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Diwali 2025: जानें महालक्ष्मी पूजन की सही तारीख और शुभ समय

Diwali 2025: जानें महालक्ष्मी पूजन की सही तारीख और शुभ समय

दिवाली 2025 की तारीख और लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त का कन्फ्यूजन अब खत्म हो गया है। इस साल दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जबकि सुबह पूजा करना चाहने वाले लोग 21 अक्टूबर की सुबह भी पूजा कर सकते हैं। शाम और रात के विभिन्न मुहूर्तों में पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।

Diwali 2025: इस साल दिवाली मुख्य रूप से 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। भारत के ज्योतिषाचार्यों और पंचांग विशेषज्ञों के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात को ही महालक्ष्मी पूजन करना सही है। घरों और मंदिरों में शाम 07:08 से 08:18 बजे तक पूजा का प्रमुख मुहूर्त रहेगा। वहीं, कार्यालय या कार्यस्थल पर पूजा करना चाहने वाले लोग 21 अक्टूबर की सुबह भी अमावस्या तिथि के अनुसार पूजा कर सकते हैं। इस बार सही दिन और मुहूर्त पर पूजा करने से परिवार में समृद्धि, सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।

शुभ मुहूर्त और तारीख का कन्फ्यूजन हुआ खत्म

इस साल दिवाली की तारीख को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ था, क्योंकि कार्तिक अमावस्या 20 और 21 अक्टूबर दोनों ही दिन पड़ रही है। लेकिन ज्योतिषाचार्यों और पंचांग विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि दिवाली 2025 का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, दिवाली लक्ष्मी पूजन कार्तिक अमावस्या की रात में किया जाना चाहिए और इस बार प्रदोषकाल से लेकर रात तक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को मौजूद है। इसलिए इस दिन घरों और मंदिरों में महालक्ष्मी पूजा आयोजित की जाएगी।

दिवाली लक्ष्मी पूजन का समय और मुहूर्त

दिवाली लक्ष्मी पूजन 2025 के लिए विशेष मुहूर्त का निर्धारण किया गया है। शाम के प्रदोषकाल के समय शाम 05:46 से 08:18 बजे तक पूजा का शुभ समय रहेगा। वहीं, वृषभ काल शाम 07:08 से 09:03 बजे तक है। रात के निशिता काल में 11:41 से 12:31 बजे तक पूजा की जा सकती है। इसके अलावा, सिंह लग्न का समय 01:38 से 03:56 बजे तक रहेगा। ये सभी मुहूर्त विशेष रूप से शास्त्रों और पंचांग के अनुसार तय किए गए हैं, ताकि घर और कार्यस्थल पर लक्ष्मी पूजन का अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके।

चौघड़िया मुहूर्त 2025

दिवाली लक्ष्मी पूजा के लिए चौघड़िया मुहूर्त भी तय किए गए हैं। अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) 03:44 PM से 05:46 PM तक है। सायाह्न मुहूर्त (चर) 05:46 PM से 07:21 PM तक रहेगा। रात्रि मुहूर्त (लाभ) 10:31 PM से 12:06 AM, 21 अक्टूबर तक है। इसके अलावा, उषाकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) 01:41 AM से 06:26 AM, 21 अक्टूबर तक रहेगा। इन मुहूर्तों के अनुसार पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

ऑफिस और कार्यस्थल पर दिवाली पूजा

जिन लोगों के लिए घर पर पूजा करना संभव नहीं है, वे अपने ऑफिस या कार्यस्थल पर 21 अक्टूबर की सुबह दिवाली लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं। इस दिन सुबह के समय अमावस्या तिथि है, इसलिए सुबह पूजा का भी विशेष महत्व है। पूजा के दौरान घर या कार्यस्थल को साफ-सुथरा रखना, दीपक जलाना और लक्ष्मीजी के चित्र या मूर्ति के सामने आस्था के साथ दीपक और फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है।

पूजन की विधि

दिवाली लक्ष्मी पूजन में पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और लक्ष्मीजी के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं। पूजा के दौरान मंत्रों का उच्चारण और लक्ष्मी मंत्र का जाप करना विशेष लाभकारी होता है। पूजा में हवन या गंध, पुष्प अर्पण और दीपक से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही, व्रत रखने वाले लोग अपने व्रत के नियमों का पालन कर सकते हैं।

दिवाली 2025 का महत्व

दिवाली, धन, समृद्धि और सुख-शांति का पर्व है। इस दिन महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। घरों को दीपों से सजाना और लक्ष्मीपूजन करना शुभ माना जाता है। इस बार 20 अक्टूबर को दिवाली का मुख्य पर्व होने के कारण, लोग पहले से ही अपने घरों और कार्यस्थल को सजाने और पूजा की तैयारी में व्यस्त हैं।

इस साल दिवाली 2025 का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। लक्ष्मी पूजन का प्रमुख मुहूर्त शाम 07:08 से 08:18 बजे तक है, और चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार पूजा करना विशेष लाभकारी है। जो लोग सुबह पूजा करना चाहें, वे 21 अक्टूबर की सुबह भी दिवाली पूजा कर सकते हैं। इस बार की दिवाली में पूजा और मंत्रों का सही समय जानकर ही घर और कार्यस्थल पर समृद्धि और खुशहाली आएगी।

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