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शुभमन गिल ने कप्तान बनते ही रचा इतिहास, इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो शतक ठोक बनाया अनोखा रिकॉर्ड

शुभमन गिल ने कप्तान बनते ही रचा इतिहास, इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो शतक ठोक बनाया अनोखा रिकॉर्ड

इंग्लैंड और भारत के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला एजबेस्टन में खेला जा रहा है। इस मैच के पहले दिन भारतीय बल्लेबाजों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। भारत की ओर से सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने 87 रनों की शानदार पारी खेलकर टीम को मजबूत शुरुआत दिलाई।

Shubman Gill Century: टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज और अब कप्तान बने शुभमन गिल ने एक बार फिर अपने बल्ले का दम दिखाते हुए इतिहास रच दिया है। इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में खेले जा रहे टेस्ट मैच की पहली पारी में गिल ने नाबाद 114 रनों की पारी खेली और अपनी कप्तानी पारी को यादगार बना दिया। दिलचस्प बात यह रही कि कप्तान बनते ही शुभमन गिल ने लगातार दूसरे टेस्ट में शतक ठोका है।

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले में पहले दिन गिल ने जिस अंदाज में बल्लेबाजी की, उसने प्रशंसकों को रोमांचित कर दिया। इस समय गिल 216 गेंदों में 12 चौके और 2 छक्कों की मदद से 114 रन बनाकर नाबाद हैं। उनके साथ रवींद्र जडेजा भी 41 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए हैं। पहले दिन का खेल खत्म होने तक भारत का स्कोर 310/5 रहा।

कप्तान बनते ही रचा इतिहास

शुभमन गिल ने जैसे ही भारतीय टेस्ट टीम की कमान संभाली, वैसे ही उनका खेल और निखर गया। लीड्स टेस्ट में उन्होंने 147 रनों की लाजवाब पारी खेली थी और अब एजबेस्टन में भी शतक जड़कर यह साबित कर दिया कि कप्तानी का दबाव उनके खेल को और धार देता है। गिल इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो टेस्ट में शतक जड़ने वाले केवल तीसरे भारतीय कप्तान बने हैं।

उनसे पहले यह रिकॉर्ड महान बल्लेबाज विजय हजारे और मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाम रहा था। विजय हजारे ने 1951-52 में लगातार दो टेस्ट मैचों में शतक ठोके थे, जबकि अजहरुद्दीन ने 1990 के इंग्लैंड दौरे पर लॉर्ड्स और ओल्ड ट्रैफर्ड में शतक लगाकर यह कारनामा किया था। गिल अब उनकी फेहरिस्त में शामिल होकर अपने नाम एक खास उपलब्धि जोड़ चुके हैं।

टीम इंडिया को दिया मजबूती का सहारा

गिल की इस पारी ने भारतीय टीम को मजबूती दी है। पहले विकेट जल्दी गिरने के बाद यशस्वी जायसवाल ने 87 रनों की पारी खेलकर शानदार शुरुआत दिलाई, मगर वह शतक से चूक गए। उनके आउट होने के बाद गिल ने मोर्चा संभाला और एक छोर पर डटे रहे। बीच-बीच में विकेट गिरते रहे, लेकिन गिल का धैर्य और तकनीक कमाल की रही। रवींद्र जडेजा ने उनका अच्छा साथ निभाया और दोनों के बीच छठे विकेट के लिए 99 रनों की साझेदारी हो चुकी है, जो भारत के लिए काफी अहम साबित हो सकती है।

गिल की बल्लेबाजी में एक खास बात यह दिख रही है कि वह कप्तान बनने के बाद और भी ज्यादा जिम्मेदारी के साथ खेल रहे हैं। उनकी तकनीक, शॉट सिलेक्शन और विकेट पर टिकने का अंदाज यह साफ बताता है कि आने वाले समय में वह भारतीय टेस्ट क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज बन सकते हैं।उनकी इस पारी में कवर ड्राइव और पुल शॉट की टाइमिंग देखने लायक रही। इंग्लिश गेंदबाजों ने उन्हें परेशान करने की कोशिश की, लेकिन गिल ने पूरी समझदारी और आत्मविश्वास से उनका सामना किया।

अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि शुभमन गिल अपनी इस शानदार पारी को कितने बड़े स्कोर में तब्दील कर पाते हैं। उनकी कोशिश जरूर यह होगी कि दूसरे दिन वह दोहरा शतक लगाने की दिशा में कदम बढ़ाएं और भारत को 400-450 रन के पार पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएं।

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