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बहादुरगढ़ में ACP पर सब्जी विक्रेताओं पर जेसीबी चलाने का आरोप, DGP ने दिए जांच के आदेश

बहादुरगढ़ में ACP पर सब्जी विक्रेताओं पर जेसीबी चलाने का आरोप, DGP ने दिए जांच के आदेश

बहादुरगढ़ में ट्रैफिक जाम हटवाने पहुंचे ACP दिनेश कुमार ने सब्जी विक्रेताओं पर जेसीबी चलवा दी। मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद डीजीपी ने जांच के आदेश दिए और इसे व्यक्तिगत निर्णय में चूक बताया गया।

बहादुरगढ़: हरियाणा के बहादुरगढ़ में पुलिस की कार्रवाई पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। पटेल नगर में ट्रैफिक जाम की शिकायत के बाद पहुंचे एसीपी दिनेश कुमार ने जेसीबी के जरिए सब्जी विक्रेताओं के ठेले हटवाए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। घटना ने न केवल लोगों में आक्रोश पैदा किया बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पटेल नगर में ट्रैफिक जाम हटाने के दौरान हुई घटना

बहादुरगढ़ के पटेल नगर इलाके में स्थानीय लोगों ने ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर पुलिस को शिकायत दी थी। शिकायत के बाद एसीपी दिनेश कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे ताकि जाम की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। लेकिन घटनास्थल पर पहुंचते ही उन्होंने जेसीबी मशीन बुलवाई और सड़क किनारे बैठे फल-सब्जी विक्रेताओं के ठेले हटवाने का निर्देश दे दिया।

इस कार्रवाई के दौरान कई ठेले और सामान क्षतिग्रस्त हो गए। वीडियो में एसीपी खुद मशीन चालक को निर्देश देते नजर आए, जिससे यह मामला और ज्यादा गंभीर हो गया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों ने इसे पुलिस की "मानवता-विहीन कार्रवाई" बताया।

सोशल मीडिया पर फूटा जनाक्रोश

वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय लोगों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी हरियाणा पुलिस की आलोचना होने लगी। लोगों ने कहा कि सब्जी विक्रेताओं को हटाने के लिए बल प्रयोग या मशीन चलवाना अमानवीय कदम है। कई यूजर्स ने पुलिस से यह सवाल भी किया कि क्या कानून व्यवस्था बनाए रखने का यही तरीका है?

वहीं कुछ लोगों ने इसे गरीब वर्ग के प्रति अन्याय बताया और पुलिस विभाग से निष्पक्ष जांच की मांग की। ट्विटर और फेसबुक पर वीडियो तेजी से वायरल होने के बाद “#Bahadurgarh” ट्रेंड करने लगा।

अधिकारियों ने किया व्यक्तिगत निर्णय की चूक का खुलासा

मामले के तूल पकड़ने के बाद झज्जर पुलिस के उच्च अधिकारियों ने संज्ञान लिया। डीसीपी मयंक मिश्रा ने बयान जारी कर कहा कि ट्रैफिक जाम हटाने की कार्रवाई के दौरान अपनाया गया तरीका विभागीय नीति के अनुरूप नहीं था। उन्होंने इसे एसीपी का “व्यक्तिगत निर्णय” बताते हुए भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने की चेतावनी दी।

डीजीपी ओ.पी. सिंह ने भी पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस कर्मियों को आम नागरिकों के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए और किसी भी कार्रवाई में मानवीय दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।

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