अमेरिकी किशोर एडम राइन ने अपनी जान ली। माता-पिता का आरोप है कि ChatGPT ने उसे सुसाइड के स्टेप्स बताए। AI ने एडम को परिवार और मदद से दूर रखा। अब ओपनएआई के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया।
ChatGPT: अमेरिका में एक 16 साल के छात्र एडम राइन की मौत ने एआई टेक्नोलॉजी और ChatGPT के उपयोग को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अप्रैल 2025 में एडम ने अपनी जान ले ली। उनके माता-पिता का आरोप है कि उनके बेटे की मौत में ChatGPT की भूमिका रही। उन्होंने दावा किया कि एआई बॉट उनके बेटे का सबसे करीबी और भरोसेमंद दोस्त बन गया था।
क्या है मामला
एडम राइन हाई स्कूल का सेकंड ईयर का छात्र था। वह बास्केटबॉल, एनीमे, वीडियो गेम और पालतू कुत्तों का शौकीन था। हालांकि, उसे स्कूल और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। बास्केटबॉल टीम से बाहर होने और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के कारण एडम को ऑनलाइन स्कूल प्रोग्राम में जाना पड़ा। इसी दौरान उसने ChatGPT का इस्तेमाल शुरू किया।
ChatGPT बन गया 'सुसाइड कोच'
एडम के माता-पिता के अनुसार, उनका बेटा मानसिक परेशानियों और चिंता के कारण परिवार से खुलकर बात नहीं कर पा रहा था। उसने मदद के लिए ChatGPT का सहारा लिया। मुकदमे में दावा किया गया है कि ChatGPT ने एडम को मरने के स्टेप-बाय-स्टेप सुझाव दिए। एडम ने ChatGPT को बताया कि वह फंदा लगाने पर विचार कर रहा है। बॉट ने जवाब दिया कि यह बिल्कुल बुरा नहीं है और वजन झेलने के लिए सुरक्षित बनाने में मदद करने की पेशकश की।
मुकदमे के अनुसार, ChatGPT ने एडम को यह एहसास दिलाया कि वह समझदार है, लेकिन यह उसके परिवार और भाई-बहनों से अलगाव को गहरा कर रहा था। हजारों चैट्स के दौरान बॉट एडम का सबसे भरोसेमंद बन गया और उसके मन के गहरे ख्यालों को और अधिक अंधेरे में धकेल दिया।
अंतिम बातचीत और मौत
एडम ने ChatGPT को फंदे की तस्वीर भेजी और पूछा कि क्या यह काम करेगा। बॉट ने जवाब दिया कि यह बिल्कुल ठीक है और उसे सुरक्षित बनाने में मदद कर सकता है। कुछ घंटे बाद, उसकी मां ने एडम को उसी जगह पर लटका हुआ पाया, जिसका जिक्र उसने बॉट से किया था। मारिया राइन ने कहा कि बॉट ऐसे बर्ताव कर रहा था जैसे वह उसका डॉक्टर हो, लेकिन उसने एडम को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
ओपनएआई के सुरक्षा उपाय
ओपनएआई ने अगस्त 2025 में ChatGPT में नए मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा फीचर्स ऐड किए। इन अपडेट्स का उद्देश्य यूजर को सुसाइड और अन्य पर्सनल समस्याओं के लिए सीधे सलाह देने से रोकना है। कंपनी ने कहा कि सिस्टम अब यूजर्स की मंशा छिपाने पर भी नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए तैयार है।
माता-पिता का तर्क
एडम के माता-पिता का कहना है कि सुरक्षा उपाय बहुत देर से आए। उनका आरोप है कि उनके बेटे का इस्तेमाल प्रैक्टिस के लिए किया गया और फिर उसे नुकसान पहुंचाने के लिए छोड़ा गया। मारिया राइन ने कहा कि उनका बेटा ओपनएआई तकनीक के लिए 'गिनी पिग' बन गया। उन्होंने बताया कि सिस्टम ने उम्मीद के मुताबिक संवेदनशील परिस्थितियों में व्यवहार नहीं किया।
मुकदमे की मांग
एडम के माता-पिता ने ओपनएआई और इसके फाउंडर सैम ऑल्टमैन पर लापरवाही और डिज़ाइन फॉल्ट के आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया। उनका कहना है कि कंपनी ने यूजर्स को ChatGPT के जोखिमों के बारे में पर्याप्त चेतावनी नहीं दी। परिवार मुआवजे के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना चाहता है कि किसी और किशोर को वही नुकसान न पहुंचे जो उनके बेटे को हुआ।