अगर आपने कभी गूगल मैप्स पर अपने घर का पता टाइप किया है, तो संभव है कि आपको रास्ते के साथ-साथ घर का 360-डिग्री बाहरी दृश्य भी दिखा हो। इसे Street View कहा जाता है, और यह सुविधा अब कई भारतीय शहरों तक पहुंच चुकी है। हालांकि, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि जिस आसानी से यह सुविधा मदद करती है, उतनी ही आसानी से यह आपकी निजी जानकारी को भी सबके सामने ला सकती है। यही वजह है कि हाल के महीनों में ‘'घर को ब्लर करो’' मुहिम दुनिया-भर के यूज़र्स के बीच तेज़ी से लोकप्रिय हो रही है।
स्ट्रीट व्यू: सहूलियत के पीछे छिपा खतरा
गूगल की खास कैमरा कारें और बैक-पैक सिस्टम ज़्यादातर सार्वजनिक सड़कों को रिकॉर्ड करती हैं। इन हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों को जोड़कर एक पैनोरमिक दृश्य तैयार किया जाता है, जिसे यूज़र ज़ूम-इन या ज़ूम-आउट कर के देख सकते हैं। लेकिन डेटा थिंक-टैंक प्राइवेसी लेंस इंडिया के मुताबिक, 'इस सुविधा से कोई भी अनजान व्यक्ति घर की बनावट, बैक-यार्ड का दरवाज़ा, खिड़कियों की संरचना और यहां तक कि सिक्योरिटी कैमरे की दिशा भी देख सकता है।' यह जानकारी उन लोगों के लिए सोने पर सुहागा हो सकती है जो आपकी अनुपस्थिति या घरेलू संपत्ति के बारे में पता लगाना चाहते हैं।
अपराधी कैसे उठाते हैं फायदा?
- संपत्ति का अनुमान – बड़ी बाउंड्री-वॉल, कार-पोर्ट में खड़ी महंगी कारें, स्विमिंग पूल जैसे संकेत संपत्ति की कीमत का अंदाज़ा लगाने में मदद करते हैं।
- एंट्री-प्वाइंट की पहचान – मुख्य गेट या खिड़की के कमज़ोर हिस्से विज़ुअली जाँचे जा सकते हैं।
- रुटीन का संकेत – कई बार तस्वीरों में अख़बार या डिलीवरी बॉक्स दिखाई दे जाते हैं, जिससे यह पता चलता है कि घर कब खाली रहता है।
यही कारण है कि यूरोप में जर्मनी, नीदरलैंड्स और फ्रांस जैसे देश पहले ही 'ऑप्ट-आउट’ मॉडल को अपनाते हुए बड़ी संख्या में घरों को ब्लर कर चुके हैं। भारत में यह सुविधा कम लोगों को मालूम होने के कारण अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में इसका दायरा तेज़ी से बढ़ेगा।
ब्लर करवाने का सीधा-सादा फ़ायदा
- निजता की सुरक्षा – घर का पता सार्वजनिक तौर पर दिखेगा ही नहीं, तो कोई बाहरी व्यक्ति आपकी प्रॉपर्टी का आकलन नहीं कर पाएगा।
- डिजिटल फुटप्रिंट घटाना – सोशल मीडिया और पब्लिक वेबसाइट्स पर पहले से ही काफी निजी जानकारी बिखरी पड़ी है; घर को ब्लर करना उस ‘डिजिटल धुंध’ को और घना बनाता है।
- मनोवैज्ञानिक आराम – यह जानना कि आपका परिवार कम दृश्य-श्रेणी में है, कई लोगों को मानसिक सुकून देता है।
साइबर लॉ विशेषज्ञ रिद्धिमा वर्मा कहती हैं, 'भारतीय आईटी‐कानून में अभी तक स्ट्रीट व्यू जैसी पब्लिकली उपलब्ध इमेज़ के विषय में स्पष्ट दिशानिर्देश कम हैं। ऐसे में स्वैच्छिक ब्लर ही सबसे मजबूत रक्षा-व्यूह साबित हो सकता है।'
