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PM मोदी से किंग की अनोखी डिमांड- नितिन गडकरी को 6 महीने के लिए दुबई भेजो, गडकरी ने सुनाया मजेदार किस्सा

PM मोदी से किंग की अनोखी डिमांड- नितिन गडकरी को 6 महीने के लिए दुबई भेजो, गडकरी ने सुनाया मजेदार किस्सा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अपनी कार्यशैली और सोच को लेकर बेबाक अंदाज़ में बात की। Al Ibrahim Education Society के उद्घाटन समारोह के दौरान उन्होंने एक मजेदार किस्सा सुनाया, जो दुबई के किंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बातचीत से जुड़ा था। साथ ही उन्होंने शिक्षा, सामाजिक सोच और राजनीति में जातिवाद को लेकर भी अपनी राय खुलकर रखी।

दुबई के किंग ने पीएम मोदी से कहा 

गडकरी ने कार्यक्रम में बताया कि एक बार दिल्ली के हैदराबाद हाउस में दुबई के शासक के सम्मान में भोज आयोजित किया गया था। इस भोज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दुबई के किंग और वे खुद शामिल थे। इसी दौरान बातचीत के दौरान दुबई के किंग ने पीएम मोदी से हंसते हुए कहा,
मोदी जी, यूएई को एक फेवर कीजिए।
जब प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या चाहिए, तो उन्होंने जवाब दिया –
Export Nitin Gadkari for 6 months to Dubai.

गडकरी ने बताया कि किंग की ये बात सुनते ही पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा। उन्होंने कहा कि यह मजाक नहीं, बल्कि उनके काम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई प्रशंसा का प्रतीक है। उन्होंने इसे अपने काम और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में किए गए कार्यों की सराहना के तौर पर देखा।

सिर्फ पूजा-पाठ से नहीं, तरक्की के लिए जरूरी है ज्ञान

कार्यक्रम में गडकरी ने शिक्षा की अहमियत को लेकर भी बड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अगर जीवन में सफलता, सम्मान और समाज में स्थान पाना है, तो उसके लिए नॉलेज सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा,
आप चाहे मंदिर जाएं या मस्जिद, सौ बार नमाज़ पढ़ें, लेकिन अगर अंग्रेजी नहीं आएगी, मैथ्स और साइंस नहीं समझेंगे, प्रशासन और एंटरप्रेन्योरशिप की समझ नहीं होगी, तो तरक्की कैसे होगी?

गडकरी ने बताया कि जब वे विधायक थे, तब सभी विधायकों को शिक्षण संस्थान दिए जा रहे थे। उन्हें जब एक इंजीनियरिंग कॉलेज मिला, तो उन्होंने वह कॉलेज अपने नाम से न चलाकर मुस्लिम समाज की संस्था 'अंजुमन-ए-इस्लाम' को सौंप दिया। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि आज उस संस्थान से 8 से 10 हजार छात्र-छात्राएं इंजीनियर बनकर निकल चुके हैं।

उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे धर्म, जाति और भेदभाव से ऊपर उठकर शिक्षा और नॉलेज को प्राथमिकता दें, क्योंकि यही असली पूंजी है, जो व्यक्ति को समाज में पहचान दिलाती है।

पिछड़ापन बन गया है राजनीतिक स्वार्थ

जातिगत राजनीति पर निशाना साधते हुए गडकरी ने कहा कि आजकल समाज में पिछड़ेपन की बात को बार-बार दोहराया जा रहा है और यह "बैकवार्डनेस बिकम ए पॉलिटिकल इंटरेस्ट" बन चुका है। उन्होंने कहा कि अब हर कोई यही साबित करने में जुटा है कि वह कितना पिछड़ा है, ताकि राजनीतिक लाभ लिया जा सके।

गडकरी ने उत्तर प्रदेश के अपने दौरे का एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक बार जब वे वहां गए थे तो कुछ लोगों ने उनसे कहा, अटल बिहारी वाजपेयी के बाद अगर कोई दमदार ब्राह्मण नेता है तो वो आप हैं।
जब उन्होंने इसका कारण पूछा, तो जवाब मिला – क्योंकि आप ब्राह्मण हैं। इस पर गडकरी ने साफ कहा कि वे जात-पात की राजनीति में विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति काम, विकास और ईमानदारी पर आधारित है, न कि जातिगत पहचान पर।

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