यूपी पुलिस भर्ती में इस बार एक अनोखी और प्रेरणादायक कहानी सामने आई है। हापुड़ जिले के रहने वाले पिता-पुत्र की जोड़ी ने एक साथ पुलिस में चयनित होकर मिसाल कायम की है।
उत्तर प्रदेश: जब बात जुनून और समर्पण की हो, तो उम्र कोई मायने नहीं रखती। उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जिसने लाखों युवाओं को नई दिशा देने का काम किया है। जिले के उदयपुर नंगला गांव से ताल्लुक रखने वाले यशपाल नागर और उनके बेटे शेखर नागर ने एक साथ यूपी पुलिस की वर्दी पहनने का सपना न केवल देखा, बल्कि उसे साकार भी कर दिखाया।
जब पिता बने बेटे के हमसफ़र
40 वर्षीय यशपाल नागर एक पूर्व सैनिक हैं। उन्होंने वर्ष 2003 में मात्र 18 साल की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती होकर देश सेवा की शुरुआत की थी। 16 वर्षों तक सीमा पर डटे रहने के बाद 2019 में वे सेवानिवृत्त हुए। लेकिन उनका जज़्बा वहीं नहीं थमा। सेना से लौटकर वे न केवल खुद को फिट रखते रहे, बल्कि अपने बेटे शेखर को भी यूपी पुलिस की भर्ती के लिए प्रेरित किया।
यशपाल का कहना है, मुझे लगा कि जब मैं बेटे को पुलिस भर्ती की तैयारी के लिए कह रहा हूं, तो मुझे खुद भी उसके साथ खड़ा होना चाहिए। बस यहीं से शुरुआत हुई। हम दोनों ने साथ में पढ़ाई की, दौड़ लगाई, और एक-दूसरे को चुनौती देकर खुद को बेहतर बनाया।
साल 2023 की परीक्षा बनी बदलते भाग्य की कुंजी
वर्ष 2023 में उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई। यशपाल और शेखर दोनों ने बिना समय गंवाए फॉर्म भरे और परीक्षा में बैठ गए। दोनों ने कठिन मेहनत, अनुशासन और फिजिकल ट्रेनिंग के बल पर चयन की रेखा पार कर ली। जब लखनऊ में दोनों को साथ में ज्वाइनिंग लेटर मिला, तो यह पल सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे गांव और परिवार के लिए गर्व का क्षण बन गया।
यशपाल और शेखर न केवल अभ्यास में, बल्कि पढ़ाई में भी एक-दूसरे के पार्टनर रहे। रोज़ाना की दिनचर्या में उन्होंने तय किया था कि सुबह दौड़ होगी, फिर शारीरिक व्यायाम, और उसके बाद पढ़ाई। इस साझा मेहनत का असर ये रहा कि दोनों ने भर्ती प्रक्रिया के हर चरण को सफलतापूर्वक पार किया। शेखर बताते हैं, पापा मेरे दोस्त जैसे हैं। वो मुझे डांटते भी हैं और हिम्मत भी देते हैं। जब भी थक जाता था, तो वो कहते थे – ‘अगर मैं कर सकता हूं तो तू क्यों नहीं’। यही शब्द मेरे लिए सबसे बड़ा मोटिवेशन थे।
गांव में जश्न का माहौल
जैसे ही यह खबर फैली कि पिता और पुत्र दोनों को यूपी पुलिस में चयन मिल गया है, तो गांव उदयपुर नंगला में खुशी की लहर दौड़ गई। गांववालों ने ढोल-नगाड़ों से दोनों का स्वागत किया। हर कोई यशपाल और शेखर की मेहनत और लगन की सराहना करता नजर आया। स्थानीय प्रधान से लेकर स्कूल के अध्यापक तक, हर किसी ने इस उपलब्धि को युवाओं के लिए प्रेरणा करार दिया।