केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि ₹25 लाख ग्रेच्युटी सीमा का लाभ केवल केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों के तहत आने वाले सिविल सेवकों को ही मिलेगा। बैंक, पीएसयू, आरबीआई, विश्वविद्यालयों और राज्य सरकारों के कर्मचारी इस बढ़ी हुई सीमा के दायरे से बाहर रहेंगे, जिससे लाखों कर्मचारियों की उम्मीदों को झटका लगा है।
Gratuity Limit Hike: केंद्र सरकार ने ₹25 लाख की ग्रेच्युटी सीमा को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह लाभ सिर्फ केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 और केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत ग्रेच्युटी) नियम, 2021 के तहत आने वाले कर्मचारियों को मिलेगा। यह नियम बैंक, पीएसयू, आरबीआई, विश्वविद्यालयों और राज्य सरकारों के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। 30 मई 2024 को जारी अधिसूचना के बाद उत्पन्न भ्रम को दूर करने के लिए सरकार ने यह स्पष्टीकरण जारी किया है।
सरकार ने बढ़ाई थी ग्रेच्युटी की सीमा
30 मई 2024 को केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर ग्रेच्युटी की सीमा ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹25 लाख कर दी थी। यह फैसला 1 जनवरी 2024 से प्रभावी भी कर दिया गया था। उस समय यह माना गया था कि यह राहत केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के साथ-साथ सार्वजनिक उपक्रमों, बैंकों, विश्वविद्यालयों और अन्य सरकारी संस्थानों के कर्मचारियों पर भी लागू होगी। लेकिन अब सरकार ने यह साफ कर दिया है कि ऐसा नहीं है।
मंत्रालय ने जारी किया स्पष्टीकरण
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधीन पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने एक नया आदेश जारी कर स्थिति स्पष्ट की है। विभाग ने कहा है कि बढ़ी हुई ग्रेच्युटी सीमा केवल केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 और केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत ग्रेच्युटी का भुगतान) नियम, 2021 के तहत आने वाले कर्मचारियों को ही मिलेगी। यानी केवल वे केंद्रीय सरकारी सिविल सेवक जो इन दो नियमावलियों के दायरे में आते हैं, वही इस बढ़ोतरी का लाभ उठा पाएंगे।
सरकार को यह स्पष्टता इसलिए देनी पड़ी क्योंकि अधिसूचना जारी होने के बाद विभिन्न संस्थानों और कर्मचारियों ने आरटीआई और पत्रों के जरिए सरकार से सवाल पूछने शुरू कर दिए थे। देश भर के बैंक, पीएसयू, आरबीआई, विश्वविद्यालय और राज्य सरकारों के कर्मचारी यह जानना चाहते थे कि क्या यह ₹25 लाख की सीमा उन पर भी लागू होती है।
इस भ्रम की वजह से विभाग के पास बड़ी संख्या में पूछताछ आने लगी। आखिरकार मंत्रालय ने इस पर आधिकारिक रूप से जवाब देना जरूरी समझा ताकि किसी भी स्तर पर गलतफहमी न रहे।
किन्हें नहीं मिलेगा बढ़ी हुई सीमा का लाभ

सरकार ने साफ कहा है कि बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSUs), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), पोर्ट ट्रस्ट, स्वायत्त संस्थान, विश्वविद्यालय, सोसायटी और राज्य सरकारों के कर्मचारियों को यह लाभ नहीं मिलेगा।
इन सभी संस्थानों के कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और पेंशन संबंधी नियम केंद्र सरकार के सिविल सेवा नियमों से अलग हैं। इसीलिए बढ़ी हुई सीमा का फायदा उन्हें स्वतः नहीं मिल सकता। विभाग ने कहा कि इन संस्थानों के कर्मचारी अपने संबंधित मंत्रालय या प्रशासन से संपर्क करें ताकि उन्हें उनके संस्थान के नियमों के अनुसार जानकारी मिल सके।
कौन हैं इस लाभ के पात्र
₹25 लाख तक की ग्रेच्युटी का फायदा केवल उन कर्मचारियों को मिलेगा जो केंद्र सरकार के सिविल सेवक हैं और जो निम्न दो नियमावलियों के अंतर्गत आते हैं।
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021
केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत ग्रेच्युटी का भुगतान) नियम, 2021।
इन नियमों के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय ₹25 लाख तक की ग्रेच्युटी दी जा सकेगी। यानी यह लाभ केवल केंद्र सरकार के विभागों में कार्यरत सिविल सेवकों तक सीमित रहेगा।
करोड़ों कर्मचारियों की उम्मीद टूटी
जब ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाने की घोषणा हुई थी, तो देशभर के लाखों कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। बैंकों, पीएसयू और राज्य सरकारों के कर्मचारियों ने भी सोचा था कि अब उन्हें सेवानिवृत्ति पर ज्यादा ग्रेच्युटी मिलेगी। लेकिन अब मंत्रालय के इस नए आदेश के बाद उनकी उम्मीदों पर विराम लग गया है।
कई कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार को यह लाभ सभी कर्मचारियों तक पहुंचाना चाहिए था, क्योंकि महंगाई और जीवन-यापन की लागत में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हालांकि मंत्रालय ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
क्या है ग्रेच्युटी और क्यों है अहम
ग्रेच्युटी वह राशि होती है जो किसी कर्मचारी को नौकरी से सेवानिवृत्त होने पर या सेवा पूरी करने पर दी जाती है। यह एक तरह का आर्थिक सम्मान और सुरक्षा होती है जो लंबे समय तक काम करने के बदले नियोक्ता की तरफ से दी जाती है। ग्रेच्युटी का भुगतान ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत किया जाता है।
ग्रेच्युटी की राशि की सीमा समय-समय पर बढ़ाई जाती रही है ताकि कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन के अनुरूप राहत मिल सके। पहले यह सीमा ₹10 लाख थी, जिसे 2018 में बढ़ाकर ₹20 लाख किया गया था। और अब केंद्र सरकार ने इसे ₹25 लाख कर दिया है, लेकिन फिलहाल यह केवल सिविल सेवकों तक सीमित रहेगी।













