चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा की है। मतदान 9 सितंबर को होगा और परिणाम भी उसी दिन आएगा। कुल 782 सांसद वोट देंगे। नामांकन 21 अगस्त तक भरे जाएंगे।
Vice President Election: चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 की आधिकारिक तारीखों की घोषणा कर दी है। इस बार उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा और परिणाम भी उसी दिन घोषित कर दिया जाएगा। चुनाव की प्रक्रिया अगस्त के पहले सप्ताह से शुरू होगी और सितंबर के दूसरे सप्ताह तक पूरी कर ली जाएगी।
चुनाव कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा जारी
निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा साझा की है। इसके तहत:
- अधिसूचना जारी होगी: 7 अगस्त 2025 (गुरुवार)
- नामांकन की आखिरी तारीख: 21 अगस्त 2025 (गुरुवार)
- नामांकन पत्रों की जांच: 22 अगस्त 2025 (शुक्रवार)
- नाम वापस लेने की आखिरी तारीख: 25 अगस्त 2025 (सोमवार)
- मतदान की तारीख (यदि आवश्यक हुआ): 9 सितंबर 2025 (मंगलवार)
- मतदान का समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
- मतगणना की तारीख (यदि आवश्यक हुआ): 9 सितंबर 2025 (मंगलवार)
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि आवश्यक हुआ तो मतदान और मतगणना एक ही दिन सम्पन्न की जाएगी, ताकि उपराष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जा सके।
कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत, उपराष्ट्रपति का चुनाव एक विशेष पद्धति से किया जाता है। इसमें आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote) का उपयोग होता है। चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य भाग लेते हैं।
मतदान गुप्त मतदान (Secret Ballot) के ज़रिए होता है। प्रत्येक मतदाता को प्राथमिकता के आधार पर उम्मीदवारों की रैंकिंग करनी होती है। यदि कोई उम्मीदवार पहली वरीयता के मतों से आवश्यक कोटा पूरा नहीं कर पाता, तो अन्य उम्मीदवारों की वरीयताओं के आधार पर मतों का पुनः वितरण किया जाता है। यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार कोटा पार नहीं कर लेता।
कुल कितने सांसद डालेंगे वोट?
निर्वाचक मंडल में लोकसभा और राज्यसभा के वर्तमान सदस्य ही मतदान करते हैं। इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव में 782 सांसद वोट डालने के पात्र होंगे। इनमें शामिल हैं:
- राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (5 सीटें रिक्त)
- राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य
- लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (1 सीट रिक्त)
चूंकि सभी निर्वाचक संसद सदस्य हैं, इसलिए प्रत्येक का मत समान मान (Value) रखता है – यानी हर सांसद का मत 1 माना जाएगा।
राजनीतिक दलों की रणनीति पर निगाह
इस चुनाव को लेकर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने रणनीतिक चर्चाएं शुरू कर दी हैं। चूंकि यह चुनाव अप्रत्यक्ष होता है और सांसद ही मतदान करते हैं, इसलिए हर दल अपने सांसदों को एकजुट रखने की कोशिश में लगा है। सरकार और विपक्ष दोनों की नज़र इस चुनाव पर है क्योंकि यह उच्च संवैधानिक पद है और इसके ज़रिए राजनीतिक संदेश भी जाता है।
भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए अपने उम्मीदवार को जिताने की पूरी कोशिश करेगा, वहीं विपक्षी गठबंधन (INDIA) भी संयुक्त उम्मीदवार के पक्ष में समर्थन जुटाने में लगा है।