तेलंगाना में दशहरा से पहले शराब की बिक्री ने नया रिकॉर्ड बनाया। तीन दिनों में 700 करोड़ रुपये से अधिक की शराब बिकी, जो पिछले साल के आठ दिन के आंकड़े का 82% है। गांधी जयंती के ड्राई डे से पहले मद्य दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ी, जिससे आबकारी विभाग की आमदनी में जोरदार उछाल दर्ज हुआ।
Alcohol sale: तेलंगाना में दशहरा से पहले शराब की बिक्री ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 30 सितंबर तक सिर्फ तीन दिनों में 697 करोड़ रुपये से अधिक की शराब बिक गई। गांधी जयंती के ड्राई डे से पहले लोगों ने जमकर खरीदारी की, जिससे 30 सितंबर को ही 333 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री हुई। आबकारी विभाग के मुताबिक, यह आंकड़ा पिछले वर्ष के पूरे दशहरा सीजन की बिक्री के करीब पहुंच गया है। त्योहार की पार्टियों और पारिवारिक जमावड़ों ने इस उछाल को और तेज किया, जिससे तेलंगाना की ‘लिक्विड इकॉनमी’ में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली।
तीन दिनों में छलका 700 करोड़ का जाम
दशहरे के ठीक पहले के तीन दिनों में तेलंगाना की शराब की दुकानों पर जमकर रौनक देखने को मिली। लोग बोतलें खरीदने के लिए सुबह से ही दुकानों के बाहर लाइन में लग गए। आंकड़ों के मुताबिक, 30 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच राज्य में कुल 697.23 करोड़ रुपये की शराब बिकी। सिर्फ 30 सितंबर को ही 333 करोड़ रुपये की बिक्री हुई, जो राज्य के इतिहास में एक दिन की सबसे बड़ी बिक्री मानी जा रही है।
दशहरे की तैयारियों के बीच लोगों ने पहले से ही स्टॉक भर लिया ताकि गांधी जयंती के ड्राई डे पर कमी महसूस न हो। शराब दुकानों के बाहर लंबी कतारें और भीड़भाड़ का नजारा कई शहरों में आम था। राजधानी हैदराबाद से लेकर वारंगल, करीमनगर और निजामाबाद तक हर जगह दुकानों पर खरीदारी का माहौल था।
पिछले साल के मुकाबले जबरदस्त बढ़ोतरी
अगर पिछले साल से तुलना करें तो इस बार की बिक्री ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 2024 में पूरे दशहरा सीजन के आठ दिनों में जहां 852.38 करोड़ रुपये की शराब बिकी थी, वहीं इस बार सिर्फ तीन दिनों में ही लगभग 82 प्रतिशत बिक्री पूरी हो गई। आबकारी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, त्योहार के दौरान लोगों के मेल-मिलाप, पार्टियों और पारिवारिक समारोहों ने इस बार की बिक्री को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया।
एक शराब दुकानदार ने मजाकिया लहजे में कहा कि “लोगों ने ड्राई डे से पहले सब कुछ वेट कर लिया। अब दशहरा की शामें बिना बोतल के अधूरी लगेंगी।” दुकानदारों के मुताबिक, त्योहार के इस मौसम में हर दुकान का कारोबार दोगुना से ज्यादा हो गया है। कई जगहों पर तो स्टॉक खत्म होने की स्थिति भी बन गई थी।
गांधी जयंती से पहले की खरीदारी में उमड़ी भीड़
गांधी जयंती हर साल शराब दुकानों के लिए ड्राई डे होती है। इस वजह से लोग पहले ही स्टॉक भर लेते हैं ताकि त्योहार की मस्ती में कोई कमी न रहे। इस बार भी ऐसा ही हुआ। जैसे ही 2 अक्टूबर नजदीक आया, शराब दुकानों पर लोगों की भीड़ बढ़ गई। एक्साइज विभाग की रिपोर्ट बताती है कि केवल 30 सितंबर को ही बिक्री का आंकड़ा 333 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
तेलंगाना बना शराब बिक्री का नया हब
तेलंगाना पहले से ही देश के उन राज्यों में शामिल है, जहां शराब बिक्री से सबसे ज्यादा राजस्व आता है। त्योहारों के मौसम में यह आंकड़ा कई गुना बढ़ जाता है। एक्साइज विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि "त्योहार के दौरान लोग बड़े पैमाने पर शराब खरीदते हैं। दशहरा, दीवाली और नववर्ष जैसे मौके पर तो रिकॉर्ड तोड़ बिक्री होती है।"
हैदराबाद के कई इलाकों में शराब दुकानों पर इस बार भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पुलिस को ट्रैफिक नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल लगाना पड़ा। वहीं कुछ इलाकों में दुकानों को देर रात तक खुला रखने की अनुमति भी दी गई ताकि भीड़ को संभाला जा सके।
शराब से मजबूत हो रही राज्य की अर्थव्यवस्था
तेलंगाना सरकार के राजस्व स्रोतों में शराब बिक्री का बड़ा हिस्सा शामिल है। एक्साइज डिपार्टमेंट के मुताबिक, राज्य में हर महीने औसतन 2,500 से 3,000 करोड़ रुपये की शराब बिकती है। त्योहारों के दौरान यह आंकड़ा दोगुना तक पहुंच जाता है। आबकारी विभाग का मानना है कि बढ़ती बिक्री से राज्य की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो रही है।
त्योहार और शराब बिक्री का गहरा रिश्ता
तेलंगाना में दशहरा, दीवाली और उगादी जैसे त्योहारों पर शराब की बिक्री हमेशा बढ़ जाती है। इस बार भी वही ट्रेंड देखने को मिला। दुकानदारों का कहना है कि लोग अब सिर्फ सेलिब्रेशन के लिए ही नहीं, बल्कि उपहार के रूप में भी शराब खरीदने लगे हैं। बाजार में प्रीमियम व्हिस्की, वाइन और बीयर की मांग सबसे ज्यादा रही।
तेलंगाना में दशहरा का यह ‘लिक्विड सेलिब्रेशन’ हर किसी की चर्चा का विषय बना हुआ है। तीन दिनों में 700 करोड़ रुपये की शराब बिक्री का यह आंकड़ा दिखाता है कि राज्य में त्योहारों की रौनक सिर्फ दीयों और मिठाइयों तक सीमित नहीं, बल्कि जाम की टकराहट में भी झलकती है।