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बरेली जाने से रोके जाने पर भड़की प्रियंका चतुर्वेदी, योगी सरकार पर साधा निशाना

बरेली जाने से रोके जाने पर भड़की प्रियंका चतुर्वेदी, योगी सरकार पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश की सियासत आज ताजा विवाद में उलझ गई है। सपा डेलीगेशन को बरेली जाने से रोकने के बाद शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि यह कदम बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।

बरेली: समाजवादी पार्टी के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को बरेली जाने से रोक दिया गया, जिसके बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। इस घटना पर शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह रवैया लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार जिस तरह से डरी हुई और मनमाने तरीके से काम कर रही है, वह लोकतंत्र के लिए सही संकेत नहीं है। समाजवादी पार्टी के सांसद जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि हैं, जिन्हें अपने क्षेत्र की समस्याओं को समझने और उन्हें संसद में उठाने का पूरा अधिकार है। उन्हें रोका जाना जनता की आवाज़ को दबाने की कोशिश है।

प्रियंका चतुर्वेदी का बयान

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार डरी हुई और घबराई हुई है और मनमाने ढंग से काम कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सपा के नेता चुने हुए प्रतिनिधि हैं और जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है। वे संसद में अपनी बात रखने के लिए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर यूपी के किसी हिस्से में हिंसा या अन्याय हो रहा है, तो उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे स्थिति का जायजा लें। वे कानून-व्यवस्था में खलल नहीं डाल रहे और न ही गैरक़ानूनी कार्य कर रहे हैं। फिर भी उन्हें रोका जा रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

प्रियंका ने योगी सरकार पर तानाशाही के संकेत देते हुए कहा, सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जो तानाशाही दिखाई दे रही है, वही यहाँ पर परिलक्षित हो रही है। यूपी में लोगों को सांत्वना देने और उनके दुख-दर्द को समझने का काम कब से गलत हो गया? मुझे उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही वहां जाने की अनुमति दी जाएगी।

सपा डेलीगेशन को रोकने का मामला

उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में 14 सदस्यीय सपा प्रतिनिधिमंडल बरेली जाने वाला था। हालांकि यूपी पुलिस प्रशासन ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे को लखनऊ में उनके आवास पर हाउस अरेस्ट कर लिया गया, वहीं सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को संभल में रोक लिया गया।

दिल्ली से भी सपा के तीन सांसद इकरा हसन, मोहिबुल्लाह नदवी और हरेंद्र मालिक बरेली के लिए रवाना हुए थे, लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें मेरठ टोल प्लाजा से आगे जाने से रोक दिया और वापस भेज दिया। इस रोक के बाद प्रदेश में राजनीतिक वातावरण गरम हो गया है। प्रियंका चतुर्वेदी ने इस कदम को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों को जनता की समस्याओं के समाधान और जनसंवाद में भाग लेने से रोकना लोकतांत्रिक परंपरा का उल्लंघन है।

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