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गुरुवार को हल्दी और जल से करें ये 5 उपाय, बृहस्पति दोष और क्लेश होंगे दूर

गुरुवार को हल्दी और जल से करें ये 5 उपाय, बृहस्पति दोष और क्लेश होंगे दूर

हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित होता है। इस दिन को पीले रंग का प्रतीक माना जाता है और यह आस्था, श्रद्धा और समृद्धि से जुड़ा होता है। गुरुवार के दिन यदि श्रद्धा से कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, दुखों से छुटकारा मिलता है और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।

हल्दी और जल का धार्मिक महत्व

हल्दी को भारतीय संस्कृति में पवित्रता, शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह सिर्फ एक मसाला नहीं, बल्कि एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसका प्रयोग धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा-पाठ और आयुर्वेदिक औषधियों में प्राचीन काल से होता आया है। वहीं जल को भी जीवन का आधार और शुद्धता का प्रतीक माना गया है। जब इन दोनों का संयोजन किया जाए, तो यह बेहद प्रभावशाली माना जाता है।

मुख्य द्वार पर हल्दी जल का छिड़काव

गुरुवार की सुबह उठकर स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें और एक लोटा शुद्ध जल में चुटकीभर हल्दी मिलाएं। अब इस जल को घर के मुख्य द्वार और कोनों में छिड़क दें। इस उपाय से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि जहां यह हल्दी जल छिड़का जाता है वहां लक्ष्मी का वास होता है और गृह क्लेश से राहत मिलती है।

हल्दी वाले जल से स्नान

अगर लगातार मानसिक तनाव, असफलता या बाधाएं जीवन में बनी रहती हैं, तो गुरुवार के दिन नहाने के जल में थोड़ा सा हल्दी मिलाकर स्नान करें। यह उपाय न सिर्फ शरीर को शुद्ध करता है बल्कि आत्मा को भी शांति देता है। ऐसा करने से कुंडली में बृहस्पति ग्रह की स्थिति बेहतर होती है और विवाह में आ रही रुकावटें भी दूर होती हैं। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो लंबे समय से नौकरी, व्यवसाय या रिश्तों में परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

तुलसी के पौधे में अर्पित करें हल्दी जल

गुरुवार को पूजा के बाद तुलसी के पौधे में एक लोटा जल, जिसमें हल्दी मिली हो, अर्पित करें। तुलसी माता लक्ष्मी का प्रिय पौधा है और भगवान विष्णु को भी अत्यंत प्रिय है। जब हल्दी मिश्रित जल तुलसी को अर्पित किया जाता है, तो इससे घर में धन का आगमन होता है और आर्थिक संकट दूर होने लगते हैं। साथ ही यह उपाय वातावरण को शुद्ध करता है और नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है।

केले के पेड़ की पूजा में करें हल्दी जल का प्रयोग

गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। यह पेड़ बृहस्पति देव का प्रतीक होता है। इस दिन सुबह स्नान कर पीले वस्त्र पहनें और केले के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। फिर एक लोटा जल लें, उसमें हल्दी मिलाएं और उसे पेड़ की जड़ों में अर्पित करें। इस उपाय से करियर में आ रही रुकावटें दूर होती हैं, सफलता के नए मार्ग खुलते हैं और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।

हल्दी जल से पूजा के पात्रों की शुद्धि

गुरुवार को पूजा से पहले भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को हल्दी मिले जल से पोंछना शुभ माना जाता है। इससे पूजा स्थल की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा पूजा में उपयोग होने वाले पात्र जैसे कलश, थाली, दीपक आदि को भी हल्दी जल से धोने पर वे पवित्र हो जाते हैं और पूजा का संकल्प सशक्त होता है।

घर की दीवारों और कोनों में छिड़काव

गुरुवार के दिन घर के कोनों में हल्दी मिले जल का छिड़काव करने से वहां छिपी हुई नकारात्मकता और ऊर्जा दूर होती है। विशेष रूप से रसोईघर और मंदिर स्थान पर यह छिड़काव करना अधिक फलदायी होता है। इससे न सिर्फ स्थान की शुद्धि होती है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहती है।

हल्दी जल से बनाएं शुभ चिह्न

गुरुवार के दिन हल्दी मिले गाढ़े पेस्ट से घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक, ॐ या शुभ-लाभ जैसे पवित्र चिह्न बनाना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह चिह्न नकारात्मक शक्तियों को घर में प्रवेश करने से रोकते हैं और घर की उन्नति में सहायक होते हैं।

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