दिल्ली सरकार ने राजधानी के सरकारी अस्पतालों में 1,593 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की। इससे मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा, ऑपरेशन नियमित होंगे और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
New Delhi: दिल्ली सरकार ने राजधानी के सरकारी अस्पतालों में लंबे समय से रिक्त पड़े 1,593 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कदम का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना और चिकित्सकों की कमी को दूर करना है। इससे लोक नायक, जीटीबी और अन्य प्रमुख सरकारी अस्पतालों में मरीजों को समय पर इलाज और बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यह भर्ती अभियान 2025-26 तक पूरा किया जाएगा। इससे अस्पतालों में निरंतर सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी और मरीजों के अनुभव में सुधार आएगा।
रिक्त पद और अस्पतालों में स्थिति
दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पतालों जैसे लोक नायक अस्पताल, जीटीबी, बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, बुराड़ी अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल और मौलाना आज़ाद मेडिकल कालेज में सैकड़ों पद लंबे समय से खाली थे।
- एलएनजेपी अस्पताल में 242 पद रिक्त हैं
- जीटीबी अस्पताल में 205 पद रिक्त हैं
इन रिक्तियों के कारण ऑपरेशन थिएटर (OT) से लेकर इमरजेंसी (Emergency) सेवाओं तक चिकित्सकों की भारी कमी महसूस की जा रही थी। मौजूद डॉक्टरों पर अतिरिक्त कार्यभार पड़ता था और कई मामलों में मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता था। पिछले दिनों इसी वजह से जीबी पंत अस्पताल में एक चिकित्सक ने इस्तीफा भी दे दिया था।
सबसे अधिक कमी वाले विभाग
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सबसे अधिक कमी निम्न विभागों में है।
- एनेस्थीसिया विभाग में 270 पद
- स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में 237 पद
- बाल रोग विभाग में 191 पद
- रेडियोलॉजी विभाग में 104 पद
इन विभागों में नए डॉक्टरों की नियुक्ति से न केवल ऑपरेशन की संख्या बढ़ेगी, बल्कि मरीजों की प्रतीक्षा अवधि भी कम होगी। इससे रोगियों को समय पर और बेहतर इलाज मिलने की संभावना बढ़ेगी।
नई भर्ती प्रक्रिया: सिंगल विंडो सिस्टम
नई भर्ती प्रक्रिया केंद्रीकृत चयन प्रणाली (Centralized Selection System) के तहत की जा रही है। इसकी अध्यक्षता मौलाना आज़ाद मेडिकल कालेज (MAMC) के डीन करेंगे।
पहले अलग-अलग अस्पताल अपने स्तर पर इंटरव्यू और चयन प्रक्रिया करते थे, जिससे देरी और असंगतियां आती थीं। अब सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सभी नियुक्तियां एक ही स्थान से की जाएंगी। इसका लाभ यह होगा कि भर्ती प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और समन्वित होगी। प्रशासनिक बाधाओं में कमी आएगी और डॉक्टरों की नियुक्ति जल्दी पूरी की जा सकेगी।
स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह दिल्ली के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम है। इससे अस्पतालों में सेवाएं सुचारु रूप से चल सकेंगी।
रोगियों पर प्रभाव
चिकितकों की कमी का सीधा असर मरीजों की देखभाल पर पड़ता है। कई विभागों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण ऑपरेशन और उपचार टलते रहे हैं।
नई भर्ती से यह समस्या काफी हद तक दूर होगी। सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की तैनाती से मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा, ऑपरेशन नियमित रूप से होंगे और इमरजेंसी सेवाओं में भी सुधार आएगा। इससे सरकारी अस्पतालों में रोगियों का अनुभव सहज और भरोसेमंद बनेगा।
भर्ती का उद्देश्य और सरकार की योजना
दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि 2025-26 के वित्तीय वर्ष के भीतर इन सभी नियुक्तियों को पूरा किया जाए। इस भर्ती अभियान से केवल चिकित्सकों की संख्या बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि अस्पतालों में काम का बोझ भी कम होगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए यह कदम बेहद जरूरी था। अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसलिए नए डॉक्टरों की तैनाती से इलाज का समय कम होगा और सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी।
प्रमुख लाभ
सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी दूर होगी।
- OT और इमरजेंसी सेवाओं में सुधार होगा।
- मरीजों की प्रतीक्षा अवधि कम होगी।
- शल्य क्रियाओं की संख्या बढ़ेगी।
- भर्ती प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी।
- प्रशासनिक समन्वय बेहतर होगा।
- स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
 
                                                                        
                                                                             
                                                












