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छांगुर बाबा केस: पूर्व IPS अधिकारी को चुनाव में उतारने की थी तैयारी, ATS जांच में बड़े खुलासे

छांगुर बाबा केस: पूर्व IPS अधिकारी को चुनाव में उतारने की थी तैयारी, ATS जांच में बड़े खुलासे

हिंदू परिवारों का धर्मांतरण कराकर जनसांख्यिकीय बदलाव की साजिश में जुटे छांगुर पीर की राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी काफी प्रबल थी। वह खुद को राजनीति में स्थापित कर सत्ता के करीब पहुंचने की कोशिश में था।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से जुड़े छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन पीर के मामले में हर दिन नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। अवैध धर्मांतरण, राजनीतिक गठजोड़ और सत्ता में पहुंच बनाने की साजिश रच रहे छांगुर बाबा के नेटवर्क का दायरा अब पुलिस, प्रशासन और राजनीति तक फैला हुआ दिखाई दे रहा है। 

अब खुलासा हुआ है कि छांगुर बाबा एक पूर्व IPS अधिकारी को 2027 के विधानसभा चुनाव में उतरौला सीट से चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रहा था। इसके पीछे उसकी मंशा थी कि सत्ता के जरिए अपने नेटवर्क को और मजबूत किया जा सके।

पूर्व IPS अधिकारी से करीबी, धर्मांतरण में भी मिला संरक्षण

छांगुर के करीबी रहे बब्बू खान ने इस बात का खुलासा किया है कि छांगुर के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी से गहरे संबंध रहे। बताया जा रहा है कि यह अधिकारी धर्मांतरण के नेटवर्क में न सिर्फ संरक्षण दे रहा था, बल्कि कार्रवाई से बचाने में भी अहम भूमिका निभा रहा था। पुलिसिया तंत्र और रसूख का इस्तेमाल कर छांगुर लंबे समय से अपने मंसूबों को हवा दे रहा था। लखनऊ में छिपे रहने के दौरान भी यही अधिकारी उसे वकीलों की टीम उपलब्ध कराता रहा और कार्रवाई को प्रभावित करता रहा।

ATS सूत्रों के मुताबिक, छांगुर की सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के कमरे से बरामद लाल डायरी में कई बड़े नेताओं के नाम दर्ज मिले हैं। इन नेताओं को छांगुर ने 2022 के विधानसभा चुनाव में मोटी रकम देकर समर्थन किया था। चर्चा है कि उतरौला से एक पूर्व प्रत्याशी को छांगुर ने 90 लाख रुपये फंडिंग की थी, लेकिन वो चुनाव हार गए। अब छांगुर एक राष्ट्रीय पार्टी से जुड़े पूर्व IPS अधिकारी को चुनाव में उतारने की तैयारी में था, ताकि राजनीतिक संरक्षण और बढ़ाया जा सके।

छांगुर की राजनीतिक पकड़ पिछले दस वर्षों में लगातार मजबूत होती गई थी। चाहे लोकसभा चुनाव हो या पंचायत चुनाव, वह फंडिंग और अपने अनुयायियों के जरिए नतीजों को प्रभावित करने की कोशिश करता रहा। उतरौला, गैड़ास बुजुर्ग और आसपास के क्षेत्रों में उसका प्रभाव पंचायत स्तर तक देखा गया।

ATS के गवाह पर हमला, धमकी देकर बयान बदलवाने की कोशिश

अवैध धर्मांतरण केस में ATS के गवाह हरजीत कश्यप पर छांगुर के गुर्गों ने हमला कर जान से मारने की धमकी दी। हरजीत का आरोप है कि रियाज, कमालुद्दीन और नव्वाब ने उन्हें पीटते हुए धमकाया कि 24 घंटे के भीतर लखनऊ जाकर अपने बयान बदल लो वरना अंजाम भुगतना पड़ेगा। साथ ही कहा गया, रसूलाबाद गांव पाकिस्तान है, यहां रहकर मुसलमानों के खिलाफ आवाज उठाओगे तो मिटा दिए जाओगे।

पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रभारी निरीक्षक अवधेश राज सिंह ने कहा कि जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होगी।

ATS की गोंडा में दबिश, धर्मांतरण में छांगुर के अन्य करीबी की तलाश

ATS की टीम ने गोंडा के धानेपुर के रेतवागाड़ा गांव में रमजान नामक युवक की तलाश में दबिश दी। रमजान कभी छांगुर के कार्यक्रमों में ढोलक बजाता था और उसे धर्मांतरण के लिए लोगों को तैयार करने का काम सौंपा गया था। हालांकि ग्रामीणों के अनुसार रमजान की 2024 में मौत हो चुकी है। टीम ने उसके नाम के अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई।

नेपाल सीमा से सटे संवेदनशील क्षेत्र उतरौला में छांगुर का नेटवर्क पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के संरक्षण में फलता-फूलता रहा। एक प्रमोटी अधिकारी के बंगले तक उसकी सीधी पहुंच थी। बब्बू चौधरी नामक गवाह ने तत्कालीन SP तक की शिकायत शासन से की थी कि छांगुर को सबसे ज्यादा पुलिस महकमे ने ही सरंक्षण दिया, जिससे उसका नेटवर्क लगातार बढ़ता गया।

DM और SP के बीच भी हो चुकी थी ठनाठनी

वर्ष 2024 में तत्कालीन DM अरविंद सिंह ने उतरौला पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए जांच बैठाई थी। गरीब परिवार की जमीन कब्जाने के आरोप में पुलिस पर कार्रवाई तक हुई। डीआईजी मंजिल सैनी की अध्यक्षता में SIT जांच भी कराई गई थी। इसी बीच जिले के DM और SP के बीच ठन गई थी और दोनों का तबादला हुआ। अब वही उतरौला और गैड़ास बुजुर्ग क्षेत्र छांगुर के नेटवर्क के केंद्र के रूप में उजागर हो रहे हैं।

छांगुर का मकसद केवल धर्मांतरण तक सीमित नहीं था, वह सत्ता के जरिए अपने नेटवर्क को वैधानिक रूप देने की कोशिश में था। विधानसभा चुनाव में अपने लोगों को खड़ा करना, पुलिस-प्रशासन में रिश्तों को मजबूत करना और जनसांख्यिकीय बदलाव के जरिए स्थानीय स्तर पर प्रभाव बढ़ाना, उसके पूरे नेटवर्क का हिस्सा था। ATS की जांच इस नेटवर्क के हर तार को खंगाल रही है।

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