राजस्थान के जोधपुर में आईबी और एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में तीन मौलवी गिरफ्तार किए गए हैं। खुफिया एजेंसियों को इनके आतंकी नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग से संबंधों की आशंका है। छापेमारी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।
जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर में शुक्रवार सुबह आईबी (Intelligence Bureau) और एटीएस (Anti-Terrorism Squad) की संयुक्त कार्रवाई से सनसनी फैल गई। जोधपुर, सांचौर और पीपाड़ में एक साथ हुई छापेमारी में तीन मौलवियों को हिरासत में लिया गया है, जिन पर आतंकी गतिविधियों से जुड़ाव का संदेह है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई गृह मंत्रालय, नई दिल्ली के निर्देश पर सुबह करीब 5 बजे की गई। तीनों आरोपियों के खिलाफ पहले से ही इंटेलिजेंस एजेंसियों की निगरानी चल रही थी। जोधपुर से अयूब, पीपाड़ से मसूद और सांचौर से उस्मान को गिरफ्तार किया गया है।
छापेमारी में आतंकी और फंडिंग दस्तावेज़ बरामद
छापेमारी के दौरान एजेंसियों ने आरोपियों के ठिकानों से आतंकी संगठनों से जुड़े दस्तावेज, मोबाइल फोन, चंदे की रसीदें और आपत्तिजनक साहित्य बरामद किया है। शुरुआती जांच में इनका अंतरराष्ट्रीय फंडिंग नेटवर्क और संदिग्ध संपर्कों से जुड़ाव सामने आया है।
सूत्रों के अनुसार, अयूब और मसूद को पूछताछ के लिए जयपुर ले जाया गया है। दोनों से विदेशी संपर्कों, बैंक ट्रांजेक्शन और संगठनात्मक लिंक से जुड़ी जानकारी जुटाई जा रही है।
छापेमारी में तीन मौलवी गिरफ्तार

खुफिया सूत्रों ने बताया कि जोधपुर के चौखा क्षेत्र में सबसे पहले छापा मारा गया, जहां से अयूब पुत्र गफ्फार को पकड़ा गया। टीम को उसके घर से कई अहम दस्तावेज़, मोबाइल डेटा और विदेशी फंडिंग के रिकॉर्ड मिले।
दूसरी कार्रवाई सांचौर के झेरडियावास इलाके में हुई, जहां एक मदरसे से मौलवी उस्मान को हिरासत में लिया गया। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय गैंग से फंडिंग प्राप्त कर रहा था। वहीं, पीपाड़ से मौलवी मसूद को गिरफ्तार किया गया, जो अयूब की गिरफ्तारी के बाद भूमिगत हो गया था।
जोधपुर में सर्च ऑपरेशन जारी
तीनों गिरफ्तारियों के बाद जोधपुर पुलिस, एटीएस और आईबी की टीमें संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। जांच टीमों ने इलाके के मदरसे, धार्मिक स्थल और किराए के मकानों की तलाशी शुरू कर दी है।
अधिकारियों के अनुसार, यह पूरी कार्रवाई लंबे समय से चल रही तकनीकी निगरानी और खुफिया इनपुट्स के आधार पर की गई। फिलहाल एजेंसियां किसी आधिकारिक बयान से पहले पूछताछ और डिजिटल साक्ष्यों के विश्लेषण पर ध्यान दे रही हैं।
गृह मंत्रालय की निगरानी में चल रही है जांच
सूत्रों ने बताया कि यह ऑपरेशन सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय की मॉनिटरिंग में चल रहा है। एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या तीनों मौलवियों का संबंध किसी विदेशी आतंकी संगठन या हावाला चैनल से है।
फिलहाल आईबी और एटीएस दोनों टीमें मिलकर फंडिंग स्रोत, डिजिटल ट्रांजेक्शन और विदेशी कॉल डिटेल्स का विश्लेषण कर रही हैं। इस कार्रवाई से राज्य के अन्य जिलों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।
 
                                                                        
                                                                             
                                                












