विकासशील देशों पर कर्ज का बोझ बढ़कर 2023 में रिकॉर्ड 11.4 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया, जो उनकी एक्सपोर्ट इनकम के 99% के बराबर है। दो-तिहाई देशों पर डेट क्राइसिस का खतरा मंडरा रहा है, जबकि कई देश हेल्थ और एजुकेशन से ज्यादा खर्च डेट रीपेमेंट पर कर रहे हैं। UNCTAD ने इस संकट के समाधान के लिए नया डेट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है।
Developing countries loans: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील देशों का बाहरी कर्ज 2023 में रिकॉर्ड 11.4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जिससे दो-तिहाई देश गंभीर कर्ज संकट की स्थिति में हैं। कोविड-19, ऊंची ब्याज दरें और बढ़ते राजकोषीय घाटे ने हालात को और खराब किया है। कई देशों को अब स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास परियोजनाओं के बजाय कर्ज चुकाने को प्राथमिकता देनी पड़ रही है। इस बढ़ते संकट के बीच, UNCTAD ने जेनेवा में आयोजित कॉन्फ्रेंस में नया डेट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर DMFAS 7 लॉन्च किया, जो देशों को पारदर्शी और कुशल कर्ज प्रबंधन में मदद करेगा।
कर्ज के जाल में फंसे विकासशील देश
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब दो-तिहाई विकासशील देश कर्ज संकट की स्थिति में हैं। इनमें से कई देश ऐसे हैं जो स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी जरूरतों पर खर्च करने की बजाय कर्ज चुकाने में अधिक धन खर्च कर रहे हैं। इससे उनके विकास कार्य रुक गए हैं और आम जनता की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बाहरी कर्ज में यह बढ़ोतरी कई कारणों से हुई है। विकास परियोजनाओं के लिए बढ़ती उधारी, कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव, और सार्वजनिक घाटे (पब्लिक डेफिसिट) में बढ़ोतरी ने इस स्थिति को और खराब कर दिया है।
कोविड-19 ने बढ़ाई मुश्किलें
कोविड-19 महामारी के दौरान देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए भारी कर्ज लिया। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए कई देशों ने बाहरी लोन का सहारा लिया। लेकिन अब वही कर्ज उनके लिए संकट का कारण बन गया है।
रिपोर्ट बताती है कि कर्ज विकास के लिए जरूरी होता है, लेकिन जब किसी देश की भुगतान क्षमता से ज्यादा उधारी हो जाती है तो यह बोझ बन जाता है। यही स्थिति आज अधिकांश विकासशील देशों की है।
बढ़ती ब्याज दरों ने बढ़ाया बोझ

पिछले कुछ वर्षों में ग्लोबल इंटरेस्ट रेट्स यानी वैश्विक ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। इससे कर्ज चुकाने का बोझ और बढ़ गया है। 2023 में विकासशील देशों ने 847 बिलियन डॉलर सिर्फ ब्याज के रूप में चुकाए। यह 2021 के मुकाबले करीब 26 प्रतिशत ज्यादा है। इन देशों को अमेरिका की तुलना में दो से चार गुना और जर्मनी की तुलना में छह से बारह गुना ज्यादा ब्याज दरों पर कर्ज लेना पड़ा।
जनता पर पड़ रहा असर
जब सरकारों को स्कूल, अस्पताल और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सार्वजनिक क्षेत्रों पर खर्च की बजाय कर्ज चुकाने को प्राथमिकता देनी पड़ती है, तो इसका असर सीधे आम लोगों पर पड़ता है। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में 54 विकासशील देशों में सरकारी फंड का कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा केवल कर्ज के ब्याज चुकाने में खर्च हुआ। इनमें से लगभग आधे देश अफ्रीका में हैं।
आज लगभग 3.3 बिलियन लोग ऐसे देशों में रहते हैं जहां सरकारें स्वास्थ्य या शिक्षा की तुलना में कर्ज भुगतान पर ज्यादा खर्च कर रही हैं। इससे सामाजिक विकास रुक गया है और गरीबी का स्तर बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है।
जेनेवा में हो रहा है ग्लोबल कॉन्फ्रेंस
इन गंभीर हालातों के बीच यूनाइटेड नेशंस ट्रेड एंड डेवलपमेंट (UNCTAD) ने जेनेवा में 17 से 19 मार्च तक 14वां इंटरनेशनल डेट मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस आयोजित किया है। इसमें दुनियाभर के सरकारी अधिकारी, अर्थशास्त्री, और विशेषज्ञ शामिल हुए हैं। कॉन्फ्रेंस में इस बात पर चर्चा की जा रही है कि कैसे कर्ज संकट से निपटा जाए और विकासशील देशों को राहत दी जाए।
इस बैठक में फोकस इस बात पर है कि देश कैसे अपने वित्तीय जोखिमों को बेहतर तरीके से मैनेज करें और विकास कार्यों को प्रभावित होने से बचाएं। आने वाले समय में यह चर्चा ग्लोबल फाइनेंसिंग एजेंडा को आकार देने में अहम भूमिका निभाएगी।
लॉन्च हुआ नया डेट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर
कॉन्फ्रेंस के दौरान UNCTAD ने नया डेट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर DMFAS 7 भी लॉन्च किया है। यह टूल विकासशील देशों को अपने पब्लिक डेट को अधिक पारदर्शी और प्रभावी तरीके से मैनेज करने में मदद करेगा। पिछले 45 सालों में DMFAS सिस्टम ने 60 देशों के 80 से अधिक संस्थानों को आर्थिक स्थिरता और गवर्नेंस सुधारने में मदद की है।













