EPFO ने पीएफ और पेंशन निकालने के नियम बदल दिए हैं। अब नौकरी छोड़ने पर पूरी पीएफ राशि पाने के लिए 12 महीने और पेंशन निकालने के लिए 36 महीने का इंतजार करना होगा। आंशिक निकासी जरूरत पर पहले की तरह आसान रहेगी, जबकि डिजिटल सेवाओं और जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधाएं भी शुरू की गई हैं।
EPFO Rules: EPFO ने अपने सदस्यों के लिए पीएफ और पेंशन निकासी के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब नौकरी छोड़ने पर पूरी पीएफ राशि निकालने के लिए 12 महीने और पेंशन राशि के लिए 36 महीने का इंतजार करना होगा। आंशिक निकासी जरूरतों जैसे बीमारी, शिक्षा या घर खरीदने के लिए पहले की तरह आसान रहेगी। डिजिटल सेवाओं में सुधार और जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा करने जैसी सुविधाएं भी शुरू की गई हैं।
जरूरत पड़ने पर आंशिक निकासी हुई आसान
EPFO ने आंशिक निकासी के नियमों को सरल और एकीकृत कर दिया है। अब अगर किसी सदस्य को गंभीर बीमारी का इलाज करवाने, बच्चों की उच्च शिक्षा, शादी-ब्याह या घर खरीदने जैसी तात्कालिक जरूरत है, तो लंबे इंतजार की आवश्यकता नहीं है। नए नियमों के अनुसार, सिर्फ 12 महीने की नौकरी पूरी होने पर आप इन सभी जरूरी खर्चों के लिए अपने पीएफ खाते से पैसा निकाल सकते हैं। यह बदलाव पहले के जटिल नियमों को खत्म करता है, जहां बीमारी के लिए 12 महीने की सर्विस पर्याप्त थी, लेकिन घर खरीदने के लिए कम से कम पांच साल नौकरी में बने रहने की शर्त थी।
पीएफ खाते का 25% हिस्सा हमेशा रहेगा EPFO के पास
नए नियमों में एक और महत्वपूर्ण शर्त जोड़ी गई है। अब आपके पीएफ खाते में जमा आपका 25 प्रतिशत हिस्सा हमेशा EPFO के पास रहेगा। इसका मतलब है कि आप अपने पीएफ खाते को पूरी तरह से खाली नहीं कर सकते। संगठन का तर्क है कि यह नियम सदस्यों के हित में है। इसके तहत यह सुनिश्चित होता है कि लोगों को उनकी जमा राशि पर 8.25 प्रतिशत की ब्याज दर का लाभ मिलता रहे और सेवानिवृत्ति के समय न्यूनतम बचत सुरक्षित रहे। हालांकि इसका दूसरा पहलू यह है कि आपकी अपनी मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा लंबे समय तक आपके नियंत्रण में नहीं रहेगा।
डिजिटल सेवाओं और कागजी झंझट से मुक्ति
EPFO ने डिजिटल सेवाओं को बेहतर बनाने का वादा किया है। इससे भविष्य में पीएफ और पेंशन दावों का निपटारा बिना कागजी कार्रवाई के स्वचालित रूप से किया जा सकेगा। इसके अलावा, ‘विश्वास योजना’ की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य नियोक्ताओं द्वारा पीएफ जमा करने में हुई देरी पर लगने वाले जुर्माने से जुड़े मुकदमों को कम करना है। पेंशनधारकों के लिए घर बैठे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा भी शुरू की गई है।
नौकरी छूटने पर PF और पेंशन निकालना हुआ मुश्किल
सबसे चिंताजनक बदलाव पूर्ण निकासी के नियम में किया गया है। अब अगर कोई व्यक्ति अपनी नौकरी खो देता है, तो उसे अपने पीएफ खाते की पूरी राशि निकालने के लिए 12 महीने तक इंतजार करना होगा। यह नियम पहले केवल 2 महीने का था और बेरोजगारी के समय आर्थिक सहारा प्रदान करता था।
इसी तरह, पेंशन निकासी के नियम भी पहले से अधिक सख्त कर दिए गए हैं। पहले पेंशनधारी दो महीने के भीतर पूरी राशि निकाल सकते थे, लेकिन अब इसके लिए 36 महीने यानी पूरे तीन साल का इंतजार करना होगा।
नए नियमों का असर आम कर्मचारियों पर
इन बदलावों का सबसे बड़ा असर बेरोजगार हुए लोगों और हाल ही में नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों पर पड़ेगा। अब उन्हें पीएफ निकालने के लिए पूरे 12 महीने तक इंतजार करना होगा। साथ ही पेंशनधारकों को भी अपनी राशि प्राप्त करने के लिए तीन साल तक का इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि, आंशिक निकासी के नियमों को सरल बनाने से आवश्यक खर्चों के लिए पैसे निकालना आसान हो गया है।