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Bihar Election 2025: चार विधानसभा सीटों पर राजद-कांग्रेस आमने-सामने, जानिए महागठबंधन की रणनीति

Bihar Election 2025: चार विधानसभा सीटों पर राजद-कांग्रेस आमने-सामने, जानिए महागठबंधन की रणनीति

महागठबंधन में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान हो गया है, जिसमें मुख्यमंत्री फेस के रूप में तेजस्वी यादव को चुना गया है। तेजस्वी यादव अब चुनाव प्रचार में सक्रिय हो गए हैं और लगातार जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में चार ऐसी सीटें हैं जहां महागठबंधन के दो प्रमुख घटक राजद और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। इस स्थिति ने राजनीतिक गलियारों में एक नया सवाल खड़ा कर दिया है: इन सीटों पर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव किसके पक्ष में प्रचार करेंगे? राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेता आरोप लगा रहे हैं कि महागठबंधन के नेता आपस में ही चुनावी टकराव में लगे हैं। 

वहीं महागठबंधन का दावा है कि गठबंधन पूरी तरह एकजुट और सहयोगी है। बिहार में महागठबंधन ने अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया है, जिसमें तेजस्वी यादव को सीएम फेस बनाया गया है। तेजस्वी ने 24 अक्टूबर से चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर दिया है और पूरे राज्य में जनसभाओं के माध्यम से समर्थन जुटा रहे हैं।

फ्रेंडली फाइट वाली सीटें

चार विधानसभा सीटें जहां राजद और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने हैं, वे इस प्रकार हैं:

  • सुल्तानगंज विधानसभा सीट: राजद के चंदन सिन्हा और कांग्रेस के ललन यादव आमने-सामने। NDA ने जदयू के ललित नारायण मंडल को मैदान में उतारा।
  • कहलगांव विधानसभा सीट: राजद के रजनीश भारती और कांग्रेस के प्रवीण कुशवाहा। NDA ने जदयू के शुभानंद मुकेश को टिकट दिया।
  • सिकंदरा विधानसभा सीट: राजद के उदयनारायण चौधरी बनाम कांग्रेस के विनोद चौधरी, जबकि NDA के उम्मीदवार हैं हम के प्रफुल्ल मांझी।
  • नरकटियागंज विधानसभा सीट: राजद के दीपक यादव और कांग्रेस के शाश्वत केदार पांडेय, NDA उम्मीदवार भाजपा के संजय पांडेय।

इसके अतिरिक्त, दो अन्य सीटों पर भी राजद-वीआईपी और कांग्रेस-सीपीआई आमने-सामने हैं, जिनमें आपसी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है।

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की प्रचार रणनीति

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि छठ पर्व के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार में सक्रिय होंगे। तेजस्वी यादव ने पहले ही राज्यभर में तीव्र प्रचार अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन अब तक उन्होंने फ्रेंडली फाइट वाली सीटों का दौरा नहीं किया है। सूत्रों का कहना है कि राहुल और तेजस्वी इन सीटों पर सहज रूप से प्रचार करने से बचना चाहेंगे, क्योंकि किसी भी पक्ष के लिए सक्रिय प्रचार करना गठबंधन के भीतर मतभेद को उजागर कर सकता है।

राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है। उन्होंने कहा, बिहार में कुल 243 सीटें हैं। पांच-छह सीटों पर आपसी सहमति से ‘फ्रेंडली फाइट’ हो सकती है। हम मिलकर प्रचार करेंगे और चुनाव जीतेंगे। सत्ता पक्ष के लोग अफवाह फैला रहे हैं, उनका ध्यान न दें। महागठबंधन ने अपने सीएम फेस तेजस्वी यादव की घोषणा कर दी है। वहीं NDA ने अब तक अपना सीएम फेस घोषित नहीं किया है। गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना नहीं चाहती, जिससे राजनीतिक गतिरोध और बढ़ गया है।

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