बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही सिकंदरा विधानसभा सीट पर सियासी हलचल बढ़ गई है। इस सीट पर सभी राजनीतिक दल अपने संभावित उम्मीदवारों को जनता के बीच भेजकर जोर-शोर से प्रचार अभियान चला रहे हैं।
सिकंदरा: बिहार में विधानसभा चुनावों के लिए सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं और जोर-शोर से प्रचार अभियान चल रहा है। सिकंदरा विधानसभा सीट बिहार की महत्वपूर्ण सीटों में शामिल है और यह जमुई जिले में स्थित है। 2020 के विधानसभा चुनावों में यह सीट हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने जीती थी। हम के उम्मीदवार प्रफुल्ल कुमार मांझी ने कांग्रेस के सुधीर कुमार को 5505 वोटों के अंतर से हराया था।
इस साल के चुनाव में सिकंदरा सीट काफी दिलचस्प होने वाली है। बिहार की सियासत में इस बार कई नए मोड़ देखने को मिल सकते हैं। एक ओर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नई पार्टी जनसुराज मैदान में है, वहीं दूसरी ओर आरजेडी से निष्कासित तेज प्रताप यादव भी चुनाव में पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
पिछले चुनावों का डेटा
2020 के विधानसभा चुनाव में, HAM के प्रफुल्ल कुमार मांझी ने कांग्रेस के सुधीर कुमार को 5505 वोटों के अंतर से हराया था। इस बार प्रफुल्ल मांझी को कुल 47061 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के सुधीर कुमार को 41556 वोट प्राप्त हुए। तीसरे नंबर पर स्वतंत्र उम्मीदवार सुभाष चंद्र बोस रहे, जिन्हें कुल 18105 वोट मिले।
वहीं, 2015 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस के सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी ने लोक जन शक्ति पार्टी (LJP) के सुभाष चंद्र बोस को 7990 वोटों के अंतर से हराया था। उस चुनाव में सुधीर कुमार को कुल 59092 वोट मिले थे, जबकि सुभाष चंद्र बोस को 51102 वोट प्राप्त हुए। तीसरे नंबर पर CPI की उम्मीदवार गिरिजा चौधरी रही, जिन्हें 8026 वोट मिले।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि सिकंदरा सीट पर मतदाता पैटर्न समय-समय पर बदलता रहा है, और यह सीट राजनीतिक दृष्टि से हमेशा से उत्सुकता और प्रतिस्पर्धा का केंद्र रही है।
सिकंदरा सीट का इतिहास
सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1962 में हुई थी और यह अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीट है। अब तक कांग्रेस ने इस सीट पर पाँच बार, CPI और JD(U) ने दो-दो बार जीत दर्ज की है। इसके अलावा SSP, जनता पार्टी, कोशल पार्टी, LJP, HAM और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी एक-एक बार जीत हासिल की है। इस सीट की राजनीतिक विविधता इसे बिहार विधानसभा के महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में शामिल करती है। हर बार यहाँ चुनावी परिणाम राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण संकेत देते हैं।
2025 का चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि इस बार नई राजनीतिक पार्टी जनसुराज भी मैदान में उतरी है। इसके अलावा, आरजेडी से निष्कासित तेज प्रताप यादव भी संभावित उम्मीदवारों में शामिल हैं और अपनी ताकत झोंकने के लिए पूरी तैयारी में हैं। सिकंदरा विधानसभा सीट की राजनीतिक महत्वता और सामाजिक संरचना को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मतदाता इस बार नए विकल्पों और पारंपरिक पार्टियों के बीच चयन करेंगे। HAM, कांग्रेस और अन्य पार्टियों की रणनीतियाँ इस चुनाव को और अधिक प्रतिस्पर्धी बना रही हैं।