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GST Collection सितंबर 2025: सरकार के खजाने में आई 1.89 लाख करोड़ की बड़ी राशि, सरकार को मिली बड़ी राहत

GST Collection सितंबर 2025: सरकार के खजाने में आई 1.89 लाख करोड़ की बड़ी राशि, सरकार को मिली बड़ी राहत

सितंबर 2025 में जीएसटी कलेक्शन बढ़कर ₹1.89 लाख करोड़ पहुंच गया, जो पिछले साल से 9% अधिक है। छह महीनों में कुल कलेक्शन ₹12.1 लाख करोड़ रहा। आईजीएसटी ने पहली बार ₹1 लाख करोड़ का आंकड़ा पार किया, जबकि सेस कलेक्शन में गिरावट आई। हाल ही में जीएसटी परिषद ने टैक्स स्लैब घटाकर दो कर दिए, जिससे प्रणाली सरल हुई।

GST Collection: सरकार को सितंबर 2025 में जीएसटी कलेक्शन से बड़ी राहत मिली है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस महीने ₹1.89 लाख करोड़ की आमदनी हुई, जबकि पिछले साल सितंबर में यह ₹1.73 लाख करोड़ थी। अप्रैल से सितंबर तक कुल जीएसटी कलेक्शन ₹12.1 लाख करोड़ रहा, जो 9.8% की बढ़ोतरी है। आईजीएसटी ने पहली बार ₹1 लाख करोड़ पार किया, हालांकि सेस कलेक्शन में कमी दर्ज की गई। त्योहारों के सीजन और कर सुधारों से राजस्व में मजबूती आई है।

छह महीनों में GST का आंकड़ा 12.1 लाख करोड़ रुपए तक पहुँचा

अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच देश का कुल GST कलेक्शन 12.1 लाख करोड़ रुपए रहा। यह पिछले साल की समान अवधि से लगभग 9.8% अधिक है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस छह महीने के दौरान नेट GST रेवेन्यू, यानी टैक्स में से कटौतियों के बाद बचा हुआ हिस्सा, 10.4 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की तुलना में 8.8% अधिक है। यह वृद्धि सरकार के खजाने के लिए आर्थिक मजबूती का संकेत देती है।

IGST कलेक्शन ने नया रिकॉर्ड बनाया

एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) का संग्रह भी इस साल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। सितंबर में IGST की कमाई 1,01,883 करोड़ रुपए रही, जो जनवरी 2025 में बनाए गए पिछले रिकॉर्ड 1,01,075 करोड़ रुपए से अधिक है। यह संकेत करता है कि भारत के भीतर व्यापार और वस्तुओं के आदान-प्रदान में तेजी आई है। IGST में वृद्धि घरेलू और अंतरराज्यीय व्यापार दोनों के मजबूत होने का परिचायक है।

सेस कलेक्शन में थोड़ी कमी

हालांकि, सेस कलेक्शन में कुछ गिरावट देखी गई है। अप्रैल से सितंबर के बीच सेस कलेक्शन लगातार घटकर अप्रैल में 13,451 करोड़ रुपए से सितंबर में 11,652 करोड़ रुपए तक आया। इस कमी के बावजूद कुल GST संग्रह पर इसका प्रभाव न्यूनतम रहा है।

त्योहारों में GST राजस्व में वृद्धि

अगस्त और सितंबर के त्योहारों के दौरान GST संग्रह में भी बढ़ोतरी हुई। इस अवधि में कुल GST कलेक्शन 3.8 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की तुलना में 7.8% अधिक है। त्योहारों के कारण बाजारों में खरीदारी बढ़ी, जिससे टैक्स संग्रह में तेजी आई। यह संकेत करता है कि उपभोक्ता खर्च और आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं।

GST स्लैब में हुए बड़े बदलाव

सितंबर की शुरुआत में GST परिषद ने कर प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किए। पहले चार अलग-अलग कर स्लैब होते थे – 5%, 12%, 18%, और 28% – जिन्हें अब दो मुख्य स्लैब 5% और 18% में बदल दिया गया। इसके अलावा, सिन और लग्जरी वस्तुओं पर 40% का टैक्स लगाया गया। यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू किया गया। इसका उद्देश्य टैक्स प्रणाली को सरल बनाना, कारोबारियों के लिए टैक्स भरना आसान करना और आम उपभोक्ताओं को राहत देना है।

व्यापारी और व्यवसायिक संस्थाएं इस बदलाव से संतुष्ट नजर आ रही हैं। स्लैब कम होने से टैक्स भुगतान में आसानी होगी और जीएसटी प्रणाली और पारदर्शी बन जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे छोटे और मध्यम व्यवसायों पर टैक्स बोझ कम होगा और व्यापार में सक्रियता बढ़ेगी।

IGST रिकॉर्ड और त्योहारों में बिक्री बढ़त

GST कलेक्शन में यह वृद्धि भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत दिखाती है। बढ़ती कर आमदनी से सरकार के पास अधिक संसाधन होंगे, जो विकास परियोजनाओं, सामाजिक योजनाओं और बुनियादी ढांचे पर खर्च किए जा सकते हैं। IGST रिकॉर्ड और त्योहारों के दौरान बढ़ी बिक्री संकेत देती है कि उपभोक्ता खर्च में सुधार हुआ है।

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