दक्षिणी फ्रांस के ला कैवेलरी स्थित कैंप लारजैक में भारत और फ्रांस की सेनाएं एक बार फिर साझा सैन्य ताकत का प्रदर्शन कर रही हैं। 'एक्सरसाइज शक्ति-2025' नामक यह द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास 18 जून से शुरू हुआ है और 1 जुलाई तक चलेगा। भारतीय सेना की ओर से जम्मू-कश्मीर राइफल्स बटालियन के 90 सैनिक इसमें हिस्सा ले रहे हैं, जबकि फ्रांस की ओर से डेमी-ब्रिगेड डी लेजियन एट्रैंगेरे के जवान अभ्यास में शामिल हैं।
यह अभ्यास भारत-फ्रांस रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। दोनों सेनाओं के बीच संयुक्त युद्ध अभियानों की दक्षता, आपसी तालमेल और तकनीकी क्षमता को परखने का यह एक सुनहरा अवसर बन गया है। खासतौर पर आतंकवाद विरोधी अभियानों और शहरी युद्ध परिस्थितियों से निपटने में संयुक्त प्रशिक्षण पर जोर दिया जा रहा है।
आधुनिक युद्ध तकनीकों का रियल-टाइम अभ्यास
शक्ति-2025 अभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं ने मिलकर आधुनिक युद्ध तकनीकों का अभ्यास किया है। इसमें दुर्गम इलाकों में युद्ध संचालन, संयुक्त गश्त, लड़ाकू विमानों को निष्क्रिय करने की रणनीति और सैन्य प्रवेश तकनीकों को शामिल किया गया है। साथ ही दोनों देशों की विशेषज्ञ सैन्य टुकड़ियों ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW), काउंटर-ड्रोन सिस्टम (C-UAS), सिग्नल इंटरसेप्शन, जैमिंग और स्पेक्ट्रम कंट्रोल जैसे अत्याधुनिक अभियानों पर भी काम किया।
सेना की ओर से बताया गया कि इस अभ्यास का मुख्य आकर्षण 96 घंटे का रियल-टाइम युद्ध सिमुलेशन रहा, जिसमें सैनिकों की रणनीतिक सोच, निर्णय लेने की क्षमता और मिशन को अंजाम देने की दक्षता का गहन परीक्षण किया गया। इस तरह के युद्धाभ्यास भविष्य की जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों देशों की सेनाओं को बेहतर तैयार करते हैं।
महिला सैन्य अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी
शक्ति-2025 अभ्यास में भारतीय महिला सैन्य अधिकारियों की भी अहम भूमिका रही। मेजर नवनीत संधू ने बताया कि उन्होंने फ्रांसीसी सैनिकों के साथ सिग्नल इंटरसेप्शन, जैमिंग, स्पेक्ट्रम कंट्रोल और रीयल टाइम कम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण लिया। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास न केवल सैन्य कौशल को बढ़ाता है, बल्कि भारत-फ्रांस के बीच आपसी समझ और विश्वास को भी मजबूत करता है।
इसी तरह मेजर अभिषेक चंदेल ने भी अभ्यास के तकनीकी पहलुओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर को मिशन प्रोफाइल में शामिल कर सैनिकों ने आधुनिक युद्ध कौशल को और बेहतर तरीके से सीखा है।
भारत के राजदूत ने बढ़ाया सैनिकों का हौसला
फ्रांस में भारत के राजदूत संजीव सिंगला ने भी अभ्यास का दौरा किया और भारतीय सैनिकों से मुलाकात की। उन्होंने दोनों सेनाओं के बीच समन्वय और प्रशिक्षण स्तर की सराहना करते हुए कहा कि शक्ति अभ्यास केवल सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम है।
राजदूत सिंगला ने इसे भारत और फ्रांस के बीच रक्षा और तकनीकी सहयोग को नई ऊंचाई देने वाला अभ्यास बताया। उन्होंने सैनिकों के उत्साह और समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अभ्यास आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच सुरक्षा साझेदारी को और मजबूती देगा।
शक्ति-2025 अभ्यास भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच भरोसे, सामंजस्य और युद्धक तैयारियों को दर्शाता है। यह सिर्फ एक सैन्य गतिविधि नहीं, बल्कि दो रणनीतिक साझेदारों के बीच वैश्विक सुरक्षा दृष्टिकोण को साझा करने का मंच भी है। भारतीय सेना की पेशेवर क्षमता और फ्रांसीसी सेना की रणनीतिक विशेषज्ञता इस अभ्यास को और भी महत्वपूर्ण बना देती है।