Axis Bank की एनबीएफसी इकाई एक्सिस फाइनेंस में 20% हिस्सेदारी के लिए केदार कैपिटल और ब्लैकस्टोन ने बोली लगाई है। कंपनी का FY25 का शुद्ध मुनाफा ₹676 करोड़ और AUM ₹39 हजार करोड़ है। नेट एनपीए 0.37% और RoE 14.5% रहा। हिस्सेदारी बिक्री या आईपीओ की अगली कार्रवाई पूंजी जरूरत और RBI मंजूरी पर निर्भर करेगी।
Axis Bank की एनबीएफसी इकाई एक्सिस फाइनेंस में करीब 20% हिस्सेदारी के लिए केदार कैपिटल और ब्लैकस्टोन ने बोली लगाई है। कंपनी का FY25 का शुद्ध मुनाफा 11% बढ़कर ₹676 करोड़ और एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹39 हजार करोड़ रहा। नेट एनपीए 0.37% और कैपिटल एडेकेसी रेशियो 20.9% रहा। हिस्सेदारी बिक्री या आईपीओ का अगला कदम कंपनी की पूंजी जरूरत और RBI से मंजूरी पर निर्भर करेगा।
हिस्सेदारी बिक्री में बदलाव
पहले एक्सिस बैंक की योजना थी कि वह अपनी NBFC इकाई Axis Finance की 50% हिस्सेदारी बेच देगा, जिसकी कीमत लगभग 80 से 100 करोड़ डॉलर अनुमानित थी। लेकिन अब इस हिस्सेदारी को घटाकर सिर्फ 20% यानी करीब 35 से 40 करोड़ डॉलर कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि केदार कैपिटल और ब्लैकस्टोन इस 20% हिस्सेदारी को खरीदने के लिए बोली लगा चुके हैं। इसके अलावा, एडवेंट इंटरनेशनल, EQT और वारबर्ग पिंकस जैसी कंपनियों को भी निवेश के लिए परखा गया था।
Axis Finance की कारोबारी सेहत
Axis Finance का कारोबार कई अहम क्षेत्रों में फैला हुआ है। इसमें कॉर्पोरेट लोन, रियल एस्टेट फंडिंग, कॉलैटरलाइज्ड लेंडिंग, एमएसएमई और रिटेल फंडिंग शामिल हैं। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 11% बढ़कर 676 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) लगभग 39 हजार करोड़ रुपये हैं। एक्सिस बैंक की कुल सब्सिडरी अर्निंग्स में Axis Finance की हिस्सेदारी करीब 38% है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का एयूएम सालाना आधार पर 22% की दर से बढ़ा। लोन बुक ने वित्त वर्ष 2022 से 2025 के बीच सालाना करीब 31% की चक्रवृद्धि रफ्तार यानी CAGR दर्ज की।
कंपनी की एसेट क्वालिटी भी मजबूत बनी हुई है। वित्त वर्ष 2025 में इसका नेट एनपीए रेश्यो 0.37% और कैपिटल एडेकेसी रेश्यो 20.9% रहा। साथ ही इस दौरान RoE (रिटर्न ऑन इक्विटी) 14.5% दर्ज किया गया। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि Axis Finance की वित्तीय स्थिति स्वास्थ्यपूर्ण और निवेश के लिए आकर्षक है।
IPO की संभावना
Axis Finance के लिए हिस्सेदारी बिक्री या आईपीओ का रास्ता अभी स्पष्ट नहीं है। एक्सिस बैंक का कहना है कि यह कदम कंपनी की पूंजीगत जरूरतों और आरबीआई से मिलने वाली मंजूरी पर निर्भर करेगा। हालिया अर्निंग्स कॉल में बैंक के मैनेजमेंट ने कहा था कि Axis Finance को अपर लेयर NBFC की कैटेगरी में रखा जा सकता है।
इस कैटेगरी में आने के बाद, तीन साल के भीतर शेयरों की लिस्टिंग अनिवार्य हो जाती है। हालांकि, इस प्रक्रिया की समय-सीमा अभी तय नहीं हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर Axis Finance को इस कैटेगरी में रखा जाता है, तो आने वाले वर्षों में कंपनी की शेयर मार्केट में एंट्री संभावित है।
निवेशकों की नजर Axis Finance पर
केदार कैपिटल और ब्लैकस्टोन की हिस्सेदारी खरीदने की बोली से यह संकेत मिलता है कि बड़े निवेशक Axis Finance की ग्रोथ और कारोबारी मॉडल पर भरोसा कर रहे हैं। कंपनी की विविध लेंडिंग पोर्टफोलियो और मजबूत वित्तीय प्रदर्शन ने इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया है।
इसके अलावा, बाजार में अन्य प्राइवेट इक्विटी फर्म्स भी Axis Finance में हिस्सेदारी लेने के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं। यह दर्शाता है कि कंपनी की रणनीतिक योजनाएं और कारोबारी मॉडल निवेशकों के लिए भरोसेमंद और आकर्षक हैं।