अगर आप म्यूचुअल फंड एसआईपी में हर महीने ₹10,000 निवेश करते हैं, तो 15 साल में 12% सालाना रिटर्न पर लगभग ₹47.59 लाख और 15% रिटर्न पर लगभग ₹61.63 लाख फंड तैयार हो सकता है। लंबी अवधि और नियमित निवेश से कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है, लेकिन रिटर्न शेयर बाजार की उतार-चढ़ाव पर निर्भर रहेगा।
SIP Calculator: म्यूचुअल फंड एसआईपी में हर महीने ₹10,000 जमा करने पर 15 साल में मोटी राशि बन सकती है। अगर सालाना रिटर्न 12% हो तो फंड ₹47.59 लाख तक पहुंच सकता है, जबकि 15% रिटर्न पर यह ₹61.63 लाख बन सकता है। हालांकि, एसआईपी में रिटर्न शेयर बाजार पर निर्भर करता है और उतार-चढ़ाव के कारण लाभ या नुकसान हो सकता है। लंबी अवधि में निवेश जारी रखना सबसे फायदेमंद रणनीति है।
SIP में निवेश का लंबी अवधि का फायदा
एसआईपी में निवेश का सबसे बड़ा फायदा कंपाउंडिंग से मिलता है। इसका मतलब है कि आपका निवेश न सिर्फ आपके द्वारा जमा की गई राशि पर बढ़ता है बल्कि पहले से जमा रिटर्न पर भी बढ़ता है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई हर महीने 10,000 रुपये की SIP करता है और उसे सालाना 12 प्रतिशत रिटर्न मिलता है, तो 15 साल में उसके पास लगभग 47.59 लाख रुपये का फंड तैयार हो सकता है।
वहीं, अगर अनुमानित रिटर्न 15 प्रतिशत प्रति वर्ष हो, तो वही 10,000 रुपये की मासिक SIP 15 साल में 61.63 लाख रुपये का फंड तैयार कर सकती है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि लंबी अवधि में निवेश करना और नियमित SIP करना फंड बढ़ाने का सबसे सुरक्षित और प्रभावी तरीका है।
शेयर बाजार का रिस्क
हालांकि SIP में फायदा लंबी अवधि में शानदार हो सकता है, लेकिन इसमें शेयर बाजार का रिस्क भी जुड़ा होता है। म्यूचुअल फंड में कभी भी एक समान रिटर्न नहीं मिलता है। यदि बाजार में तेजी है तो निवेशकों को ज्यादा रिटर्न मिलेगा, लेकिन अगर बाजार गिरावट का सामना कर रहा है तो नुकसान भी संभव है। इसलिए निवेशकों को यह समझना जरूरी है कि SIP एक लंबी अवधि का निवेश है और इसके लिए समय और धैर्य की जरूरत होती है।
एसआईपी से होने वाले रिटर्न पर कैपिटल गेन्स टैक्स भी लागू होता है। अगर निवेशक समय से पहले पैसे निकालते हैं तो उन्हें टैक्स के रूप में हिस्सा देना पड़ सकता है। इसलिए निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से निवेश की योजना बनानी चाहिए।
SIP के फायदे
SIP छोटे निवेशकों के लिए भी फायदेमंद है। इसमें निवेश की रकम छोटी होती है, लेकिन लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का फायदा उठाकर यह बड़ी राशि में बदल सकती है। यह निवेशकों को नियमित रूप से निवेश करने की आदत भी विकसित करता है। इसके अलावा, बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान भी SIP निवेशकों के लिए जोखिम को कम करने का काम करता है क्योंकि यह रैंडम समय पर निवेश करता है और लागत को औसत करता है।
एसआईपी के जरिए निवेश करने से निवेशक अपनी वित्तीय योजना को लंबे समय तक प्रभावी बना सकते हैं। यह शिक्षा, मकान खरीद, रिटायरमेंट या किसी अन्य बड़े वित्तीय लक्ष्य के लिए उपयुक्त होता है।
SIP में निवेश के लिए लक्ष्य
निवेशक अगर हर महीने 10,000 रुपये की SIP शुरू करते हैं, तो उन्हें सबसे पहले यह तय करना चाहिए कि उनका रिटर्न लक्ष्य क्या है और निवेश कितने समय तक करना है। अनुमानित रिटर्न के आधार पर ही फंड का भविष्य तय होता है। निवेशक लंबे समय तक निवेश जारी रखकर जोखिम को संतुलित कर सकते हैं।
इसके अलावा, समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करना भी जरूरी है। यदि बाजार की स्थिति में बदलाव आता है या निवेशक का लक्ष्य बदलता है, तो उन्हें SIP की रकम या अवधि में सुधार करना चाहिए।