कैसे करें अपने घर को ब्लर — चरण-दर-चरण गाइड
- गूगल मैप्स खोलें: ब्राउज़र या मोबाइल ऐप पर जाएं और अपना पूरा पता लिखें।
- स्ट्रीट व्यू आइकन चुनें: पीले ‘पेगमैन’ को ड्रैग करके अपने घर के सामने वाली सड़क पर छोड़ें।
- ‘Report a problem’ पर क्लिक करें: ये विकल्प स्क्रीन के निचले-दाएँ कोने में दिखाई देगा।
- ब्लर क्षेत्र चिह्नित करें: खुलने वाले फॉर्म में लाल बॉक्स को खींचकर अपने घर पर सेट करें।
- विवरण लिखें: ‘Request blurring’ के अंतर्गत कारण बताएं—उदा. 'यह मेरा निवास है और मैं निजी सुरक्षा के लिए इसे ब्लर करवाना चाहता/चाहती हूँ।'
- ईमेल पुष्टि: वैकल्पिक रूप से ईमेल भरें ताकि गूगल प्रक्रिया की स्थिति भेज सके।
- सबमिट करें: एक बार अनुरोध सफलतापूर्वक जमा होने पर गूगल आपको समीक्षा में लेकर जाएगा।
ध्यान रहे, गूगल ने साफ़ किया है कि ब्लर स्थायी होता है; भविष्य में इसे रिवर्स नहीं किया जा सकता। इसलिए ब्लर करने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आप तैयार हैं।
क्या भारतीय कानून इस पहल का समर्थन करता है?
यद्यपि इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 में 'पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन' की धाराएँ सीधे तौर पर स्ट्रीट व्यू को संबोधित नहीं करतीं, पर डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2024 का मसौदा अब राज्यसभा में लंबित है। इसमें सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इमेजरी से संभावित जोखिमों का जिक्र किया गया है। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि बिल पास होने पर यूज़र्स को अपने वर्चुअल संपत्ति-चित्र मिटाने या छिपाने का कानूनी हक़ मिलेगा।
विशेषज्ञों की सलाह: जागरूक रहिए, सुरक्षित रहिए
- नियमित जांच: दो-तीन महीने में एक बार स्ट्रीट व्यू खोलकर देखें कि कोई नई इमेज तो अपलोड नहीं हुई।
- पड़ोसियों को बताएँ: सामूहिक जागरूकता से किसी एक घर की ब्लर इमेज दूसरों के घरों को भी प्रेरित करेगी।
- कई कोणों से सोचें: सिर्फ घर का मुख्य द्वार ही नहीं, बगीचे या पीछे का गेट भी ब्लर करवाएँ।
साइबर सुरक्षा कंसल्टेंट अरुणेश घोष का कहना है, 'जैसे हम दरवाज़े पर ताला लगाते हैं, वैसे ही ऑनलाइन लोकेशन-डाटा पर भी ‘डिजिटल ताला’ लगाना समय की मांग है।'
तकनीक जितनी तेज़ी से आगे बढ़ रही है, उससे कहीं तेज़ जोखिम भी विकसित हो रहा है। Google Maps Street View का लाभ उठाते हुए लोग सफ़र में रास्ता ढूँढने से लेकर नई जगहों का वर्चुअल दौरा कर रहे हैं। पर वही सुविधा अगर आपके घर की सुरक्षा में दरार डाल दे, तो उसे नज़रअंदाज़ करना समझदारी नहीं होगी। घर को ब्लर कराना न तो जटिल प्रक्रिया है, न ही इसमें कोई शुल्क लगता है। बस कुछ क्लिक में आप अपनी प्राइवेसी की एक मज़बूत दीवार खड़ी कर सकते हैं।