पिछले छह महीनों से सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे निवेशकों और आम उपभोक्ताओं दोनों में हलचल है।
Gold Price Today: देश में सोने की कीमतों ने बीते कुछ महीनों में नया रिकॉर्ड बना दिया था। अप्रैल 2025 में इसका भाव पहली बार 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया था। बीते छह महीने तक सोने के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली, जिसने निवेशकों से लेकर आम खरीदारों तक को हैरान कर दिया। लेकिन अब सोने की इस लगातार चढ़ती रफ्तार पर कुछ ब्रेक नजर आ रहा है। पिछले एक हफ्ते में सोने के भाव में करीब 930 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि कीमतें अब भी 1 लाख रुपये से ऊपर बनी हुई हैं, लेकिन इस गिरावट ने सोने के बाजार में हलचल पैदा कर दी है।
छह महीने की तेजी के बाद आई गिरावट
2024 के अंत से लेकर जून 2025 तक सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, मुद्रास्फीति और आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते सोने ने सेफ हैवन यानी सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में अपनी स्थिति और मजबूत की। अप्रैल 2025 में जब सोने का दाम 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार गया, तब से ही बाजार में चर्चा थी कि यह तेजी कब थमेगी।
अब, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को 4.25 से 4.50 प्रतिशत के स्तर पर बनाए रखने की घोषणा के बाद, सोने के दामों में कुछ नरमी आई है। एक सप्ताह में सोना 930 रुपये तक सस्ता हुआ है। यह गिरावट मामूली जरूर है, लेकिन यह पिछले छह महीने में पहली बार दर्ज की गई है जब सोने की कीमत नीचे की ओर गई है।
ईरान-इजरायल तनाव का असर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने भी सोने के भाव पर गहरा असर डाला। हर बार जब दुनिया में कहीं भी युद्ध या भू-राजनीतिक संकट गहराता है, तो सोना एक सुरक्षित निवेश के रूप में उभरता है। यही कारण है कि इस तनाव के चलते सोने की कीमतें एक बार फिर चढ़ाव की ओर थीं, लेकिन फेड रिजर्व के फैसले ने इस तेजी को थोड़ा थामने का काम किया।
भारतीय बाजार में सोने के ताजा रेट
देश के प्रमुख शहरों में 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने की कीमतों में पिछले एक हफ्ते में हल्की गिरावट देखने को मिली है। नीचे कुछ प्रमुख शहरों के ताजा रेट दिए गए हैं
- दिल्ली: 24 कैरेट सोना 10,090 रुपये प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोना 9,250 रुपये प्रति ग्राम
- मुंबई: 24 कैरेट सोना 10,075 रुपये, 22 कैरेट सोना 9,235 रुपये प्रति ग्राम
- कोलकाता, हैदराबाद, केरल: 24 कैरेट 10,075 रुपये, 22 कैरेट 9,235 रुपये प्रति ग्राम
- अहमदाबाद, वडोदरा: 24 कैरेट 10,080 रुपये, 22 कैरेट 9,240 रुपये प्रति ग्राम
- चेन्नई: 24 कैरेट 10,075 रुपये, 22 कैरेट 9,235 रुपये प्रति ग्राम
18 कैरेट सोने की कीमतें
18 कैरेट सोना आमतौर पर ज्वेलरी निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी कीमत दिल्ली में 7,569 रुपये प्रति ग्राम, मुंबई और अन्य शहरों में लगभग 7,556 से 7,600 रुपये प्रति ग्राम के आसपास चल रही है।
चांदी की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव जारी है। देश के कई शहरों में 1 किलो चांदी का दाम 1,10,000 रुपये तक पहुंच चुका है। चेन्नई, हैदराबाद और केरल जैसे राज्यों में यह कीमत 1,20,000 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई है।
प्रमुख शहरों में चांदी का भाव:
- दिल्ली, मुंबई, पुणे, कोलकाता, बेंगलुरु: 1,10,000 रुपये प्रति किलो
- चेन्नई, हैदराबाद, केरल: 1,20,000 रुपये प्रति किलो
क्या अब सोना और सस्ता होगा?
इस सवाल का सीधा उत्तर देना कठिन है क्योंकि सोने की कीमतें वैश्विक घटनाओं, मुद्रा की स्थिति, ब्याज दरों और निवेशकों की भावनाओं पर निर्भर करती हैं। वर्तमान में फेड रिजर्व की ब्याज दर स्थिर रखने की घोषणा से यह संकेत मिला है कि फिलहाल महंगाई को नियंत्रण में लाने की प्रक्रिया धीरे चल रही है। इसका असर यह हो सकता है कि डॉलर थोड़ी मजबूती पकड़े और सोने की कीमतों में कुछ और नरमी आए।
लेकिन अगर ईरान-इजरायल तनाव और अन्य भू-राजनीतिक जोखिम गहराते हैं, तो सोने में फिर से तेजी आ सकती है। निवेशकों को इस समय बेहद सतर्कता से कदम रखने की जरूरत है।
निवेशकों के लिए क्या है संकेत?
जो लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय थोड़ा सोच-विचार कर निर्णय लेने का है। अगर कीमतों में और गिरावट आती है तो यह खरीदारी का अच्छा मौका हो सकता है। हालांकि, अगर आप दीर्घकालिक निवेशक हैं तो मौजूदा स्तर भी लाभकारी हो सकते हैं क्योंकि लंबे समय में सोने ने हमेशा अच्छा रिटर्न दिया है।
शादी-ब्याह के लिए सोना खरीदने वालों को राहत
आने वाले महीनों में भारत में शादी का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में जो परिवार सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं उनके लिए यह गिरावट राहत लेकर आई है। हालांकि कीमतें अब भी 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर हैं, लेकिन एक हफ्ते में करीब 900 से ज्यादा रुपये की गिरावट से लागत में कुछ कमी जरूर आएगी।