भारतीय संगीत इंडस्ट्री की दिग्गज गायिका आशा भोसले (Asha Bhosle) को उनके पर्सनैलिटी राइट्स के उल्लंघन के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से अस्थायी राहत मिली है।
एंटरटेनमेंट न्यूज़: अपनी बेमिसाल गायकी और संगीत जगत में दशकों तक राज करने वाली दिग्गज गायिका आशा भोसले को उनके पर्सनैलिटी राइट्स के उल्लंघन मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से अस्थायी राहत मिली है। उच्च न्यायालय ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्लेटफॉर्म्स और अन्य संस्थाओं को बिना अनुमति के आशा भोसले की आवाज का क्लोन बनाने, या उनकी छवि, नाम और व्यक्तित्व के अन्य पहलुओं का व्यावसायिक इस्तेमाल करने से रोक दिया है।
आशा भोसले ने हाल ही में पर्सनैलिटी राइट्स के उल्लंघन के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने एक कंपनी समेत कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ शिकायत की थी।
पर्सनैलिटी राइट्स के लिए याचिका
91 वर्षीय आशा भोसले ने हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कई डिजिटल प्लेटफॉर्म और कंपनियों के खिलाफ अपनी आवाज और छवि के अनाधिकृत इस्तेमाल का मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ AI टूल्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उनकी आवाज का क्लोन बना रहे हैं और उनके नाम और छवि का बिना अनुमति व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं।
याचिका में उन्होंने विशेष रूप से अमेरिका स्थित दो AI प्लेटफॉर्म्स Mayk Inc समेत कई ई-कॉमर्स साइटों, जैसे अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड पर आरोप लगाया कि उन्होंने बिना अनुमति आशा भोसले की तस्वीर वाले पोस्टर और विज्ञापन इस्तेमाल किए।
हाई कोर्ट का फैसला
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस आरिफ एस डॉ. ने कहा कि किसी सेलिब्रिटी के नाम, आवाज, तस्वीर या किसी अन्य पहचान चिन्ह का बिना अनुमति इस्तेमाल करना उनके पर्सनैलिटी राइट्स का उल्लंघन है। कोर्ट ने स्पष्ट किया किसी भी व्यक्ति की आवाज को बिना उसकी अनुमति के AI टूल के माध्यम से किसी सेलिब्रिटी की आवाज में बदलना, उनके व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन है। ऐसे टूल्स उनकी निजी पहचान और सार्वजनिक छवि को प्रभावित करते हैं और छेड़छाड़ को बढ़ावा देते हैं।
कोर्ट ने आशा भोसले और अन्य सेलिब्रिटीज़ के मामलों का हवाला देते हुए कहा कि बिना अनुमति किसी की क्वालिटीज़, छवि या आवाज का उपयोग करना पर्सनैलिटी राइट्स के खिलाफ है। आशा भोसले ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया। उनकी याचिका में उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य अपनी आवाज और पहचान के गलत इस्तेमाल को रोकना और भविष्य में किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अनधिकृत क्लोन या AI वर्जन से बचाव करना है।