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बिहार में नीतीश कुमार की बड़ी सौगात, रसोइया-प्रहरी और अनुदेशकों का मानदेय हुआ दोगुना

बिहार में नीतीश कुमार की बड़ी सौगात, रसोइया-प्रहरी और अनुदेशकों का मानदेय हुआ दोगुना

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में एक और अहम कदम उठाया है। शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 को उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से घोषणा की कि राज्य में कार्यरत रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय में दोगुनी बढ़ोतरी की गई है। इस फैसले से शिक्षा व्यवस्था में सहायक भूमिका निभाने वाले हजारों कर्मियों को सीधा लाभ मिलेगा।

रसोइयों को अब 3,300 रुपये

मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार, अब मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों को पहले के 1,650 रुपये की जगह 3,300 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इसी तरह माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों में तैनात रात्रि प्रहरियों का मासिक मानदेय 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है। वहीं शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशकों को अब 8,000 रुपये की जगह 16,000 रुपये दिए जाएंगे।

सरकार ने इन पदों पर कार्यरत कर्मियों की वार्षिक वेतन वृद्धि भी 200 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये करने का निर्णय लिया है। यह बदलाव उनके मनोबल को बढ़ाने और उन्हें कार्य के प्रति अधिक प्रेरित करने के उद्देश्य से किया गया है।

शिक्षा बजट में भारी इजाफा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार नवंबर 2005 से ही राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 में जहां शिक्षा का कुल बजट 4,366 करोड़ रुपये था, वह अब बढ़कर 77,690 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस दौरान बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति, स्कूल भवनों का निर्माण और आधारभूत संरचनाओं के विस्तार जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और स्वास्थ्य अनुदेशकों की अहम भूमिका रही है। उनके योगदान को देखते हुए ही सरकार ने यह मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया है, ताकि उन्हें सम्मान और प्रोत्साहन दोनों मिल सके।

सहायक कर्मियों की भूमिका को मिला मान

राज्य सरकार का मानना है कि शिक्षा व्यवस्था में सहायक कर्मियों का सहयोग आधारभूत ढांचा मजबूत करने में सहायक रहा है। मानदेय में यह वृद्धि उनके लंबे समय से किए जा रहे कार्यों की सराहना के रूप में की गई है। सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से इन कर्मियों में नई ऊर्जा का संचार होगा और वे और अधिक लगन से अपनी जिम्मेदारियां निभाएंगे।

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