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Bihar Politics: भाजपा-राष्ट्रवादी पार्टियों को टक्कर! प्रशांत किशोर की जन सुराज में शामिल दो बड़े चेहरे

Bihar Politics: भाजपा-राष्ट्रवादी पार्टियों को टक्कर! प्रशांत किशोर की जन सुराज में शामिल दो बड़े चेहरे

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी को बड़ी ताकत मिली है। पूर्व IPS जयप्रकाश सिंह और भोजपुरी अभिनेता-गायक रीतेश पाण्डेय ने पार्टी जॉइन की है।

Bihar Politics: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी लोकल हीरो से मजबूत हो रही है। शुक्रवार को दो बड़ी व्यक्तित्वों- पूर्व IPS जयप्रकाश सिंह और भोजपुरी अभिनेता-गायक रीतेश पाण्डेय ने पार्टी की सदस्यता स्वीकार की है। इससे पार्टी को सियासी और सांस्कृतिक समर्थन दोनों मिलेगा।

क्यों जुड़ रहे नेता: चुनावी बदलाव की तैयारी

दरअसल बिहार में आने वाले चुनाव में भाजपा, नीतीश कुमार की JDU सहित सभी प्रमुख दल जनसंपर्क पर जोर दे रहे हैं। ऐसे में प्रशांत किशोर ने भी क्षेत्रीय और सिने-प्रशंसक समर्थकों को आकर्षित करने की रणनीति अपनाई है। इस प्रक्रिया में आईपीएस की अनुशासन-योग्यता और फिल्म-स्पेस का स्टार पावर जुड़ना उनकी ताकत को कई गुना बढ़ाएगा।

कौन है जयप्रकाश सिंह?

जयप्रकाश सिंह आईपीएस अधिकारी थे और हिमाचल प्रदेश में अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्य कर चुके हैं। यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने 59वीं रैंक हासिल की थी। वे सेना और एयरपोर्ट अथॉरिटी में लगभग 12 साल तक कार्यरत रहे। सारण जिले में जन्मे जयप्रकाश ने अपनी पृष्ठभूमि की चुनौतियों के बाद प्रशासनिक पद तक पहुंचकर सफलता साबित की है।

भोजपुरी स्टार का जनसुराज में प्रवेश

रीतेश पाण्डेय भोजपुरी सिनेमा और गानाकारी में लोकप्रिय नाम हैं। वे क्षेत्रीय युवा अभिनेताओं में गिने जाते हैं। जनता के जुनून और मनोरंजन के साथ राजनैतिक जुड़ाव उनका व्यक्तिगत 'कनेक्शन' जनता तक पहुंचाता है, जो चुनावी मायने रखता है।

प्रशांत किशोर को क्या फायदा?

इन दो जोड़ियों से पार्टी को पेशेवर और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से मजबूत आधार प्राप्त होगा। जयप्रकाश सिंह की भूमिका पार्टी में अनुशासन और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर जनता में विश्वसनीयता बनाएगी, वहीं रीतिश पाण्डेय के जुड़ने से पार्टी का जन-प्रिय मंच और युवा आकर्षण बढ़ेगा।

जयप्रकाश सिंह सशासन और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जबकि रीतिश पाण्डेय सांस्कृतिक रैलियों, जनसभाओं और रूटीन रैली कार्यक्रमों में पार्टी का चेहरा बन सकते हैं। उनके जुड़ने से पार्टी के ब्रांड वैल्यू में बढ़ोतरी हो सकती है।

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