Pune

धनखड़ ने कहा था 2027 में रिटायर होंगे, फिर 11 दिन में क्यों छोड़ दिया उपराष्ट्रपति पद?

धनखड़ ने कहा था 2027 में रिटायर होंगे, फिर 11 दिन में क्यों छोड़ दिया उपराष्ट्रपति पद?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सेहत का हवाला दिया, लेकिन हाल की घटनाओं से उनके इस्तीफे पर राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं।

Jagdeep Dhankhar Resignation: देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपने पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र देने की जानकारी दी। इस्तीफे की वजह उन्होंने स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सकीय सलाह को बताया। लेकिन उनके इस निर्णय ने राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

2022 में उपराष्ट्रपति बने थे धनखड़

धनखड़ ने 6 अगस्त 2022 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। उन्हें 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182। इसके बाद 10 अगस्त 2022 को उन्होंने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इस प्रकार उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक तय था। लेकिन उन्होंने कार्यकाल पूरा होने से दो साल पहले ही इस्तीफा दे दिया।

11 दिन पहले तक बोले थे- 2027 में रिटायर होंगे

धनखड़ का यह फैसला इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि 10 जुलाई को जेएनयू के एक कार्यक्रम में उन्होंने खुद कहा था कि वह अगस्त 2027 में अपने कार्यकाल के अंत में रिटायर होंगे। उस समय उन्होंने न केवल कार्यकाल पूरा करने की बात कही थी बल्कि खुद को पूरी तरह स्वस्थ भी बताया था।

स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला, लेकिन सवाल कायम

धनखड़ ने इस्तीफे की वजह अपनी सेहत बताई है। मार्च 2024 में उन्हें अचानक सीने में दर्द हुआ था, जिसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था। इसके बाद जून में एक बार फिर उत्तराखंड में कार्यक्रम के दौरान तबीयत बिगड़ी थी। लेकिन 10 जुलाई को उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि वे स्वस्थ हैं और अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। ऐसे में महज 11 दिन में उनकी सोच में आया बदलाव कई सवाल खड़े करता है।

मॉनसून सत्र के पहले दिन इस्तीफा, संकेत क्या हैं?

इस्तीफा ऐसे समय में आया जब संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ। सत्र के पहले दिन उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन भी किया। उन्होंने राजनीतिक दलों से सदन में सौहार्द बनाए रखने की अपील भी की थी। लेकिन उसी दिन देर रात इस्तीफा देकर उन्होंने सभी को हैरान कर दिया।

तीसरे उपराष्ट्रपति जिन्होंने कार्यकाल पूरा नहीं किया

धनखड़ भारत के तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति बन गए हैं जिन्होंने कार्यकाल पूरा नहीं किया। इससे पहले वीवी गिरि ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था। वहीं, कृष्णकांत का कार्यकाल के दौरान निधन हो गया था। लेकिन धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से हुआ, यह अब भी लोगों के लिए स्पष्ट नहीं है।

यशवंत वर्मा प्रकरण से जुड़ी संभावित नाराजगी

राज्यसभा में हाल ही में एक हाई कोर्ट जज, यशवंत वर्मा को हटाने का प्रस्ताव विपक्ष द्वारा लाया गया था। धनखड़ ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया, जबकि लोकसभा में सरकार ने इसी पर प्रस्ताव लाने की तैयारी की थी। माना जा रहा है कि धनखड़ के इस कदम से सरकार नाराज थी। BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सदन में अप्रत्यक्ष रूप से नाराजगी भी जाहिर की थी।

BAC मीटिंग में भी हुई अनदेखी?

बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में भी धनखड़ को सरकार की तरफ से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। बताया गया कि जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू इस बैठक में मौजूद नहीं थे। इससे पहले दो बार मीटिंग हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। यह भी कहा जा रहा है कि इससे धनखड़ नाराज थे।

 

Leave a comment