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'जय भीम प्रतिभा विकास योजना' में 145 करोड़ के घोटाले की होगी जांच, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिए आदेश

'जय भीम प्रतिभा विकास योजना' में 145 करोड़ के घोटाले की होगी जांच, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिए आदेश

मंत्री आशीष सूद ने बुधवार को बताया कि उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कार्यकाल के दौरान चलाई गई ‘जय भीम प्रतिभा विकास योजना’ में कथित भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दिए हैं।

नई दिल्ली: दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार के कार्यकाल के दौरान संचालित 'जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना' अब भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में आ गई है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस योजना में कथित 145 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर आधिकारिक जांच के आदेश दे दिए हैं। इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और भाजपा सरकार ने आप सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि जिस योजना के लिए केवल 15 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था, वहां केजरीवाल सरकार ने 145 करोड़ रुपये के बिल मंजूर कर दिए।

क्या है 'जय भीम प्रतिभा विकास योजना'?

दिल्ली सरकार द्वारा 2020-21 में शुरू की गई इस योजना के तहत अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों को UPSC, SSC, NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निजी कोचिंग संस्थानों में नि:शुल्क कोचिंग दी जाती थी। इसका उद्देश्य था कि आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के मेधावी छात्र महंगी कोचिंग की वजह से पीछे न रह जाएं।

इस योजना के लिए वार्षिक 15 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित था। लेकिन अब आरोप लग रहे हैं कि कोविड काल में 2021-22 के दौरान 145 करोड़ रुपये के फर्जी बिल पास किए गए।

कहां से उठे सवाल?

दिल्ली सरकार के SC/ST कल्याण मंत्री रविंदर इंद्राज और मंत्री आशीष सूद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि कोरोना काल में जब अधिकतर कोचिंग संस्थान या तो बंद थे या ऑनलाइन क्लास करवा रहे थे, उस दौरान भी निजी कोचिंग संस्थानों के नाम पर 145 करोड़ रुपये के बिल तैयार कर पास किए गए।मंत्रियों का आरोप है कि इन बिलों में ना तो छात्रों की वास्तविक उपस्थिति का कोई प्रमाण था और ना ही उनके रिजल्ट या परीक्षा में बैठने के दस्तावेज। इसके बावजूद बड़ी राशि सरकारी खजाने से जारी कर दी गई।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। उनका कहना है कि अगर प्रारंभिक जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उपराज्यपाल के मुताबिक, दिल्ली सरकार की फंडिंग का दुरुपयोग एक गंभीर अपराध है और इसे किसी हाल में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर इस मामले को CBI या एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को सौंपा जाएगा।

आप पार्टी की प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी का कहना है कि भाजपा सरकार राजनीतिक प्रतिशोध में फंसी हुई है और शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे जनहित के कार्यों को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। आप ने बयान जारी कर कहा, दिल्ली सरकार के स्कूलों की हर ईंट, मोहल्ला क्लीनिकों की हर सुई की जांच कर लीजिए। लेकिन जब आपका बदले की राजनीति से पेट भर जाए, तो दिल्ली के लिए कुछ वास्तविक काम करना शुरू कीजिए।

आप ने इसे भाजपा द्वारा जानबूझकर आप सरकार की छवि खराब करने की साजिश बताया और कहा कि भाजपा को जनता के असल मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है।

राजनीतिक घमासान तेज

इस कथित घोटाले को लेकर दिल्ली की राजनीति में गर्मी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सीधे-सीधे पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम को कटघरे में खड़ा किया है। रेखा गुप्ता ने कहा कि जिस योजना के तहत छात्रों को फायदा पहुंचाना था, वहां फर्जी बिलों के जरिये भ्रष्टाचार किया गया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा: जय भीम प्रतिभा विकास योजना में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। अब इसकी गहन जांच होगी। दिल्ली के लोगों के टैक्स का पैसा किस तरह लूटा गया, यह सबके सामने आएगा।"

विशेषज्ञों के मुताबिक यदि जांच में आरोप सही साबित होते हैं तो दिल्ली सरकार के कई पूर्व मंत्री और अधिकारी भ्रष्टाचार के मामलों में फंस सकते हैं। इससे पहले भी दिल्ली सरकार के कई विभागों में फंड के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं, लेकिन इस बार मामला सीधे शिक्षा और SC/ST वर्ग से जुड़ा होने के कारण ज्यादा गंभीर माना जा रहा है।

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