फलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने हमास को "कुत्तों की औलाद" कहकर निशाना बनाया, जिससे युद्धविराम वार्ता के बीच हमास को कड़ी राजनीतिक झटका मिला है।
Middle East Palestinian President: फलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अपने एक बयान में हमास को "कुत्तों की औलाद" कहा और इजरायली बंधकों की रिहाई की मांग की। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम की वार्ता में गतिरोध बना हुआ था। अब्बास का यह बयान हमास के लिए एक बड़ा झटका है और यह उनकी सबसे कड़ी सार्वजनिक आलोचना मानी जा रही है।
हमास पर गुस्सा क्यों?
महमूद अब्बास का यह बयान उस स्थिति में आया है जब इजरायली और हमास के बीच संघर्ष जारी है। राष्ट्रपति अब्बास ने हमास से हथियार छोड़ने और इजरायली बंधकों को रिहा करने का आह्वान किया। उनका कहना था कि इजरायल की सैन्य कार्रवाई का मुख्य कारण इन बंधकों की गिरफ्तारी है, और बंधकों की रिहाई से इजरायल का बहाना खत्म हो सकता है।
अब्बास ने रामल्लाह से टेलीविजन पर दिए अपने भाषण में कहा, "कुत्तों की औलादों, बंधकों को रिहा करो और इजरायल के जस्टिफिकेशन को बंद करो।" उन्होंने जोर दिया कि गाजा पट्टी में हो रहे नरसंहार को रोकने की सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।
इजरायल की प्रतिक्रिया
इजरायल ने अब्बास की इस टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि वह गाजा में आत्मरक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहा है और उसका मुख्य लक्ष्य हमास को समाप्त करना है। इजरायली अधिकारियों का कहना है कि गाजा में जारी संघर्ष उनके लिए एक सुरक्षा मुद्दा है, और उनका उद्देश्य बंधकों की रिहाई से कहीं ज्यादा हमास की सैन्य क्षमताओं को नष्ट करना है।
अब्बास की आलोचना और हमास के खिलाफ अभियान
फलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए इजरायली हमले की भी कड़ी निंदा की है। उन्होंने PLO (Palestine Liberation Organisation) के तहत सभी फलिस्तीनी गुटों को एकजुट होने का आह्वान किया है। उनका मानना है कि फलिस्तीनी जनता को एकजुट हो कर आज़ादी की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, और हमें अपनी आंतरिक समस्याओं को हल करने के लिए पहले सामूहिक रूप से एकजुट होना होगा।
अब्बास और हमास के बीच मतभेद गहरे हैं। अब्बास PLO से आते हैं, जो वेस्ट बैंक में शासन करता है, जबकि हमास गाजा में अपना शासन चलाता है। दोनों गुटों के विचारधाराओं में भारी अंतर है, जिस कारण यह दोनों पक्ष अक्सर एक-दूसरे से टकराते रहे हैं।
हमास पर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय दबाव
हमास पर अब अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है। मिस्र ने भी हाल ही में हमास को हथियार छोड़ने का सुझाव दिया था। अब्बास का यह बयान भी उसी दबाव का हिस्सा हो सकता है, क्योंकि युद्धविराम की कोशिशों में तेजी लाई जा रही है। इजरायल और हमास के बीच शांति की दिशा में सभी देशों का यही प्रयास है कि संघर्ष को रोका जाए और सुलह की प्रक्रिया शुरू हो।