बाद भारतीय सेना ने तोपखाने को आधुनिक बनाने पर जोर दिया है। इससे पहले अमेरिका से M-777 हॉवित्जर की 145 यूनिट्स और स्वदेशी धनुष तोपों को सेना में शामिल किया गया था। इसके अलावा, K-9 वज्र आर्टिलरी सिस्टम को भी तैनात किया गया है। अब ATAGS के आने से भारतीय सेना की तोपों का कैलिबर 155mm तक बढ़ाने का लक्ष्य तेजी से पूरा होगा।

रूस-यूक्रेन युद्ध से मिली सीख

हाल ही में हुए रूस-यूक्रेन युद्ध ने यह साबित किया है कि किसी भी युद्ध में आर्टिलरी की अहम भूमिका होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना अपनी तोपों को अपग्रेड करने में जुटी है। साल 2040 तक सभी तोपों को 155mm कैलिबर का बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे भारतीय सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार रहेगी। ATAGS की तैनाती के बाद भारतीय सेना की फायरपावर और भी घातक और सटीक हो जाएगी, जिससे सीमाओं पर सुरक्षा और मजबूत होगी।

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