सुप्रीम कोर्ट ने मोटर वाहन टैक्स पर फैसला सुनाया। सार्वजनिक स्थान पर वाहन टैक्स देंगे। निजी परिसर या बंद क्षेत्र में चलने वाले वाहन टैक्स से मुक्त रहेंगे। RINL परिसर के वाहन भी टैक्स से छूट पाएंगे।
Motor Vehicle Tax: सुप्रीम कोर्ट ने मोटर वाहन टैक्स पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि यह टैक्स केवल उन वाहनों पर लागू होगा जो सार्वजनिक स्थानों जैसे रोड, हाईवे या अन्य सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर चलाए जाते हैं। यदि कोई वाहन निजी परिसर या बंद क्षेत्र में चलता है, तो उसके मालिक को मोटर वाहन टैक्स देने की आवश्यकता नहीं होगी। इस निर्णय से राज्य सरकारों और कॉर्पोरेट संस्थानों को टैक्स दायरे और नियमों के बारे में स्पष्ट दिशा मिल गई है।
सार्वजनिक स्थान पर वाहन ही टैक्स के दायरे में
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मोटर वाहन टैक्स का उद्देश्य सार्वजनिक जगहों पर यातायात और इंफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव में योगदान देना है। इसलिए केवल वही वाहन टैक्स के दायरे में आएंगे, जो सार्वजनिक स्थानों पर चलाए जाते हैं। निजी या बंद परिसरों में चलने वाले वाहनों पर यह नियम लागू नहीं होगा।
RINL परिसर के वाहन टैक्स से मुक्त
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) के परिसर में लगभग 36 वाहन चलते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि RINL का परिसर चारों तरफ से बंद है और इसे सार्वजनिक स्थान नहीं माना जा सकता। इसलिए यहां चलने वाले वाहनों पर मोटर वाहन टैक्स लागू नहीं होगा। यह फैसला राज्य सरकार और निगम दोनों के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन है।
हाई कोर्ट के फैसले की पुष्टि
इस मामले में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने दिसंबर 2024 में पहले ही फैसला सुनाया था। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि RINL से 22,71,700 रुपये मोटर वाहन टैक्स के रूप में वसूले गए थे, उन्हें वापस किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि टैक्स केवल सार्वजनिक स्थानों पर वाहन चलाने वालों पर ही लागू होगा।
अदालत ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट की बेंच जस्टिस मनोज मिश्रा और उज्जल भुयान ने कहा कि जो लोग सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें मोटर वाहन टैक्स देना अनिवार्य है। वहीं, निजी परिसरों या बंद क्षेत्रों में वाहन चलाने वाले लोग टैक्स से मुक्त रहेंगे। इस निर्णय से राज्य सरकारों को नीति बनाने में मदद मिलेगी और कॉर्पोरेट संस्थानों को अपनी टैक्स जिम्मेदारी समझने में आसानी होगी।