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भारत-चीन रिश्तों में नरमी से खुल रहे नए व्यापारिक रास्ते, इन सेक्टर्स को होगा बड़ा फायदा

भारत-चीन रिश्तों में नरमी से खुल रहे नए व्यापारिक रास्ते, इन सेक्टर्स को होगा बड़ा फायदा

भारत और चीन के रिश्तों में हालिया सुधार से व्यापार जगत को राहत मिल रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में जॉइंट वेंचर्स और निवेश की रफ्तार तेज़ हुई है। Haier, Dixon Technologies, Ashok Leyland और Hinduja Group जैसी कंपनियां नई साझेदारियों और तकनीकी सहयोग पर काम कर रही हैं। इससे निवेश, उत्पादन और रोज़गार के अवसर बढ़ने की संभावना है।

India China Trade Relations: शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्तों में नरमी आई है, जिसका सीधा असर व्यापार पर दिख रहा है। खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश और साझेदारी तेज़ हो गई है। Haier भारतीय निवेशकों को अपनी सब्सिडियरी का हिस्सा बेचने की तैयारी में है, जबकि Dixon Technologies और चीनी कंपनियां हाई-टेक कंपोनेंट्स उत्पादन पर काम कर रही हैं। वहीं Ashok Leyland और हिंदुजा ग्रुप ने चीन की CALB Group के साथ बैटरी तकनीक पर समझौता किया है। इससे उद्योग जगत में नए अवसर खुलने की उम्मीद है।

Haier 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में

चीन की मशहूर होम अप्लायंसेज कंपनी हायर (Haier) ने भारत में अपने विस्तार की बड़ी योजना बनाई है। खबर है कि कंपनी अपनी भारतीय सब्सिडियरी में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है।

उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस सौदे को लेकर भारतीय उद्योगपति सुनील मित्तल के साथ लंबे समय से बातचीत चल रही थी, जो हाल के महीनों में धीमी पड़ गई थी। अब कंपनी चाहती है कि 49 प्रतिशत हिस्सा भारतीय निवेशक को दिया जाए, 49 प्रतिशत खुद रखा जाए और शेष 2 प्रतिशत कर्मचारियों के पास रहे। इस प्रस्ताव पर सोमवार और मंगलवार को कंपनी और मर्चेंट बैंकरों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं।

Dixon Technologies की बड़ी साझेदारी

भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज भी चीन के साथ बड़ी साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ा रही है। कंपनी जल्द ही चीनी कंपनी Chongqing Yuhai के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए आवेदन करने वाली है।

इस साझेदारी के तहत भारत में हाई-टेक कंपोनेंट्स का निर्माण होगा, जिनका इस्तेमाल लैपटॉप जैसे उपकरणों में किया जाएगा। इसके अलावा डिक्सन को उम्मीद है कि HKC और वीवो (Vivo) के साथ संयुक्त योजनाओं को भी जल्द मंजूरी मिल जाएगी। इन सौदों से भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को नई मजबूती मिलेगी।

ऑटो सेक्टर को मिलेगी राहत

ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए भी भारत-चीन रिश्तों में आई नरमी राहत लेकर आई है। अब तक इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले हेवी रियर अर्थ मैग्नेट्स पर चीन से आयात में रोक लगी हुई थी।

इसका सबसे ज्यादा असर बजाज ऑटो और अन्य दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों पर पड़ा। लेकिन अब उम्मीद है कि इन प्रतिबंधों में ढील मिलेगी और भारतीय कंपनियों को राहत मिलेगी। एक ऑटो कंपोनेंट कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा के बाद हालात में सुधार की उम्मीद जगी है और जल्द ही कुछ सकारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।

Ashok Leyland और Hinduja Group का समझौता

भारत की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी अशोक लेलैंड और उसकी पैरेंट कंपनी हिंदुजा ग्रुप ने भी चीन में बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने चीन की CALB ग्रुप के साथ एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस साझेदारी के तहत अगली पीढ़ी की बैटरी तकनीक विकसित की जाएगी। ये बैटरियां केवल ऑटोमोबाइल सेक्टर ही नहीं बल्कि नॉन-ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में भी इस्तेमाल की जाएंगी। कंपनी के एमडी शेनु अग्रवाल और हिंदुजा ग्रुप के अध्यक्ष शोम हिंदुजा इस समझौते के दौरान चीन में मौजूद थे।

बड़े भारतीय उद्योगपतियों का चीन दौरा

भारत-चीन रिश्तों में सुधार के बाद कई बड़ी भारतीय कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी चीन का दौरा करने की तैयारी में हैं। डिक्सन टेक्नोलॉजीज, माइक्रोमैक्स की सब्सिडियरी भगवती प्रोडक्ट्स और पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट जैसी कंपनियों का मैनेजमेंट जल्द ही चीन जाकर संभावित सौदों को अंतिम रूप देगा।

भगवती प्रोडक्ट्स के निदेशक राजेश अग्रवाल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से माहौल में पहले से सुधार था, लेकिन दोनों नेताओं की सौहार्दपूर्ण मुलाकात के बाद अब साझेदारी तेजी से आगे बढ़ रही है।

अमेरिका के साथ तनाव के बीच नई दिशा

यह मुलाकात और समझौते ऐसे समय में हो रहे हैं जब अमेरिका ने भारत पर भारी टैरिफ लगाए हैं। इससे भारत के लिए निर्यात और आयात दोनों में चुनौतियां बढ़ गई हैं।

ऐसे माहौल में चीन के साथ बढ़ती नजदीकी को भारतीय व्यापार के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

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