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हिमाचल प्रदेश के मंडी में भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही: दो लोगों की मौत, 20 से अधिक वाहन मलबे में दबे

हिमाचल प्रदेश के मंडी में भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही: दो लोगों की मौत, 20 से अधिक वाहन मलबे में दबे

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से एक दर्दनाक त्रासदी सामने आई है। लवांडी ब्रीज़ के पास हुए भीषण भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में कई मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और सड़कें पूरी तरह से मलबे में दब गई हैं। 

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में मंगलवार सुबह भारी बारिश के चलते भूस्खलन की बड़ी त्रासदी सामने आई। पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ, जिससे सड़कें बाधित हो गईं, मकान क्षतिग्रस्त हो गए और दर्जनों वाहन मलबे में दब गए। अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है।

भूस्खलन से सड़कें और घर आए चपेट में

मंडी से जोगिंद्रनगर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-154 (NH-154) पर लवांडी ब्रीज के पास हुए भूस्खलन ने कई मकानों और गाड़ियों को चपेट में ले लिया। इसी के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग-21 (NH-21), जो मंडी को कुल्लू से जोड़ता है, वह भी कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। पुलिस नियंत्रण कक्ष, मंडी के अनुसार, NH-154 और NH-21 के विभिन्न हिस्सों में भारी मलबा जमा हो गया है, जिससे आवाजाही ठप हो गई है। इसके साथ ही चंडीगढ़-मनाली और पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्गों को भी एहतियातन बंद कर दिया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंडी शहर के विक्टोरिया पुल, लवांडी ब्रीज, पंडोह, डवाड़ा, झलोगी और 4 मील व 9 मील जैसे क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। मंडी-मनाली मार्ग पर झलोगी और दवाड़ा के पास सड़क के बड़े हिस्से बह गए हैं, जिससे राहत कार्यों में भी काफी बाधा आ रही है। नगर आयुक्त मंडी, रोहित राठौर ने बताया कि “लगातार हो रही बारिश के चलते ऊपरी इलाकों से भारी मलबा नीचे की ओर बहकर आ गया है। यह स्थिति बादल फटने जैसी आपदा के कारण भी उत्पन्न हो सकती है। जेल रोड और विक्टोरिया पुल के पास भारी नुकसान हुआ है।

हादसे में दो की मौत

अब तक दो शवों को मलबे से निकाला जा चुका है। मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। इसके अतिरिक्त, 20 से अधिक वाहन मलबे में दबे होने की सूचना है। धर्मपुर लोनिवि मंडल कार्यालय और अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समीप पार्क की गई कई सरकारी और निजी गाड़ियां भी भूस्खलन की चपेट में आ गई हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ लोग मलबे में फंस गए थे, जिन्हें खिड़कियां तोड़कर या दीवारों के माध्यम से बाहर निकाला गया। 

स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ और फायर विभाग की टीमें मौके पर तैनात हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। भारी बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को मार्ग बहाल करने में कठिनाई हो रही है। एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब तक वर्षा बंद नहीं होती, तब तक मार्ग खोलना संभव नहीं है। पहाड़ों से लगातार पत्थर गिरने के कारण सुरक्षा जोखिम बना हुआ है।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन राहत सामग्री, खाद्य पदार्थ, तिरपाल और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में जुटे हुए हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों से भी कई स्थानों से भूस्खलन की खबरें आ रही हैं, जिससे संपर्क साधनों की बहाली एक चुनौती बन गई है।

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