Columbus

घाटशिला उपचुनाव 2025: दिवंगत रामदास सोरेन के बेटे सोमेश सोरेन लड़ेंगे चुनाव, विधानसभा कमेटी ने की घोषणा

घाटशिला उपचुनाव 2025: दिवंगत रामदास सोरेन के बेटे सोमेश सोरेन लड़ेंगे चुनाव, विधानसभा कमेटी ने की घोषणा

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद अब उनकी राजनीतिक विरासत उनके बड़े बेटे सोमेश सोरेन (Somesh Soren) संभालते नजर आ रहे हैं। घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने सर्वसम्मति से सोमेश के नाम पर मुहर लगा दी है। 

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद उनके बड़े बेटे सोमेश सोरेन अब घाटशिला विधानसभा से उपचुनाव लड़ेंगे। घाटशिला विधानसभा कमेटी ने सर्वसम्मति से सोमेश सोरेन के नाम की घोषणा की है और इसकी जानकारी प्रदेश आलाकमान को भी दी गई है। यह निर्णय घाटशिला के पावड़ा स्थित माझी परगना महाल भवन में हुई बैठक में लिया गया। 

इस बैठक में घाटशिला, धालभूमगढ़, मुसाबनी और गुड़ाबांदा के पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे। इससे स्पष्ट होता है कि पार्टी ने उपचुनाव के लिए पूरे जिले में एकजुटता के साथ तैयारी शुरू कर दी है।

कार्यकर्ताओं ने किया उम्मीदवार का ऐलान

घाटशिला उपचुनाव को लेकर पावड़ा स्थित माझी परगना महाल भवन में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इसमें घाटशिला, धालभूमगढ़, मुसाबनी और गुड़ाबांदा प्रखंडों के जेएमएम पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि दिवंगत मंत्री के पुत्र सोमेश सोरेन ही उम्मीदवार होंगे।

पूर्वी सिंहभूम जिला संयोजक प्रमुख बाघराय मार्डी ने कहा कि केंद्रीय कमेटी का निर्णय बाद में आएगा, लेकिन स्थानीय कार्यकर्ताओं की राय साफ है—वह सोमेश सोरेन को विधायक बनाना चाहते हैं।

पिता के सपनों को पूरा करने का संकल्प

सोमेश सोरेन ने अपने पिता के निधन के बाद कहा कि वह उनकी अधूरी योजनाओं को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनका उद्देश्य क्षेत्र की समस्याओं को समझना और उनका स्थायी समाधान करना है। उन्होंने पिता की तस्वीर और मां का आशीर्वाद लेकर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। साथ ही दिशोम गुरु शिबू सोरेन को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि वह कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर क्षेत्र के विकास के लिए काम करेंगे।

राजनीति कोई सीखकर नहीं आता, बल्कि परिस्थितियां इंसान को आगे बढ़ाती हैं।- सोमेश सोरेन झारखंड की राजनीति में यह परंपरा रही है कि यदि किसी विधायक या मंत्री का निधन हो जाता है, तो उनके परिवार के किसी सदस्य को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है। दिवंगत मंत्री जगन्नाथ महतो के निधन के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी को कैबिनेट में जगह दी गई। हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद उनके बेटे हाफिजुल हसन मंत्री बने।

ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि सोमेश सोरेन उपचुनाव जीत जाते हैं, तो उन्हें भी मंत्री पद मिल सकता है। पार्टी की जिला कमेटी ने भी इस मांग को आधिकारिक रूप से आलाकमान तक पहुंचाया है।

Leave a comment