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Waqf Board में केवल मुस्लिम मेंबर हों! सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर मचा राजनीतिक घमासान

Waqf Board में केवल मुस्लिम मेंबर हों! सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर मचा राजनीतिक घमासान
अंतिम अपडेट: 16-04-2025

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वक्फ बोर्ड में पदेन अधिकारियों के अलावा सभी सदस्य मुस्लिम हों। केंद्र से वक्फ एक्ट के प्रावधानों पर जवाब मांगा, अगली सुनवाई 17 अप्रैल को।

Waqf Board: सुप्रीम कोर्ट ने Waqf Amendment Act को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणियां की हैं। कोर्ट ने कहा कि वक्फ बोर्ड (Waqf Board) में Ex-Officio Members को छोड़कर अन्य सभी सदस्य Muslim होने चाहिए। कोर्ट की इस टिप्पणी पर केंद्र सरकार की ओर से Solicitor General तुषार मेहता ने आपत्ति जताई।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि यदि Waqf Council में गैर-मुस्लिम शामिल किए जा सकते हैं, तो क्या सरकार हिंदू धार्मिक ट्रस्टों में मुसलमानों को सदस्य बनने देगी? कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या यह संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन नहीं है, जो धार्मिक मामलों के स्वतंत्र प्रबंधन की गारंटी देता है?

क्या है मामला?

वक्फ एक्ट में संशोधन के बाद, वक्फ संपत्तियों को लेकर कई प्रावधान जोड़े गए हैं—जिनमें 'Waqf by User' जैसे प्रावधान शामिल हैं। कोर्ट ने विशेष रूप से इस पर सवाल खड़े किए कि यदि कोई संपत्ति केवल परंपरा या उपयोग के आधार पर वक्फ घोषित की गई हो लेकिन रजिस्टर्ड न हो, तो उसे Denotify कर दिया जाएगा। कोर्ट ने साफ किया कि जब तक मामला विचाराधीन है, सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी।

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की दलील

Kapil Sibal, जो याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए, ने कहा कि नया कानून धर्म की स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि वक्फ संपत्तियों पर कलेक्टर को न्यायिक शक्तियां देना भी असंवैधानिक है, क्योंकि कलेक्टर सरकार का हिस्सा होता है।

अगली सुनवाई और कोर्ट की हिदायत

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कोई फाइनल ऑर्डर नहीं दिया है लेकिन संकेत दिए हैं कि जब तक सुनवाई चल रही है, वक्फ कानून के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई जा सकती है। अगली सुनवाई 17 अप्रैल 2025 दोपहर 2 बजे होगी।

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