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चार देशों ने एक साथ फिलिस्तीन को दी मान्यता, इजरायली पीएम नेतन्याहू ने फैसले पर जताई कड़ी नाराजगी

चार देशों ने एक साथ फिलिस्तीन को दी मान्यता, इजरायली पीएम नेतन्याहू ने फैसले पर जताई कड़ी नाराजगी

21 सितंबर 2025 को ब्रिटेन, कनाडा, पुर्तगाल और ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन को संप्रभु राष्ट्र की मान्यता दी। चारों देशों ने इसे शांति और स्थिरता की दिशा में बड़ा कदम बताया, जबकि इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

World Update: 21 सितंबर 2025 को ब्रिटेन, कनाडा, पुर्तगाल और ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त रूप से फिलिस्तीन को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की घोषणा की। यह ऐतिहासिक कदम मध्यपूर्व में दो-राष्ट्र समाधान (two-state solution) को बढ़ावा देने की दिशा में माना जा रहा है। चारों देशों ने संयुक्त बयान में कहा कि यह निर्णय स्थायी शांति और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

नेतन्याहू की तीखी प्रतिक्रिया

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस फैसले पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने इसे आतंकवाद को पुरस्कृत करने और अस्थिरता बढ़ाने वाला कदम बताया। नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि जॉर्डन नदी के पश्चिम में कोई फिलिस्तीनी राज्य स्थापित नहीं होगा और अमेरिका से लौटने के बाद इजरायल इस मामले पर अपना जवाब देगा।

नेतन्याहू ने आगे कहा कि उन्होंने पिछले कई वर्षों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद आतंकवादी राज्य के निर्माण को रोकने के लिए पूरी रणनीति और चतुर कूटनीति अपनाई है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने यहूदिया और सामरिया में यहूदियों की संख्या दोगुनी की है और इसी मार्ग पर आगे भी कार्य करते रहेंगे।

दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में कदम

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि यह मान्यता दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में एक सकारात्मक कदम है और यह हमास या किसी अन्य आतंकवादी संगठन को फायदा नहीं पहुंचाएगा। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इसे शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व (peaceful coexistence) और हमास के अंत की दिशा में उठाया गया कदम बताया।

ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज ने कहा कि यह निर्णय दो राष्ट्रों के बीच स्थायी समाधान (lasting solution) को गति देने के लिए आवश्यक है। पुर्तगाल की सरकार ने भी मान्यता को क्षेत्रीय शांति और न्यायपूर्ण समाधान की दिशा में योगदान के रूप में देखा है।

मान्यता का अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रभाव

चारों देशों की यह मान्यता फिलिस्तीन और इजरायल के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष में नए राजनीतिक गतिशीलता (political dynamics) ला सकती है। यह कदम संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) में व्यापक बहस को भी जन्म दे सकता है। कई देशों की नजर इस पर लगी है कि क्या अन्य प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी भी इसी दिशा में कदम बढ़ाएंगे।

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