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Delhi Mayor Election 2025: AAP का मेयर चुनाव से किनारा, BJP की जीत अब लगभग तय

Delhi Mayor Election 2025: AAP का मेयर चुनाव से किनारा, BJP की जीत अब लगभग तय
अंतिम अपडेट: 1 दिन पहले

दिल्ली मेयर चुनाव में AAP ने चौंकाया, नहीं उतारेगी उम्मीदवार। अब BJP प्रत्याशी का मेयर बनना लगभग तय माना जा रहा है। राजनीति में बढ़ी हलचल।

Delhi Election 2025: दिल्ली मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लिया है। पार्टी ने आधिकारिक रूप से एलान किया है कि वह इस बार महापौर चुनाव में अपना कोई भी उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारेगी। इस एलान के बाद अब भाजपा (BJP) के मेयर कैंडिडेट का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। AAP के इस फैसले से दिल्ली की पॉलिटिक्स में एक नई बहस शुरू हो गई है और राजधानी में BJP की triple-engine government की स्थिति बनती दिख रही है।

महापौर चुनाव के नामांकन का आखिरी दिन आज

आज यानी सोमवार को दिल्ली नगर निगम (MCD) के महापौर और उपमहापौर चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है। ऐसे में AAP के पीछे हटने के बाद BJP उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है। बीजेपी के पास MCD में पहले से ही बहुमत का आंकड़ा है, और अब जब कोई मुकाबला नहीं बचा, तो उनका कैंडिडेट आसानी से निर्वाचित हो जाएगा।

कैसे होता है दिल्ली में मेयर का चुनाव?

दिल्ली नगर निगम के महापौर के चुनाव की प्रक्रिया साफ तौर पर तय है। सबसे पहले वर्तमान महापौर चुनाव की तारीख और समय तय करते हैं। इसके बाद दिल्ली एलजी की मंजूरी से एक presiding officer की नियुक्ति होती है, जो तय तारीख पर मेयर का चुनाव कराते हैं। जैसे ही महापौर निर्वाचित होता है, presiding officer उसे अपना स्थान सौंप देता है और फिर महापौर उपमहापौर व स्थायी समिति के एक सदस्य के चुनाव की प्रक्रिया पूरी करता है।

कौन-कौन डालता है वोट?

मेयर चुनाव में केवल पार्षद ही नहीं, बल्कि मनोनीत विधायक, लोकसभा और राज्यसभा सांसद भी वोटिंग करते हैं। कुल मिलाकर 262 सदस्य वोटिंग के हकदार होते हैं। इस समय BJP के पास 135 सदस्य हैं जिनमें 117 पार्षद, 11 विधायक और 7 लोकसभा सांसद शामिल हैं। वहीं AAP के पास 119 सदस्य हैं, जिनमें 113 पार्षद, 3 राज्यसभा सदस्य और 3 विधायक शामिल हैं। कांग्रेस के पास सिर्फ 8 सदस्य हैं।

राजनीतिक संकेत और AAP की रणनीति

AAP के इस फैसले को राजनीतिक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी शायद जानती थी कि इस बार जीत की संभावना कम है, इसलिए उन्होंने मुकाबले से बाहर रहकर BJP को clean sweep करने का मौका दिया। अब जब BJP का मेयर तय है, तो दिल्ली में triple engine government यानी केंद्र, एलजी और MCD सभी में भाजपा का नियंत्रण हो जाएगा, जो आगामी चुनावों पर भी असर डाल सकता है।

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