महाराष्ट्र सरकार के वकीलों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में यह स्पष्ट कर दिया है कि दिशा सालियान की मौत के मामले में कोई संदिग्ध पहलू सामने नहीं आया है और यह मामला आत्महत्या का ही प्रतीत होता है।
Disha Salian Case: मुंबई की पूर्व सेलेब्रिटी मैनेजर दिशा सालियान की मौत के चार साल बाद भी उठते सवालों और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों के बीच आखिरकार बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया है। आदित्य ठाकरे पर लगाए गए तमाम आरोपों को आधारहीन बताते हुए महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में स्पष्ट किया कि दिशा सालियान की मौत के मामले में कोई साजिश या संदेहजनक तथ्य सामने नहीं आए हैं। ऐसे में आदित्य ठाकरे को इस मामले में पूरी तरह क्लीनचिट मिल गई है।
दरअसल, दिशा सालियान के पिता ने अपनी याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई थी कि इस मौत की जांच CBI या मुंबई पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) से कराई जाए। उनका आरोप था कि उनकी बेटी के साथ पहले बर्बरता से रेप हुआ, फिर उसकी हत्या की गई और इसे राजनीतिक दबाव में आत्महत्या करार दिया गया। उन्होंने यहां तक कहा कि इस साजिश में आदित्य ठाकरे की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में रखा पक्ष
राज्य सरकार की ओर से मालवणी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ इंस्पेक्टर शैलेन्द्र नागरकर ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए साफ कर दिया कि दिशा सालियान की मौत की गहनता से जांच की गई थी और फॉरेंसिक सबूतों के साथ-साथ पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर इसे आत्महत्या ही माना गया। सरकार ने कहा कि याचिका में लगाए गए सभी आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं, जिनका कोई ठोस आधार नहीं है।
सरकार की दलीलों में कहा गया कि दिशा के मोबाइल डेटा, कॉल रिकॉर्ड, घटनास्थल की जांच रिपोर्ट, चश्मदीद गवाहों के बयान और सीसीटीवी फुटेज समेत सभी जरूरी सबूतों को खंगाला गया। इसमें हत्या या बलात्कार जैसा कोई सबूत सामने नहीं आया। ऐसे में केस को दोबारा CBI को सौंपने का कोई औचित्य नहीं बनता।
दिशा के पिता ने लगाया था बड़ा आरोप
याचिकाकर्ता यानी दिशा सालियान के पिता ने अदालत में कहा था कि उनकी बेटी की हत्या को आत्महत्या का रूप देकर दबाने की कोशिश हुई, जिसमें राजनीतिक रसूखदार लोग शामिल थे। उनका दावा था कि दिशा की सगाई रोहन राय से हुई थी, लेकिन अचानक उसके जीवन में कई तनाव पैदा हुए और एक दिन उसकी जान चली गई।
दिशा सालियान का नाम सबसे ज्यादा उस समय चर्चा में आया जब 14 जून 2020 को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत हुई। चूंकि दिशा पहले सुशांत की मैनेजर रह चुकी थीं और उनकी मौत के सिर्फ कुछ दिन पहले दिशा का निधन हुआ था, इसलिए दोनों मामलों को जोड़कर देखा गया और तरह-तरह की साजिशों की थ्योरी गढ़ी गईं।
सियासी गलियारों में उठा था बवाल
दिशा सालियान केस को 2022 में महाराष्ट्र विधानसभा में भी उठाया गया था। बीजेपी विधायक नितेश राणे और शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक भरत गोगावले ने इस मुद्दे को सदन में जोर-शोर से उठाया और आदित्य ठाकरे का नार्को टेस्ट तक कराने की मांग कर दी थी। इस पर सदन में काफी हंगामा भी हुआ था, लेकिन जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।
मुंबई पुलिस ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा था कि दिशा सालियान मानसिक तनाव में थीं, कई निजी वजहों से डिप्रेशन का शिकार थीं, जिस कारण उन्होंने 8 जून 2020 को मलाड स्थित एक इमारत की 14वीं मंजिल से छलांग लगाकर जान दे दी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी किसी तरह की चोट या यौन शोषण के सबूत नहीं मिले थे।