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FII ने बेच डाले 87,000 फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स? जानिए बाजार के लिए क्या है खतरे की घंटी

FII ने बेच डाले 87,000 फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स? जानिए बाजार के लिए क्या है खतरे की घंटी

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के लेटेस्ट F&O डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक यानी FIIs जुलाई 2025 की सीरीज में अभी तक काफी आक्रामक बिकवाली कर चुके हैं। महज 11 ट्रेडिंग दिनों में उन्होंने इंडेक्स फ्यूचर्स में 16,844.97 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है।

इस बिकवाली में सबसे बड़ा हिस्सा निफ्टी फ्यूचर्स का है, जहां करीब 68,622 कॉन्ट्रैक्ट्स की शुद्ध बिकवाली की गई है। कुल मिलाकर FIIs ने निफ्टी, बैंक निफ्टी और मिडकैप फ्यूचर्स में 87,554 कॉन्ट्रैक्ट्स बेचे हैं।

शॉर्ट पोजिशन में भारी इजाफा, लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो गिरा

NSE डेटा के मुताबिक, FII की पोजिशनिंग अब तेज़ी से शॉर्ट साइड पर जा रही है। लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो घटकर 0.22 पर आ गया है, यानी हर एक लॉन्ग ट्रेड के मुकाबले 5 शॉर्ट ट्रेड हैं।

इसी दौरान निफ्टी फ्यूचर्स में ओपन इंटरेस्ट (OI) में भी 47 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। यह करीब 43,895 नए शॉर्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के तौर पर दर्ज हुए हैं, जो साफ तौर पर दर्शाता है कि निफ्टी पर भारी शॉर्ट बिल्ड-अप हो रहा है।

निफ्टी में आई 1.8 प्रतिशत की गिरावट

इसी अवधि में निफ्टी 50 इंडेक्स में 1.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। बाजार की दिशा को लेकर अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। सिर्फ 27 जून को FIIs ने एक दिन के लिए थोड़ी बहुत खरीदारी की थी, बाकी पूरे जुलाई सीरीज में उनका रुख बिकवाली का रहा।

तीन दिनों में बिके 8650 करोड़ के फ्यूचर्स

रेलिगेयर ब्रोकिंग के एसवीपी (रिसर्च) अजीत मिश्रा के अनुसार, Q1 नतीजों की सुस्त शुरुआत और निफ्टी का 20-डे EMA के नीचे जाना शॉर्ट पोजिशन में बढ़ोतरी का कारण बना है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन कारोबारी दिनों में FIIs ने इंडेक्स फ्यूचर्स में करीब 8650 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है।

डेरिवेटिव डेटा के मुताबिक बाजार में दिख रही गहरी कमजोरी

सैमको सिक्योरिटीज के डेरिवेटिव रिसर्च एनालिस्ट धूपेश धमेजा के मुताबिक, डेरिवेटिव डेटा फिलहाल बेहद नकारात्मक संकेत दे रहा है। उनका कहना है कि कॉल राइटिंग सबसे ज्यादा 25,500 के स्ट्राइक पर देखी जा रही है, जहां तकरीबन 1.26 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट्स का ओपन इंटरेस्ट बना हुआ है। यह बाजार के लिए ऊपर की तरफ एक मजबूत सप्लाई जोन तैयार करता है।

प्रोप्रायटरी ट्रेडर्स हैं पूरी तरह तटस्थ

अगर बात करें प्रोप्रायटरी ट्रेडर्स की, तो उनकी स्थिति पूरी तरह से तटस्थ नजर आ रही है। उनकी लॉन्ग और शॉर्ट पोजिशन लगभग बराबर हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे अभी बाजार की दिशा को लेकर कोई सटीक फैसला नहीं ले पा रहे हैं।

पुट राइटिंग में दिखा डर, 25,000 बना नया सपोर्ट

पुट राइटिंग के मोर्चे पर निवेशक 25,000 के स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं, जहां करीब 89.89 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स का ओपन इंटरेस्ट बना है। लेकिन इसके बावजूद 25,500 और 25,200 जैसे लेवल्स पर पुट राइटिंग काफी कमजोर रही है, जिससे यह साफ है कि निवेशक ऊपर की तेजी को लेकर आश्वस्त नहीं हैं।

DIIs और रिटेल निवेशकों का रुख थोड़ा अलग

जहां एक ओर FIIs शॉर्ट पोजिशन बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) और रिटेल इनवेस्टर्स का रुख थोड़ा अलग है। वे हर एक शॉर्ट ट्रेड के मुकाबले लगभग दो लॉन्ग ट्रेड ले रहे हैं। यानी उन्हें अभी भी उम्मीद है कि बाजार में कोई तेजी आ सकती है।

तकनीकी स्तरों पर दिख रही निर्णायक लड़ाई

तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी के लिए 25,000 एक अहम स्तर बन गया है। अगर यह लेवल टूटता है तो और गिरावट संभव है, वहीं अगर यह स्तर टिकता है तो एक बार फिर रिकवरी की उम्मीद की जा सकती है।

जुलाई के दूसरे हिस्से में क्या होगा बड़ा बदला

जुलाई सीरीज अभी आधी ही बीती है और इतने बड़े पैमाने पर FII की बिकवाली ने पूरे बाजार को हिला दिया है। अब नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या रिटेल और DII की लॉन्ग पोजिशन बाजार को सपोर्ट दे पाएंगी, या फिर शॉर्ट कवरिंग से अचानक कोई तेजी आएगी।

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