हरियाणा सरकार ने राज्य कर्मचारियों की पेंशन सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत अधिसूचित एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को मंजूरी दे दी गई है। यह योजना 1 अगस्त 2025 से लागू होगी और इसका सीधा लाभ 1 जनवरी 2006 या उसके बाद नियुक्त हुए करीब 2 लाख से अधिक कर्मचारियों को मिलेगा।
25 साल की सेवा पर मिलेगा आधे वेतन के बराबर पेंशन
सरकारी जानकारी के अनुसार, UPS के तहत अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल की सेवा पूरी की है, तो उसे रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके साथ ही पारिवारिक पेंशन की भी व्यवस्था की गई है। सरकार ने इसे कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा और रिटायरमेंट के बाद की स्थिरता के लिए एक ठोस पहल बताया है।
10 साल की सेवा पर भी तय पेंशन
यदि कोई कर्मचारी 10 साल या उससे अधिक अवधि की सेवा के बाद रिटायर होता है, तो उसे हर महीने ₹10,000 की न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन दी जाएगी। वहीं, यदि पेंशनधारी का निधन हो जाता है, तो उसके परिजनों को अंतिम प्राप्त पेंशन का 60% पारिवारिक पेंशन के रूप में प्रदान किया जाएगा।
इसके अलावा, महंगाई राहत (DA) का लाभ भी पेंशन और पारिवारिक पेंशन दोनों पर लागू होगा, जिसकी गणना सेवारत कर्मचारियों के लिए तय DA के अनुसार की जाएगी। हालांकि, यह राहत पेंशन भुगतान शुरू होने के बाद ही लागू मानी जाएगी।
रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान और सरकार का बढ़ा योगदान
UPS योजना के तहत कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय एकमुश्त भुगतान का भी प्रावधान है। अर्हक सेवा के हर छह महीने के लिए मूल वेतन और DA का 10% एकमुश्त राशि के रूप में दिया जाएगा। यह तय पेंशन को प्रभावित नहीं करेगा।
अब तक NPS के तहत सरकार 14% योगदान करती थी, जबकि कर्मचारी 10% देते हैं। UPS लागू होने के बाद सरकार का अंशदान बढ़कर 18.5% हो जाएगा। इससे हर महीने सरकार पर ₹50 करोड़ और सालाना ₹600 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा। फिर भी सरकार का मानना है कि यह कदम कर्मचारियों को बेहतर सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।